दोस्तों इस पोस्ट में हमने सूरह लैल से जुड़ी पूरी जानकारी हिंदी में मौजूद कराने की पूरी कोशिश की है। जैसे की सूरह लैल हिंदी में (Surah Lail in Hindi), सूरह अल-लैल का हिंदी तर्जुमा, सूरह लैल की पीडीऍफ़ और भी बहुत कुछ।
दोस्तों, सूरह लैल को हिंदी में पढ़ने से पहले हमें चाहिए की हम सूरह लैल से जुड़ी कुछ जरूरी बातें जान लें।
सूरह अल-लैल कुरान मजीद के 30वें पारा में मौजूद 92वीं सूरह है। यह मक्की सूरह है और यह सूरह मक्का में नाजिल होने वाली पहली 10 सूरतों में से एक है।
आपको बताते चलें की सूरह लैल का हिंदी मतलब (Surah Lail Hindi Meaning) है: – “रात” और इंग्लिश में इसका मतलब है: – “The Night” होता है।
सूरह का नाम | सूरह अल-लैल |
पारा नंबर | 30 |
सूरह नंबर | 92 |
कुल आयतें | 21 |
कुल शब्द (अलफ़ाज़) | 71 |
कुल अक्षर (हर्फ़) | 314 |
सूरह लैल हिंदी में | Surah lail in hindi
दोस्तों यहाँ नीचे हमने सूरह लैल को हिंदी में मौजूद कराया है। आप नीचे दी गयी Surah Lail Hindi Mein Text, को पढ़कर आसानी के साथ इस सूरह की तिलावत कर सकते हैं।
अऊजु बिल्लाहि मिनश शैतानिर रजीम
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम
1. वल लैलि इज़ा यगशा
2. वन नहारि इज़ा तजल्ला
3. वमा खलाकज़ ज़कारा वल उनसा
4. इन्ना सअ’यकुम लशत ता
5. फ़ अम्मा मन अअ’ता वत तक़ा
6. वसद दक़ा बिल हुस्ना
7. फ़ सनुयस सिरुहू लिल युसरा
8. व अम्मा मम बखिला वस तग्ना
9. व कज्ज़बा बिल हुस्ना
10. फ़ सनुयस सिरुहू लिल उसरा
11. वमा युग्नी अन्हु मालुहू इज़ा तरददा
12. इन्ना अलैना लल हुदा
13. व इन्ना लना लल आखिरता वल ऊला
14. फ़ अनज़र तुकुम नारन तलज्ज़ा
15. ला यस्लाहा इल्लल अश्का
16. अल लज़ी कज्ज़बा व तवल्ला
17. व सयुजन्नबुहल अतक़ा
18. अल्लज़ी युअ’ती मा लहू यतज़क्का
19. वमा लि अहदिन इन्दहू मिन निअ’मतिन तुज्ज़ा
20. इल्लब तिगाअ वज्हि रब्बिहिल अअ’ला
21. व लसौफ़ा यरदा
जैसा की आपने ऊपर सूरह लैल को हिंदी टेक्स्ट के जरिये पढ़ ही लिया होगा। हम आपसे दरख्वास्त करते हैं कि आप इस Surah Lail Translation in Hindi को भी पढ़ें।
क्यूंकि Surah Lail का तर्जुमा पढ़कर हमें समझ आएगा की अल्लाह ने इस सूरह में क्या इरशाद फ़रमाया है।
सूरह लैल का तर्जुमा | surah al-lail ka tarjuma
बिस्मिल्लाहिररहमानिररहीम
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा महेरबान निहायत रहम बाला है।
वल लैलि इज़ा यगशा
रात की क़सम जब कि वो छा जाये।
वल लैलि इज़ा यगशा
रात की क़सम जब कि वो छा जाये।
वन नहारि इज़ा तजल्ला
दिन की क़सम जब वो रौशन हो जाये।
वमा खलाकज़ ज़कारा वल उनसा
उस ज़ात की क़सम जिस ने नर व मादा को पैदा किया।
इन्ना सअ’यकुम लशत ता
यक़ीनन तुम्हारी कोशिशें अलग अलग हैं।
फ़ अम्मा मन अअ’ता वत तक़ा
तो जिस ने (अल्लाह के रास्ते में कुछ) दिया और डरता रहा।
वसद दक़ा बिल हुस्ना
और भली बात को सच माना।
फ़ सनुयस सिरुहू लिल युसरा
तो हम आहिस्ता आहिस्ता उसको आसानी की तरफ ले चलेंगे।
व अम्मा मम बखिला वस तग्ना
और जिस ने बुख्ल किया और बेपरवा रहा।
व कज्ज़बा बिल हुस्ना
और उस ने भली बात न मानी।
फ़ सनुयस सिरुहू लिल उसरा
तो हम उसको आहिस्ता आहिस्ता सख्ती की तरफ ले चलेंगे।
