दोस्तों, इस पोस्ट में हमने आपके लिए सूरह अत-तकवीर (Surah Takwir in Hindi) से जुड़ी पूरी जानकारी हिंदी में मौजूद कराने की पूरी कोशिश की है,
जैसे की सूरह तकवीर हिंदी में, सूरह अत-तकवीर का हिंदी तर्जुमा और सूरह तकवीर की पीडीऍफ़।
दोस्तों, सूरह अत-तकवीर हिंदी में पढ़ने से पहले हमें चाहिए की हम सूरह से जुड़ी कुछ जरूरी बातें जान लें।
आपको बताते चलें की Surah Takweer का हिंदी मतलब होता है: – “लपेटना”।
सूरह तकवीर कुरान करीम के 30वें पारा में मौजूद 81वीं सूरह है। यह मक्की सूरह है।
सूरह का नाम | सूरह अत-तकवीर |
पारा नंबर | 30 |
सूरह नंबर | 81 |
कुल आयतें | 29 |
कुल रुकू | 1 |
कुल शब्द (अलफ़ाज़) | 104 |
कुल अक्षर (हर्फ़) | 435 |
सूरह तकवीर हिंदी में | Surah Takweer In Hindi Text
दोस्तों यहाँ नीचे हमने सूरह तकवीर को हिंदी में मौजूद कराया है। आप नीचे दी गयी Surah Takwir Hindi Mein Text, को पढ़कर आसानी के साथ इस सूरह तकवीर की तिलावत कर सकते हैं।
अ ऊजु बिल्लाहि मिनश शैतानिर रजीम
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम
1. इज़श्शम्सु कुव्विरत
2. व इज़न्नुजूमुन क दरत
3. व इज़ल जिबालु सुय्यिरत
4. व इज़ल अिशारु अुत्तिलत
5. व इज़ल वुहूशु हुशिरत
6. व इज़ल बिहारु सुज्जिरत
7. व इज़न्नुफूसु जुव्विजत
8. व इज़ल मौऊ दतु सुअिलत
9. बिअय्यि ज़मबिन कुतिलत
10. व इज़स्सुहुफु नुशिरत
11. व इज़स्समा – उ कुशितत्
12. व इज़ल जहीम सुअ्अ़िरत
13. व इज़ल जन्नतु उज़्लिफ़त
14. अ़लिमत् नफ़्सुम मा अह् ज़रत
15. फ़ला उक्सिमु बिल्खुन्नसिल
16. जवारिल कुन्नस
17 वल् लैलि इज़ा अ़स् अ़ स
18. वस्सुब्हि इज़ा त नफ़्फ़ स
19. इन्नहू ल क़ौलु रसूलिन करीम
20. ज़ी कुव्वतिन् अिन् द ज़िल् अ़र्शि मकीन
21. मुताअिन् सम् म अमीन
22. व मा साहिबुकुम् बिमज्नून
23. व ल – क़द् रआहु बिल् उफुकिल मुबीन
24. व मा हु व अ़लल् ग़ौबि बि ज़नीन
25. व मा हु व बिक़ौलि शैतानिर् रजीम
26. फ़ऐ न तज़्हबून
27. इन्हु व इल्ला ज़िक्रुल् लिल् आ़लमीन
28. लिमन् शा अ मिन्कुम् अंय्यस्तकीम
29. व मा तशाऊ न इल्ला अंय्यशा अल्लाह रब्बुल् आ़लमीन
जैसा की आपने ऊपर सूरह तकवीर को हिंदी टेक्स्ट के जरिये पढ़ ही लिया होगा। हम आपसे दरख्वास्त करते हैं कि आप इस Surah Takweer Translation in Hindi को भी पढ़ें।
क्यूंकि Surah Takweer का तर्जुमा पढ़कर हमें समझ आएगा की अल्लाह ने इस सूरह में क्या इरशाद फ़रमाया है।
क्या आपने सूरह कहफ़ की पीडीऍफ़ डाउनलोड की? अगर नहीं की तो करें: – सूरह कहफ़ हिंदी में pdf
सूरह तकवीर का तर्जुमा | Surah Takwir Ka Tarjuma
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम
अल्लाह के नाम से जो बहुत मेहरबान , रह्म करने वाला है।
इज़श्शम्सु कुव्विरत
जब सूरज लपेट दिया जाएगा।
व इज़न्नुजूमुन क दरत
और जब सितारे बेनूर हो जाएंगे।
व इज़ल जिबालु सुय्यिरत
और जब पहाड़ चलाए जाएंगे।
व इज़ल अिशारु अुत्तिलत
और जब दस महीने की गाभन ऊंटनियां आवारा फिरेंगी।
व इज़ल वुहूशु हुशिरत्
और जब वहशी जानवर इकट्ठा हो जाएंगे।
व इज़ल – बिहारु सुज्जिरत
और जब समुद्र भड़का दिए जाएंगे।
व इज़न्नुफूसु जुव्विजत
