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Surah Muddassir Hindi Translation Pdf | सूरह मुद्दस्सिर हिंदी तर्जुमा संग

Category: Surah in Hindi | सभी सूरह हिंदी में, Surah Mudassir in Hindi | सूरह मुदस्सिर हिंदी में

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4 min read

दोस्तों, इस पोस्ट में हमने आपके लिए सूरह मुद्दस्सिर (Surah Muddassir in Hindi) से जुड़ी पूरी जानकारी हिंदी में मौजूद कराने की पूरी कोशिश की है,

जैसे की सूरह मुद्दस्सिर हिंदी में, सूरह मुद्दस्सिर का हिंदी तर्जुमा और सूरह मुद्दस्सिर की पीडीऍफ़।

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📌नोट: – ” कोशिश करें की आप कुरान को अरबी भाषा ही में पढ़ें, जिससे अलफ़ाज़ में कोई गलती न हो।

दोस्तों, सूरह मुद्दस्सिर हिंदी में पढ़ने से पहले हमें चाहिए की हम सूरह से जुड़ी कुछ जरूरी बातें जान लें।

आपको बताते चलें की Surah Muddassir का हिंदी मतलब होता है: – “कपड़े में लिपटे हुए”।

सूरह मुद्दस्सिर कुरान करीम के 29वें पारा में मौजूद 79वीं सूरह है। यह मक्की सूरह है।

सूरह का नामसूरह अल-मुद्दस्सिर
पारा नंबर29
सूरह नंबर74
कुल आयतें56
कुल रुकू2
कुल शब्द (अलफ़ाज़)256
कुल अक्षर (हर्फ़)1035

सूरह मुद्दस्सिर हिंदी में | Surah Muddassir In Hindi Text

दोस्तों यहाँ नीचे हमने सूरह मुद्दस्सिर को हिंदी में मौजूद कराया है। आप नीचे दी गयी Surah Muddassir Hindi Mein Text, को पढ़कर आसानी के साथ इस सूरह मुद्दस्सिर की तिलावत कर सकते हैं।

अ ऊजु बिल्लाहि मिनश शैतानिर रजीम
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम

1. या अय्युहल मुदस्सिर

2. कुम फअ्न जुर

3. व रब्बका फ कब्बिर

4. व सियाबका फ तह्हिर

5. वर् रुज्ज़ा फह्जुर

6. वला तम्नून तस्तक्सिर

7. व लिरब्बिका फस्बिर

8. फ इज़ा नुकिरा फिन नाकूर

9. फ ज़ालिका यौमा इज़िन यौमुं असीर

10. अलल काफिरीना गैरु यसीर

11. ज़रनी व मन खलक़तु वहीदा

12. व जअलतु लहु मालन ममदूदा

13. व बनीना शुहूदा

14. व मह्हद्तुम लहु तम्हीदा

15. सुम्मा यतमउ अन् अज़ीद

16. कल्ला इन्नहु काना लि आयातिना अनीदा

17. सा उर हिकुहु सऊदा

18. इन्नहु फक्करा व क़द्दर

19. फ क़ुतिला कैफा क़द्दर

20. सुम्मा क़ुतिला कैफा क़द्दर

21. सुम्मा नज़र

22. सुम्मा अबासा व बसर

23. सुम्मा अदबरा वस्तकबर

24. फ काला इन हाज़ा इल्ला सिहरुयी युअ् सर

25. इन हाज़ा इल्ला कौलुल बशर

26. स उस्लीही सक़र

27. वमा अदराका मा सक़र

28. ला तुब्की वला तज़र

29. लौ वाहतुल् लिल बशर

30. अलैहा तिस्अता अशर

31. वमा ज अल्ना अस्हाबन नारि इल्ला मलाअिकह, वमा ज अल्ना इद्दतहुम इल्ला फित्नत्ल लिल्लजीना कफरु, लि यस्ततैइक़िनल लज़ीना ऊतुल किताबा व यज़दादल लज़ीना आमनू ईमानौं वला यर्ताबल् लज़ीना ऊतुल किताबा वल मुअ्मिनून, व लियाकूलल लज़ीना फी कुलूबिहिम मरजों वल काफिरूना माज़ा अरादल्लाहु बिहाज़ा मसाला, कज़ालिका युज़िल्लुल्लाहू मइ् यशाउ व यहदी मइ यशाअ, वमा यअ्लमु जुनूदा रब्बिका इल्ला हू, वमा हिया इल्ला ज़िकरा लिल बशर

