दोस्तों, इस पोस्ट में हमने आपके लिए सूरह मुर्सलात (Surah Mursalat in Hindi) से जुड़ी पूरी जानकारी हिंदी में मौजूद कराने की पूरी कोशिश की है,
जैसे की सूरह मुर्सलात हिंदी में, सूरह मुर्सलात का हिंदी तर्जुमा और सूरह मुर्सलात की पीडीऍफ़।
📌नोट: – ” कोशिश करें की आप कुरान को अरबी भाषा ही में पढ़ें, जिससे अलफ़ाज़ में कोई गलती न हो।
दोस्तों, सूरह मुर्सलात हिंदी में पढ़ने से पहले हमें चाहिए की हम सूरह से जुड़ी कुछ जरूरी बातें जान लें।
आपको बताते चलें की Surah Mursalat का हिंदी मतलब होता है: – “भेजी जाने बालियाँ”।
सूरह मुर्सलात कुरान करीम के 29वें पारा में मौजूद 77वीं सूरह है। यह मक्की सूरह है।
सूरह का नाम | सूरह अल-मुर्सलात |
पारा नंबर | 29 |
सूरह नंबर | 77 |
कुल आयतें | 50 |
कुल रुकू | 2 |
कुल शब्द (अलफ़ाज़) | 181 |
कुल अक्षर (हर्फ़) | 841 |
सूरह मुर्सलात हिंदी में | Surah Mursalat In Hindi Text
दोस्तों यहाँ नीचे हमने सूरह मुर्सलात को हिंदी में मौजूद कराया है। आप नीचे दी गयी Surah Mursalat Hindi Mein Text, को पढ़कर आसानी के साथ इस सूरह मुर्सलात की तिलावत कर सकते हैं।
अ ऊजु बिल्लाहि मिनश शैतानिर रजीम
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम
1. वल मुर्सलाती उर्फा
2. फल आसिफाती अस्फा
3. वन नाशिराती नश्फा
4. फल फारिक़ाति फरक़ा
5. फल मुल्कियाती ज़िकरा
6. उजरन औ नुजरा
7. इन्नमा तू अदूना लौ किअ्
8. फ इजन नुजूमु तुमिसत
9. व इजस समाऊ फुरिजत
10. व इजल जिबालू नुसिफत
11. व इज़र रुसुलु उक्कितत
12. लि अइ इ यौमिन उज्जिलत
13. लि यौमिल फस् ल
14. वमा अदरा क मा यौमुल फस् ल
15. वैलुयि यौमाइजिल लिल्मुकज्जिबीन
16. अलम नुह लिकिल औलीन
17. सुम्मा नुत्बि उहुमुल आखिरीन
18. कजालिका नफ़ अलु बिल मुजरिमीन
19. वैलुयी यौमा इजिल लिल मुकज्ज़िबीन
20. अलम नख्लुक्कुम मिम् मा इम महीन
21. फजा अल्नाहु फी क़रारिम मकीन
22. इला क द रिम मअ् लूम
23. फ कदरना फनिमअ् मल क़ादिरून
24. वैलुयी यौमा इजिल लिल मुकज्ज़िबीन
25. अलम नज् अलिल अरजा किफाता
26. अह् या औं व अम्वाता
27. व जअलना फीहा रवासिया शामि खातिन व अस् कैनाकुम मा अन फुरता
28. वैलुयी यौमा इजिल लिल मुकज्ज़िबीन
29. इन् त्वालिकू इला मा कुंतुम बिही तुकज्जिबून
30. इन् त्वालिकू इला जिल्लिन ज़ी सलासी शुअब
31. ला ज़लीलिऔं वला युगनी मिनल लहब
32. इन्नहा तर्मी बि शरारिन कल क़स्र
33. क अन्नहु जमालतुन सुफ्र
34. वैलुयी यौमा इजिल लिल मुकज्ज़िबीन
35. हाजा यौमु ला यन त्विकून
36. वला युअ् जनु लहुम फ यअ् तजिरून
37. वैलुयी यौमा इजिल लिल मुकज्ज़िबीन
38. हाजा यौमुल फसलि जमअ्’नाकुम वल अव्वलीन
39. फ इन का न लकुम कैदुन फ कीदून
40. वैलुयी यौमा इजिल लिल मुकज्ज़िबीन
41. इन्नल मुत्तक़ीना फी जिलालिऔं व उयून
42. व फवाकिहा मिम्मा यश् तहून
43. कुलू वश’रबू हनी’ अम बिमा कुंतुम तअ्’मलून