और जब एक-एक क़िस्म के लोग इकट्ठा किए जाएंगे।
व इज़ल मौऊ दतु सुअिलत्
और जब ज़िंदा गाड़ी हुई लड़की से पूछा जाएगा
बिअय्यि ज़मबिन् कुतिलत
कि वह किस क़ूसूर में मारी गई।
व इज़स्सुहुफु नुशिरत्
और जब आमालनामे (कर्म-पत्र) खोले जाएंगे।
व इज़स्समा उ कुशितत्
और जब आसमान खुल जाएगा।
व इज़ल जहीम सुअ्अ़िरत्
और दोजख़ भड़काई जाएगी।
व इज़ल जन्नतु उज़्लिफ़त्
और जब जन्नत क़रीब लाई जाएगी।
अ़लिमत् नफ़्सुम् – मा अह् – ज़रत्
हर शख्स जान लेगा कि वह क्या लेकर आया है।
फ़ला उक्सिमु बिल्खुन्नसिल्
पस नहीं, मैं क़सम खाता हूं पीछे हटने वाले,
जवारिल कुन्नस
चलने वाले और छुप जाने वाले सितारों की।
वल् लैलि इज़ा अ़स् अ़ स
और रात की जब वह जाने लगे।
वस्सुब्हि इज़ा त नफ़्फ़ स
और सुबह की जब वह आने लगे
इन्नहू ल क़ौलु रसूलिन् करीम
कि यह एक बाइज़्ज़त रसूल का लाया हुआ कलाम है।
ज़ी कुव्वतिन् अिन् द ज़िल् अ़र्शि मकीन
क्रुव्वत वाला, आर्श वाले के नजदीक बुलन्द मर्तबा है।
मुताअिन् सम् म अमीन
उसकी बात मानी जाती है, वह अमानतदार है।
व मा साहिबुकुम् बिमज्नून
और तुम्हारा साथी दीवाना नहीं।
व ल क़द् रआहु बिल् उफुकिल मुबीन
और उसने उसे खुले उफ़ुक़र (क्षितिज) में देखा है।
व मा हु व अ़लल् ग़ौबि बि ज़नीन
और वह गैब की बातों का हरीस (हिर्स रखने वाला) नहीं।
व मा हु व बिक़ौलि शैतानिर् रजीम
और वह शैतान मरदूद का क़ौल नहीं।
फ़ऐ न तज़्हबून
फिर तुम किधर जा रहे हो।
इन्हु व इल्ला ज़िक्रुल् लिल् आ़लमीन
यह तो बस आलम (संसार) वालों के लिए एक नसीहत है,
लिमन् शा अ मिन्कुम् अंय्यस्तकीम
उसके लिए जो तुम में से सीधा चलना चाहे।
व मा तशाऊ न इल्ला अंय्यशा अल्लाह रब्बुल् आ़लमीन
और तुम नहीं चाह सकते मगर यह है कि अल्लाह रब्बुल आलमीन चाहे।
सूरह अत-तकवीर इमेज | Surah At-Takweer Hindi Image
सूरह तकवीर पीडीऍफ़ | Surah Takweer Hindi Pdf
दोस्तों जैसा की आपने सूरह तकवीर को ऊपर टेक्स्ट के जरिये पढ़ ही लिया होगा और साथ ही साथ आपने सूरह तकवीर का हिंदी तर्जुमा भी पढ़ा होगा।
लेकिन हम चाहते हैं की हम इस सूरह को जब चाहे तब पढ़ सकें, उसके लिए हमने नीचे इस सूरह तकवीर की पीडीऍफ़ डाउनलोड करने का button दिया है।
आप आसानी के साथ यहाँ से Surah Takweer in Hindi Pdf Download कर सकते हैं।
सूरह अत-तकवीर अरबी में | Surah Takweer In Arabic
بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
(1) إِذَا الشَّمْسُ كُوِّرَتْ
(2) وَإِذَا النُّجُومُ انْكَدَرَتْ
(3) وَإِذَا الْجِبَالُ سُيِّرَتْ
(4) وَإِذَا الْعِشَارُ عُطِّلَتْ
(5) وَإِذَا الْوُحُوشُ حُشِرَتْ
(6) وَإِذَا الْبِحَارُ سُجِّرَتْ
(7) وَإِذَا النُّفُوسُ زُوِّجَتْ
(8) وَإِذَا الْمَوْءُودَةُ سُئِلَتْ
(9) بِأَيِّ ذَنْبٍ قُتِلَتْ
(10) وَإِذَا الصُّحُفُ نُشِرَتْ
(11) وَإِذَا السَّمَاءُ كُشِطَتْ
(12) وَإِذَا الْجَحِيمُ سُعِّرَتْ
(13) وَإِذَا الْجَنَّةُ أُزْلِفَتْ
(14) عَلِمَتْ نَفْسٌ مَا أَحْضَرَتْ
(15) فَلَا أُقْسِمُ بِالْخُنَّسِ
(16) الْجَوَارِ الْكُنَّسِ
(17) وَاللَّيْلِ إِذَا عَسْعَسَ
(18) وَالصُّبْحِ إِذَا تَنَفَّسَ