32. कल्ला वल क़मर

33. वल्लैली इज़ अदबर

34. वस्सुबही इज़ा अस्फर

35. इन्नहा ल इह्दल कुबर

36.नज़ीरल लिल बशर

37. लिमन शाआ मिन्कुम अइ य्ताकद्दमा औ यता अख्खर

38. कुल्लु नफ्सिम बिमा कसाबत रहीनह

39. इल्ला अस्हाबल यमीन

40. फी जन्नात, यतासा अलून

41. अनिल मुजरिमीन

42. मा सलाककुम फी सकर

43. कालू लम नकु मिनल मुसल्लीन

44. वलम नकु नुतइमुल मिस्कीन

45. व कुन्ना नखुजु मअल खाइजीन

46. व कुन्ना नुकज्ज़िबू बि यौमिद्दीन

47. हत्ता अतानल यकीन

48. फ़मा तन्फ़उहुम शफाअतुश शाफ़िईन

49. फमा लहुम अनित् तज्किरति मुअ् रिजीन

50. क अन्नाहुम हुमुरुम मुस्तन्फिरह

51. फ़र्रत मिन क़स्वरह

52. बल युरीदु कुल्लुम रिइम मिन्हुम अयि युअ्ता सुहुफ़म मुनाश्शरह

53. कल्ला, बल्ला याखाफूनल् आखिरह

54. कल्ला इन्नहू तज्किरह

55. फमन शा अ ज़ करह

56. वमा यज़्कुरूना इल्ला अइ यशाअल्लाहु, हुबा अह्लुत्तक़्बा व अह्लुल मग्फिरह

जैसा की आपने ऊपर सूरह मुद्दस्सिर को हिंदी टेक्स्ट के जरिये पढ़ ही लिया होगा। हम आपसे दरख्वास्त करते हैं कि आप इस Surah Muddassir Translation in Hindi को भी पढ़ें।

क्यूंकि Surah Muddassir का तर्जुमा पढ़कर हमें समझ आएगा की अल्लाह ने इस सूरह में क्या इरशाद फ़रमाया है।

सूरह मुद्दस्सिर का तर्जुमा | Surah Muddassir Ka Tarjuma

बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम
अल्लाह के नाम से जो बहुत मेहरबान , रहम करने वाला है।

या अय्युहल मुदस्सिर
ऐ मेरे कपड़ा ओढ़ने वाले

कुम फअ्न जुर
उठो और लोगों को डराओ

व रब्बका फ कब्बिर
और अपने रब की बुजु़र्गी का ऐलान करो

व सियाबका फ तह्हिर
और अपने लिबास (कपड़ों) को पाकीज़ा रखो

वर् रुज्ज़ा फह्जुर
और बुराईयों से परहेज़ (दूरी अपनाना, बचना) करो

वला तम्नून तस्तक्सिर
और इस तरह एहसान न करो कि ज़्यादा के तलबगार (चाहने वाले) बन जाओ

व लिरब्बिका फस्बिर
और अपने रब की ख़ातिर सब्र करो

फ इज़ा नुकिरा फिन नाकूर
फिर जब सूर फूँका जायेगा

फ ज़ालिका यौमा इज़िन यौमुं असीर
तो वह दिन इन्तिहाई (बहुत ज़्यादा) मुश्किल दिन होगा

अलल काफिरीना गैरु यसीर
काफि़रों (कुफ्ऱ करने वाले, ख़ुदा या उसके हुक्म का इन्कार करने वाले) के वास्ते तो हर्गिज़ आसान न होगा

ज़रनी व मन खलक़तु वहीदा
अब मुझे और उस शख़्स को छोड़ दो जिसको मैंने अकेला पैदा किया है