44. इन्ना कज़ालिका नज्ज़िल मुह्’सिनीन
45. वैलुयी यौमा इजिल लिल मुकज्ज़िबीन
46. कुलू व तमत्’तऊ क़ुलीलन इन्नाकुम मुजरिमून
47. वैलुयी यौमा इजिल लिल मुकज्ज़िबीन
48. व इज़ा क़ीला लहुमुर कऊ ला यर क ऊन
49. वैलुयी यौमा इजिल लिल मुकज्ज़िबीन
50. फ बि अय्यि हदीसिम बअ्’दहू युअ्मिनून
जैसा की आपने ऊपर सूरह मुर्सलात को हिंदी टेक्स्ट के जरिये पढ़ ही लिया होगा। हम आपसे दरख्वास्त करते हैं कि आप इस Surah Mursalat Translation in Hindi को भी पढ़ें।
क्यूंकि Surah Mursalat का तर्जुमा पढ़कर हमें समझ आएगा की अल्लाह ने इस सूरह में क्या इरशाद फ़रमाया है।
सूरह मुर्सलात का तर्जुमा | Surah Mursalat Ka Tarjuma
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम
अल्लाह के नाम से जो बहुत मेहरबान , रहम करने वाला है।
वल मुर्सलाती उर्फा
क़सम है हवाओं की जो छोड़ दी जाती हैं।
फल आसिफाती अस्फा
फिर वे तूफ़ानी रफ़्तार से चलती हैं।
वन नाशिराती नश्फा
और बादलों को उठाकर फैलाती हैं।
फल फारिक़ाति फरक़ा
फिर मामले को जुदा करती हैं।
फल मुल्कियाती ज़िकरा
फिर याद दिहानी डालती हैं।
उजरन औ नुजरा
उज्ज के तौर पर या डरावे के तौर पर।
इन्नमा तू अदूना लौ किअ्
जो वादा तुमसे किया जा रहा है वह ज़रूर वाक्रेअ (घटित) होने वाला है।
फ इजन नुजूमु तुमिसत
पस जब सितारे बेनूर हो जाऐँगे।
व इजस समाऊ फुरिजत
और जब आसमान फट जाएगा।
व इजल जिबालू नुसिफत
और जब पहाड़ रेज़ा-रेज़ा कर दिए जाएंगे।
व इज़र रुसुलु उक्कितत
और जब पैग़म्बर मुअय्यन (निश्चित) वक़्त पर जमा किए जाएंगे।
लि अइ इ यौमिन उज्जिलत
किस दिन के लिए वे टाले गए हैं।
लि यौमिल फस् ल
फ़ैसले के दिन के लिए।
वमा अदरा क मा यौमुल फस् ल
और तुम्हें क्या ख़बर कि फ़ैसले का दिन क्या है।
वैलुयि यौमाइजिल लिल्मुकज्जिबीन
तबाही है उस दिन झुठलाने वालों के लिए।
अलम नुह लिकिल औलीन
क्या हमने अगलों को हलाक नहीं किया।
सुम्मा नुत्बि उहुमुल आखिरीन
फिर हम उनके पीछे भेजते हैं पिछलों को |
कजालिका नफ़ अलु बिल मुजरिमीन
हम मुजरिमों के साथ ऐसा ही करते हैं।
वैलुयी यौमा इजिल लिल मुकज्ज़िबीन
ख़राबी है उस दिन झुठलाने वालों के लिए।
अलम नख्लुक्कुम मिम् मा इम महीन
क्या हमने तुम्हें एक हक़ीर (तुच्छ) पानी से पैदा नहीं किया।
फजा अल्नाहु फी क़रारिम मकीन
फिर उसे एक महफ़ूज़ जगह रखा, एक मुक़र्रर मुद्दुत तक।
इला क द रिम मअ् लूम
एक मुअय्यन वक्त तक
फ कदरना फनिमअ् मल क़ादिरून
फिर हमने एक अंदाज़ा ठहराया, हम कैसा अच्छा अंदाज़ा ठहराने वाले हैं।
वैलुयी यौमा इजिल लिल मुकज्ज़िबीन
ख़राबी है उस दिन झुठलाने वालों की।
अलम नज् अलिल अरजा किफाता
क्या हमने ज़मीन को समेटने वाला नहीं बनाया,
अह् या औं व अम्वाता
ज़िंदों के लिए और मुर्दों के लिए।
व जअलना फीहा रवासिया शामि खातिन व अस् कैनाकुम मा अन फुरता