(19) إِنَّهُ لَقَوْلُ رَسُولٍ كَرِيمٍ
(20) ذِي قُوَّةٍ عِنْدَ ذِي الْعَرْشِ مَكِينٍ
(21) مُطَاعٍ ثَمَّ أَمِينٍ
(22) وَمَا صَاحِبُكُمْ بِمَجْنُونٍ
(23) وَلَقَدْ رَآهُ بِالْأُفُقِ الْمُبِينِ
(24) وَمَا هُوَ عَلَى الْغَيْبِ بِضَنِينٍ
(25) وَمَا هُوَ بِقَوْلِ شَيْطَانٍ رَجِيمٍ
(26) فَأَيْنَ تَذْهَبُونَ
(27) إِنْ هُوَ إِلَّا ذِكْرٌ لِلْعَالَمِينَ
(28) لِمَنْ شَاءَ مِنْكُمْ أَنْ يَسْتَقِيمَ
(29) وَمَا تَشَاءُونَ إِلَّا أَنْ يَشَاءَ اللَّهُ رَبُّ الْعَالَمِينَ
इज़श्शम्सु कुव्विरत सूरह अरबी इमेज
सूरह तकवीर की ऑडियो | Surah At-Takweer Mp3
दोस्तों, हमें उम्मीद है की आपने सूरह तकवीर को हिंदी और अरबी में पढ़ लिया होगा। यहाँ हमने सूरह तकवीर की ऑडियो फाइल मौजूद करायी है।
अगर आपको कुरान की तिलावत अरबी में उर्दू तर्जुमा के साथ सुनना पसंद है, जिसे सुनकर आपको सुकून हासिल होता है, तो हमें नीचे इस Surah At-Takwir Mp3 डाउनलोड करने का button दिया है।
आप आसानी के साथ इसे डाउनलोड कर सकते हैं।
सूरह तकवीर की तफसीर | Surah Takweer Tafseer
📜 आयत (1-6): – इन आयत में तबाही के पहले मरहले में दुनिया में जो उथल-पुथल होगी उस को दिखाया गया है कि आकाश, धरती और पर्वत, सागर तथा जीव जन्तुओं की क्या दशा होगी।
और माया मोह में पड़ा इन्सान इसी दुनिया में अपने प्रियवर धन से कैसा बेपरवाह हो जायेगा। जंगल के जानवर भी डर के मारे जमा हो जायेंगे। समुन्द्रों में पानी जमा होने से जमीन पानी से भर जायेगी।
📜 आयत (7-14): – इन आयतों में तबाही के दूसरे मरहले की दशा को दर्शाया गया है कि इन्सानों की ईमान और आमालों के हिसाब से श्रेणियाँ बनेंगी।
मज़लूमों के साथ न्याय किया जायेगा। आमाल नामें खोल दिये जायेंगे। जहन्नम भड़काई जायेगी। जन्नत सामने कर दी जायेगी। और उस समय सभी को हकीकत का इल्म हो जायेगा।
इस्लाम के उरूज़ के समय अरब में कुछ लोग बेटियों को जन्म लेते ही जिंदा गाड़ दिया करते थे। इस्लाम ने औरतों को ज़िन्दगी बख्सी। और उन्हें जिदा गाड़ देना जुर्म करार किया। आयत नंबर 8 में उन्हीं बुजदिल मुजलिमों को धिक्कारा गया है।
📜 आयत (15-21): – सितारों की हरकत तथा अंधेरे के बाद बाकायदा रौशनी की कसम इस बात की गवाही है कि क़ुरआन ज्योतिष की बकवास नहीं। बल्कि यह अल्लाह का कलाम है।
जिस को एक शक्तिशाली तथा सम्मान वाला फ़रिश्ता ले कर मुह़म्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के पास आया, और अमानतदारी से इसे पहुँचाया।
📜 आयत (22-24): – इन में यह चेतावनी दी गई है कि अल्लाह के प्यारे पैगम्बर (मुह़म्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) जो सुना रहे हैं, और जो फ़रिश्ता वह़्यी (प्रकाशना) लाता है उन्होंने उसे देखा है।
वह परोक्ष की बातें प्रस्तुत कर रहे हैं कोई ज्योतिष की बात नहीं, जो धिक्कारे शौतान ज्योतिषियों को दिया करते हैं।
📜 आयत (27-29): – इन दलाइल के पश्चात सावधान किया गया है कि कुरआन महज़ ज़िक्र है। इस दुनिया में इस के सच होने की तमाम निशानियाँ सबके सामने हैं। इनका मुतालअ कर के खुद सच की राह अपना लो अन्यथा अपना ही बिगाड़ोगे।
Leave a Comment