व जअलतु लहु मालन ममदूदा
और उसके लिए कसीर (ज़्यादा) माल क़रार दिया है

व बनीना शुहूदा
और निगाह के सामने रहने वाले बेटे क़रार दिये हैं

व मह्हद्तुम लहु तम्हीदा
और हर तरह के सामान में वुसअत (फैलाव, गुन्जाइश) दे दी है

सुम्मा यतमउ अन् अज़ीद
और फिर भी चाहता है कि और इज़ाफ़ा (बढ़ोतरी) कर दूँ

कल्ला इन्नहु काना लि आयातिना अनीदा
हर्गिज़ नहीं ये हमारी निशानियों का सख़्त दुश्मन था

सा उर हिकुहु सऊदा
तो हम अनक़रीब (बहुत जल्द) उसे सख़्त अज़ाब में गिरफ़्तार करेंगे

इन्नहु फक्करा व क़द्दर
उसने फि़क्र की और अंदाज़ा लगाया

फ क़ुतिला कैफा क़द्दर
तो इसी में मारा गया कि कैसा अंदाज़ा लगाया

सुम्मा क़ुतिला कैफा क़द्दर
फिर उसी में तबाह हो गया कि कैसा अंदाज़ा लगाया

सुम्मा नज़र
फिर ग़ौर किया

सुम्मा अबासा व बसर
फिर त्योरी चढ़ाकर मुँह बिसूर (बिगाड़, बना) लिया

सुम्मा अदबरा वस्तकबर
फिर मुँह फेरकर चला गया और अकड़ गया

फ काला इन हाज़ा इल्ला सिहरुयी युअ् सर
और आखि़र में कहने लगा कि ये तो एक जादू है जो पुराने ज़माने से चला आ रहा है

इन हाज़ा इल्ला कौलुल बशर
ये तो सिर्फ़ इन्सान का कलाम है

स उस्लीही सक़र
हम अनक़रीब (बहुत जल्द) उसे जहन्नुम वासिल कर देंगे

वमा अदराका मा सक़र
और तुम क्या जानो कि जहन्नम क्या है

ला तुब्की वला तज़र
वह किसी को छोड़ने वाला और बाक़ी रखने वाला नहीं है

लौ वाहतुल् लिल बशर
बदन को जलाकर स्याह कर देने वाला है

अलैहा तिस्अता अशर
इस पर उन्नीस फ़रिश्ते मुअईयन (तय, तैनात) हैं

वमा ज अल्ना अस्हाबन नारि इल्ला मलाअिकह, वमा ज अल्ना इद्दतहुम इल्ला फित्नत्ल लिल्लजीना कफरु, लि यस्ततैइक़िनल लज़ीना ऊतुल किताबा व यज़दादल लज़ीना आमनू ईमानौं वला यर्ताबल् लज़ीना ऊतुल किताबा वल मुअ्मिनून, व लियाकूलल लज़ीना फी कुलूबिहिम मरजों वल काफिरूना माज़ा अरादल्लाहु बिहाज़ा मसाला, कज़ालिका युज़िल्लुल्लाहू मइ् यशाउ व यहदी मइ यशाअ, वमा यअ्लमु जुनूदा रब्बिका इल्ला हू, वमा हिया इल्ला ज़िकरा लिल बशर
और हमने जहन्नम का निगेहबान सिर्फ़ फ़रिश्तों को क़रार दिया है और उनकी तादाद को कुफ़्फ़ार (ख़ुदा या उसके हुक्म का इन्कार करने वाले) की आज़माईश का ज़रिया बना दिया है कि अहले किताब को यक़ीन हासिल हो जाये और ईमान वालों के ईमान में इज़ाफ़ा (बढ़ोतरी) हो जाये और अहले किताब या साहेबाने ईमान उसके बारे में किसी किसी तरह का शक न करें और जिनके दिलों में मजऱ् है और कुफ़्फ़ार (ख़ुदा या उसके हुक्म का इन्कार करने वाले) ये कहने लगें कि आखि़र इस मिसाल का मक़सद क्या है अल्लाह इसी तरह जिसको चाहता है गुमराही में छोड़ देता है और जिसको चाहता है हिदायत दे देता है और उसके लश्करों को उसके अलावा कोई नहीं जानता है ये तो सिर्फ़ लोगों की नसीहत (अच्छी बातें बयान करने) का एक ज़रिया है