और उसमें ऊँचे ऊँचे अटल पहाड़ रख दिए,और तुम लोगों को मीठा पानी पिलाया
वैलुयी यौमा इजिल लिल मुकज्ज़िबीन
ख़राबी है उस दिन झुठलाने वालों की।
इन् त्वालिकू इला मा कुंतुम बिही तुकज्जिबून
चलो उस चीज़ की तरफ़ जिसे तुम झुठलाते थे।
इन् त्वालिकू इला जिल्लिन ज़ी सलासी शुअब
चलो तीन शाख़ों वाले साये की तरफ़ |
ला ज़लीलिऔं वला युगनी मिनल लहब
जिसमें न साया है और न वह गर्मी से बचाता है।
इन्नहा तर्मी बि शरारिन कल क़स्र
उससे इतने बड़े बड़े अंगारे बरसते होंगे जैसे महल
क अन्नहु जमालतुन सुफ्र
गोया ज़र्द रंग के ऊँट हैं
वैलुयी यौमा इजिल लिल मुकज्ज़िबीन
ख़राबी है उस दिन झुठलाने वालों की।
हाजा यौमु ला यन त्विकून
ये वह दिन होगा कि लोग लब तक न हिला सकेंगे
वला युअ् जनु लहुम फ यअ् तजिरून
और न उनको इजाज़त दी जाएगी कि कुछ उज्र माअज़ेरत कर सकें
वैलुयी यौमा इजिल लिल मुकज्ज़िबीन
ख़राबी है उस दिन झुठलाने वालों की।
हाजा यौमुल फसलि जमअ्’नाकुम वल अव्वलीन
यही फैसले का दिन है, (जिस में) हमने तुमको और अगलों को इकट्ठा किया है
फ इन का न लकुम कैदुन फ कीदून
पस अगर कोई तदबीर हो तो मुझ पर तदबीर चलाओ।
वैलुयी यौमा इजिल लिल मुकज्ज़िबीन
ख़राबी है उस दिन झुठलाने वालों के लिए।
इन्नल मुत्तक़ीना फी जिलालिऔं व उयून
बेशक परहेज़गार लोग (दरख्तों की) घनी छाँव में होंगे
व फवाकिहा मिम्मा यश् तहून
और चश्मों और आदमियों में जो उन्हें मरग़ूब हो
कुलू वश’रबू हनी’ अम बिमा कुंतुम तअ्’मलून
(दुनिया में) जो अमल करते थे उसके बदले में मज़े से खाओ पियो
इन्ना कज़ालिका नज्ज़िल मुह्’सिनीन
हम नेक लोगों को ऐसा ही बदला देते हैं।
वैलुयी यौमा इजिल लिल मुकज्ज़िबीन
ख़राबी है उस दिन झुठलाने वालों के लिए।
कुलू व तमत्’तऊ क़ुलीलन इन्नाकुम मुजरिमून
(झुठलाने वालों) चन्द दिन चैन से खा पी लो तुम बेशक गुनेहगार हो
वैलुयी यौमा इजिल लिल मुकज्ज़िबीन
ख़राबी है उस दिन झुठटलाने वालों के लिए।
व इज़ा क़ीला लहुमुर कऊ ला यर क ऊन
और जब उनसे कहा जाता है कि झुको तो वे नहीं झुकते |
वैलुयी यौमा इजिल लिल मुकज्ज़िबीन
ख़राबी है उस दिन झुठलाने वालों के लिए।
फ बि अय्यि हदीसिम बअ्’दहू युअ्मिनून
अब इसके बाद वे किस बात पर ईमान लाएंगे।
Surah Al-Mursalaat Hindi Image
सूरह मुर्सलात पीडीऍफ़ | Surah Mursalat Hindi Pdf
जैसा की आपने सूरह मुर्सलात को ऊपर टेक्स्ट के जरिये पढ़ ही लिया होगा और साथ ही साथ आपने सूरह मुर्सलात का हिंदी तर्जुमा भी पढ़ा होगा।
लेकिन हम चाहते हैं की हम इस सूरह को जब चाहे तब पढ़ सकें, उसके लिए हमने नीचे इस सूरह मुर्सलात की पीडीऍफ़ डाउनलोड करने का button दिया है।
आप आसानी के साथ यहाँ से Surah Mursalat in Hindi Pdf Download कर सकते हैं।
सूरह मुर्सलात अरबी में | Surah Al-Mursalat In Arabic
بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
(1) وَالْمُرْسَلَاتِ عُرْفًا
(2) فَالْعَاصِفَاتِ عَصْفًا
(3) وَالنَّاشِرَاتِ نَشْرًا
(4) فَالْفَارِقَاتِ فَرْقًا
(5) فَالْمُلْقِيَاتِ ذِكْرًا
(6) عُذْرًا أَوْ نُذْرًا
(7) إِنَّمَا تُوعَدُونَ لَوَاقِعٌ
(8) فَإِذَا النُّجُومُ طُمِسَتْ
(9) وَإِذَا السَّمَاءُ فُرِجَتْ
(10) وَإِذَا الْجِبَالُ نُسِفَتْ
(11) وَإِذَا الرُّسُلُ أُقِّتَتْ
(12) لِأَيِّ يَوْمٍ أُجِّلَتْ
(13) لِيَوْمِ الْفَصْلِ
(14) وَمَا أَدْرَاكَ مَا يَوْمُ الْفَصْلِ
(15) وَيْلٌ يَوْمَئِذٍ لِلْمُكَذِّبِينَ
(16) أَلَمْ نُهْلِكِ الْأَوَّلِينَ
(17) ثُمَّ نُتْبِعُهُمُ الْآخِرِينَ
(18) كَذَٰلِكَ نَفْعَلُ بِالْمُجْرِمِينَ
(19) وَيْلٌ يَوْمَئِذٍ لِلْمُكَذِّبِينَ
(20) أَلَمْ نَخْلُقْكُمْ مِنْ مَاءٍ مَهِينٍ
(21) فَجَعَلْنَاهُ فِي قَرَارٍ مَكِينٍ
(22) إِلَىٰ قَدَرٍ مَعْلُومٍ
(23) فَقَدَرْنَا فَنِعْمَ الْقَادِرُونَ
(24) وَيْلٌ يَوْمَئِذٍ لِلْمُكَذِّبِينَ
(25) أَلَمْ نَجْعَلِ الْأَرْضَ كِفَاتًا
(26) أَحْيَاءً وَأَمْوَاتًا
(27) وَجَعَلْنَا فِيهَا رَوَاسِيَ شَامِخَاتٍ وَأَسْقَيْنَاكُمْ مَاءً فُرَاتًا
(28) وَيْلٌ يَوْمَئِذٍ لِلْمُكَذِّبِينَ
(29) انْطَلِقُوا إِلَىٰ مَا كُنْتُمْ بِهِ تُكَذِّبُونَ
(30) انْطَلِقُوا إِلَىٰ ظِلٍّ ذِي ثَلَاثِ شُعَبٍ
(31) لَا ظَلِيلٍ وَلَا يُغْنِي مِنَ اللَّهَبِ
(32) إِنَّهَا تَرْمِي بِشَرَرٍ كَالْقَصْرِ
(33) كَأَنَّهُ جِمَالَتٌ صُفْرٌ
(34) وَيْلٌ يَوْمَئِذٍ لِلْمُكَذِّبِينَ
(35) هَٰذَا يَوْمُ لَا يَنْطِقُونَ
(36) وَلَا يُؤْذَنُ لَهُمْ فَيَعْتَذِرُونَ
(37) وَيْلٌ يَوْمَئِذٍ لِلْمُكَذِّبِينَ
(38) هَٰذَا يَوْمُ الْفَصْلِ ۖ جَمَعْنَاكُمْ وَالْأَوَّلِينَ
(39) فَإِنْ كَانَ لَكُمْ كَيْدٌ فَكِيدُونِ
(40) وَيْلٌ يَوْمَئِذٍ لِلْمُكَذِّبِينَ
(41) إِنَّ الْمُتَّقِينَ فِي ظِلَالٍ وَعُيُونٍ
(42) وَفَوَاكِهَ مِمَّا يَشْتَهُونَ
(43) كُلُوا وَاشْرَبُوا هَنِيئًا بِمَا كُنْتُمْ تَعْمَلُونَ
(44) إِنَّا كَذَٰلِكَ نَجْزِي الْمُحْسِنِينَ
(45) وَيْلٌ يَوْمَئِذٍ لِلْمُكَذِّبِينَ
(46) كُلُوا وَتَمَتَّعُوا قَلِيلًا إِنَّكُمْ مُجْرِمُونَ
(47) وَيْلٌ يَوْمَئِذٍ لِلْمُكَذِّبِينَ
(48) وَإِذَا قِيلَ لَهُمُ ارْكَعُوا لَا يَرْكَعُونَ
(49) وَيْلٌ يَوْمَئِذٍ لِلْمُكَذِّبِينَ
(50) فَبِأَيِّ حَدِيثٍ بَعْدَهُ يُؤْمِنُونَ
वल मुर्सलाती उर्फा सूरह अरबी इमेज
सूरह मुर्सलात की ऑडियो | Surah An-Mursalat Mp3
दोस्तों, हमें उम्मीद है की आपने सूरह मुर्सलात को हिंदी और अरबी में पढ़ लिया होगा। यहाँ हमने सूरह मुर्सलात की ऑडियो फाइल मौजूद करायी है।
अगर आपको कुरान की तिलावत अरबी में उर्दू तर्जुमा के साथ सुनना पसंद है, जिसे सुनकर आपको सुकून हासिल होता है, तो हमें नीचे इस Surah An-Mursalat Mp3 डाउनलोड करने का button दिया है।
आप आसानी के साथ इसे डाउनलोड कर सकते हैं।
Leave a Comment