कल्ला वल क़मर
होशियार हमें चाँद की क़सम

वल्लैली इज़ अदबर
और जाती हुई रात की क़सम

वस्सुबही इज़ा अस्फर
और रौशन सुबह की क़सम

इन्नहा ल इह्दल कुबर
ये जहन्नम बड़ी चीजों में से एक चीज़ है

नज़ीरल लिल बशर
लोगों के डराने का ज़रिया

लिमन शाआ मिन्कुम अइ य्ताकद्दमा औ यता अख्खर
उनके लिए जो आगे पीछे हटना चाहें

कुल्लु नफ्सिम बिमा कसाबत रहीनह
हर नफ़्स (जान) अपने आमाल (कामों) में गिरफ़्तार है

इल्ला अस्हाबल यमीन
अलावा असहाबे यमीन (दाहिनी तरफ़ वाले) के

फी जन्नात, यतासा अलून
वह जन्नतों में रहकर आपस में सवाल कर रहे होंगे

अनिल मुजरिमीन
मुजरेमीन (जुर्म करने वालों) के बारे में

मा सलाककुम फी सकर
आखि़र तुम्हें किस चीज़ ने जहन्नम में पहुँचा दिया है

कालू लम नकु मिनल मुसल्लीन
वह कहेंगे कि हम नमाज़ गुज़ार नहीं थे

वलम नकु नुतइमुल मिस्कीन
और मिसकीन (मोहताज) को खाना नहीं खिलाया करते थे

व कुन्ना नखुजु मअल खाइजीन
लोगों के बुरे कामों में शामिल हो जाया करते थे

व कुन्ना नुकज्ज़िबू बि यौमिद्दीन
और रोजे़ क़यामत की तकज़ीब (झुठलाना) किया करते थे

हत्ता अतानल यकीन
यहाँ तक कि हमें मौत आ गयी

फ़मा तन्फ़उहुम शफाअतुश शाफ़िईन
तो उन्हें सिफ़ारिश करने वालों की सिफ़ारिश भी कोई फ़ायदा न पहुँचायेगी

फमा लहुम अनित् तज्किरति मुअ् रिजीन
आखि़र इन्हें क्या हो गया है कि ये नसीहत (अच्छी बातों) से मुँह मोड़े हुए हैं

क अन्नाहुम हुमुरुम मुस्तन्फिरह
गोया भड़के हुए गधे हैं

फ़र्रत मिन क़स्वरह
जो शेर से भाग रहे हैं

बल युरीदु कुल्लुम रिइम मिन्हुम अयि युअ्ता सुहुफ़म मुनाश्शरह
हक़ीक़तन (अस्ल में) इनमें हर आदमी इस बात का ख़्वाहिशमन्द (ख़्वाहिश करने वाला) है कि उसे खुली हुई किताबें अता कर दी जायें

कल्ला, बल्ला याखाफूनल् आखिरह
हर्गिज़ नहीं हो सकता अस्ल ये है कि उन्हें आखि़रत का ख़ौफ़ (डर) ही नहीं है

कल्ला इन्नहू तज्किरह
हाँ-हाँ बेशक ये सरासर नसीहत (अच्छी बातों का बयान) है

फमन शा अ ज़ करह
अब जिसका जी चाहे उसे याद रखे

वमा यज़्कुरूना इल्ला अइ यशाअल्लाहु, हुबा अह्लुत्तक़्बा व अह्लुल मग्फिरह
और यह इसे याद न करेंगे मगर ये कि अल्लाह ही चाहे कि वही डराने का अहल (लाएक़) और मग़फि़रत (गुनाहों को माफ़ करने) का मालिक है

सूरह मुद्दस्सिर इमेज | Surah Muddassir Hindi Image

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सूरह मुद्दस्सिर पीडीऍफ़ | Surah Muddassir Hindi Pdf

जैसा की आपने सूरह मुद्दस्सिर को ऊपर टेक्स्ट के जरिये पढ़ ही लिया होगा और साथ ही साथ आपने सूरह मुद्दस्सिर का हिंदी तर्जुमा भी पढ़ा होगा।

लेकिन हम चाहते हैं की हम इस सूरह को जब चाहे तब पढ़ सकें, उसके लिए हमने नीचे इस सूरह मुद्दस्सिर की पीडीऍफ़ डाउनलोड करने का button दिया है।

आप आसानी के साथ यहाँ से Surah Muddassir in Hindi Pdf Download कर सकते हैं।

सूरह मुद्दस्सिर अरबी में | Surah Al-Mudassir In Arabic

بِسْمِ ٱللَّهِ ٱلرَّحْمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

(1)يَـٰٓأَيُّهَا ٱلْمُدَّثِّرُ
(2)قُمْ فَأَنذِرْ
(3)وَرَبَّكَ فَكَبِّرْ
(4)وَثِيَابَكَ فَطَهِّرْ
(5)وَٱلرُّجْزَ فَٱهْجُرْ
(6)وَلَا تَمْنُن تَسْتَكْثِرُ
(7)وَلِرَبِّكَ فَٱصْبِرْ
(8)فَإِذَا نُقِرَ فِى ٱلنَّاقُورِ
(9)فَذَٰلِكَ يَوْمَئِذٍۢ يَوْمٌ عَسِيرٌ
(10)عَلَى ٱلْكَـٰفِرِينَ غَيْرُ يَسِيرٍۢ
(11)ذَرْنِى وَمَنْ خَلَقْتُ وَحِيدًۭا
(12)وَجَعَلْتُ لَهُۥ مَالًۭا مَّمْدُودًۭا
(13)وَبَنِينَ شُهُودًۭا
(14)وَمَهَّدتُّ لَهُۥ تَمْهِيدًۭا
(15)ثُمَّ يَطْمَعُ أَنْ أَزِيدَ
(16)كَلَّآ ۖ إِنَّهُۥ كَانَ لِـَٔايَـٰتِنَا عَنِيدًۭا
(17)سَأُرْهِقُهُۥ صَعُودًا
(18)إِنَّهُۥ فَكَّرَ وَقَدَّرَ
(19)فَقُتِلَ كَيْفَ قَدَّرَ
(20)ثُمَّ قُتِلَ كَيْفَ قَدَّرَ
(21)ثُمَّ نَظَرَ
(22)ثُمَّ عَبَسَ وَبَسَرَ
(23)ثُمَّ أَدْبَرَ وَٱسْتَكْبَرَ
(24)فَقَالَ إِنْ هَـٰذَآ إِلَّا سِحْرٌۭ يُؤْثَرُ
(25)إِنْ هَـٰذَآ إِلَّا قَوْلُ ٱلْبَشَرِ
(26)سَأُصْلِيهِ سَقَرَ
(27)وَمَآ أَدْرَىٰكَ مَا سَقَرُ
(28)لَا تُبْقِى وَلَا تَذَرُ
(29)لَوَّاحَةٌۭ لِّلْبَشَرِ
(30)عَلَيْهَا تِسْعَةَ عَشَرَ
(31) وَمَا جَعَلْنَآ أَصْحَـٰبَ ٱلنَّارِ إِلَّا مَلَـٰٓئِكَةًۭ ۙ وَمَا جَعَلْنَا عِدَّتَهُمْ إِلَّا فِتْنَةًۭ لِّلَّذِينَ كَفَرُوا۟ لِيَسْتَيْقِنَ ٱلَّذِينَ أُوتُوا۟ ٱلْكِتَـٰبَ وَيَزْدَادَ ٱلَّذِينَ ءَامَنُوٓا۟ إِيمَـٰنًۭا ۙ وَلَا يَرْتَابَ ٱلَّذِينَ أُوتُوا۟ ٱلْكِتَـٰبَ وَٱلْمُؤْمِنُونَ ۙ وَلِيَقُولَ ٱلَّذِينَ فِى قُلُوبِهِم مَّرَضٌۭ وَٱلْكَـٰفِرُونَ مَاذَآ أَرَادَ ٱللَّهُ بِهَـٰذَا مَثَلًۭا ۚ كَذَٰلِكَ يُضِلُّ ٱللَّهُ مَن يَشَآءُ وَيَهْدِى مَن يَشَآءُ ۚ وَمَا يَعْلَمُ جُنُودَ رَبِّكَ إِلَّا هُوَ ۚ وَمَا هِىَ إِلَّا ذِكْرَىٰ لِلْبَشَرِ(32)كَلَّا وَٱلْقَمَرِ
(33)وَٱلَّيْلِ إِذْ أَدْبَرَ
(34)وَٱلصُّبْحِ إِذَآ أَسْفَرَ
(35)إِنَّهَا لَإِحْدَى ٱلْكُبَرِ
(36)نَذِيرًۭا لِّلْبَشَرِ
(37)لِمَن شَآءَ مِنكُمْ أَن يَتَقَدَّمَ أَوْ يَتَأَخَّرَ
(38)كُلُّ نَفْسٍۭ بِمَا كَسَبَتْ رَهِينَةٌ
(39)إِلَّآ أَصْحَـٰبَ ٱلْيَمِينِ
(40)فِى جَنَّـٰتٍۢ يَتَسَآءَلُونَ
(41)عَنِ ٱلْمُجْرِمِينَ
(42)مَا سَلَكَكُمْ فِى سَقَرَ
(43)قَالُوا۟ لَمْ نَكُ مِنَ ٱلْمُصَلِّينَ
(44)وَلَمْ نَكُ نُطْعِمُ ٱلْمِسْكِينَ
(45)وَكُنَّا نَخُوضُ مَعَ ٱلْخَآئِضِينَ
(46)وَكُنَّا نُكَذِّبُ بِيَوْمِ ٱلدِّينِ
(47)حَتَّىٰٓ أَتَىٰنَا ٱلْيَقِينُ
(48)فَمَا تَنفَعُهُمْ شَفَـٰعَةُ ٱلشَّـٰفِعِينَ
(49)فَمَا لَهُمْ عَنِ ٱلتَّذْكِرَةِ مُعْرِضِينَ
(50)كَأَنَّهُمْ حُمُرٌۭ مُّسْتَنفِرَةٌۭ
(51)فَرَّتْ مِن قَسْوَرَةٍۭ
(52)بَلْ يُرِيدُ كُلُّ ٱمْرِئٍۢ مِّنْهُمْ أَن يُؤْتَىٰ صُحُفًۭا مُّنَشَّرَةًۭ
(53)كَلَّا ۖ بَل لَّا يَخَافُونَ ٱلْـَٔاخِرَةَ
(54)كَلَّآ إِنَّهُۥ تَذْكِرَةٌۭ
(55)فَمَن شَآءَ ذَكَرَهُۥ
(56)وَمَا يَذْكُرُونَ إِلَّآ أَن يَشَآءَ ٱللَّهُ ۚ هُوَ أَهْلُ ٱلتَّقْوَىٰ وَأَهْلُ ٱلْمَغْفِرَةِ

सूरह अल-मुद्दस्सिर अरबी इमेज

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सूरह मुद्दस्सिर की ऑडियो | Surah Al-Muddassir Mp3

दोस्तों, हमें उम्मीद है की आपने सूरह मुद्दस्सिर को हिंदी और अरबी में पढ़ लिया होगा। यहाँ हमने सूरह मुद्दस्सिर की ऑडियो फाइल मौजूद करायी है।

अगर आपको कुरान की तिलावत अरबी में उर्दू तर्जुमा के साथ सुनना पसंद है, जिसे सुनकर आपको सुकून हासिल होता है, तो हमें नीचे इस Surah An-Muddassir Mp3 डाउनलोड करने का button दिया है।

आप आसानी के साथ इसे डाउनलोड कर सकते हैं।

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