वमा युग्नी अन्हु मालुहू इज़ा तरददा
और जब वो गढ़े में गिरेगा तो उसका माल उसके कुछ काम नहीं आएगा।
इन्ना अलैना लल हुदा
ये सच है कि रास्ता बतला देना हमारे ही जिम्मे है।
व इन्ना लना लल आखिरता वल ऊला
और यक़ीनन दुनिया व आख़िरत के मालिक हम ही हैं।
फ़ अनज़र तुकुम नारन तलज्ज़ा
तो मैंने तुमको एक भड़कती आग से ख़बरदार कर दिया है।
ला यस्लाहा इल्लल अश्का
इस में वही बदबख्त दाखिल होगा।
अल लज़ी कज्ज़बा व तवल्ला
जिस ने हक़ को झुटलाया और मुंह मोड़ा।
व सयुजन्नबुहल अतक़ा
हाँ, अल्लाह इस से परहेज़गार शख्स को बचा लेंगे।
अल्लज़ी युअ’ती मा लहू यतज़क्का
जो अपना माल इसलिए देता है कि वो पाक हो जाये।
वमा लि अहदिन इन्दहू मिन निअ’मतिन तुज्ज़ा
हालाँकि उसपर किसी का कोई अहसान नहीं था जिस का बदला दिया जाता।
इल्लब तिगाअ वज्हि रब्बिहिल अअ’ला
बल्कि वो अपने परवरदिगार की रज़ा हासिल करने के लिए देता है जिसकी शान सब से ऊंची है।
व लसौफ़ा यरदा
यक़ीन रखो ऐसा शख्स जल्द ही ख़ुश हो जायेगा।
सूरह अल-लैल इमेज | Surah Lail Image
सूरह अल-लैल पीडीऍफ़ | Surah lail pdf hindi mein
दोस्तों जैसा की आपने सूरह लैल को ऊपर टेक्स्ट के जरिये पढ़ ही लिया होगा और साथ ही साथ आपने सूरह लैल का हिंदी तर्जुमा भी पढ़ा होगा।
लेकिन हम चाहते हैं की हम इस सूरह को जब चाहे तब पढ़ सकें, उसके लिए हमने नीचे इस सूरह लैल की पीडीऍफ़ डाउनलोड करने का button दिया है।
आप आसानी के साथ यहाँ से Surah Lail Pdf Download कर सकते हैं।
सूरह अल-लैल अरबी में | surah lail in arabic
بِسْمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِیْمِ
وَ الَّیْلِ اِذَا یَغْشٰىۙ(۱)
وَ النَّهَارِ اِذَا تَجَلّٰىۙ(۲)
وَ مَا خَلَقَ الذَّكَرَ وَ الْاُنْثٰۤىۙ(۳)
اِنَّ سَعْیَكُمْ لَشَتّٰىؕ(۴)
فَاَمَّا مَنْ اَعْطٰى وَ اتَّقٰىۙ(۵)
وَ صَدَّقَ بِالْحُسْنٰىۙ(۶)
فَسَنُیَسِّرُهٗ لِلْیُسْرٰىؕ(۷)
وَ اَمَّا مَنْۢ بَخِلَ وَ اسْتَغْنٰىۙ(۸)
وَ كَذَّبَ بِالْحُسْنٰىۙ(۹)
فَسَنُیَسِّرُهٗ لِلْعُسْرٰىؕ(۱۰)
وَ مَا یُغْنِیْ عَنْهُ مَالُهٗۤ اِذَا تَرَدّٰىؕ(۱۱)
اِنَّ عَلَیْنَا لَلْهُدٰى٘ۖ(۱۲)
وَ اِنَّ لَنَا لَلْاٰخِرَةَ وَ الْاُوْلٰى(۱۳)
فَاَنْذَرْتُكُمْ نَارًا تَلَظّٰىۚ(۱۴)
لَا یَصْلٰىهَاۤ اِلَّا الْاَشْقَىۙ(۱۵)
الَّذِیْ كَذَّبَ وَ تَوَلّٰىؕ(۱۶)
وَ سَیُجَنَّبُهَا الْاَتْقَىۙ(۱۷)
الَّذِیْ یُؤْتِیْ مَالَهٗ یَتَزَكّٰىۚ(۱۸)
وَ مَا لِاَحَدٍ عِنْدَهٗ مِنْ نِّعْمَةٍ تُجْزٰۤىۙ(۱۹)
اِلَّا ابْتِغَآءَ وَجْهِ رَبِّهِ الْاَعْلٰىۚ(۲۰)
وَ لَسَوْفَ یَرْضٰى۠(۲۱)
सूरह वल लैल अरबी इमेज | Surah Wal Layli Arabic Image
सूरह लैल की ऑडियो | Surah Layl Mp3 Download
दोस्तों, हमें उम्मीद है की आपने सूरह लैल को हिंदी और अरबी में पढ़ लिया होगा। यहाँ हमने सूरह लैल की ऑडियो फाइल मौजूद करायी है।
अगर आपको कुरान की तिलावत अरबी में उर्दू तर्जुमा के साथ सुनना पसंद है, जिसे सुनकर आपको सुकून हासिल होता है, तो हमें नीचे इस Surah Al-Lail Mp3 डाउनलोड करने का button दिया है।
आप आसानी के साथ इसे डाउनलोड कर सकते हैं।
सूरह लैल की तफ़सीर | Surah Lail Ki Hindi Tafseer
आयत न. 1 से 10
इन आयतों से जाहिर मालूम होता है कि यहाँ कोशिशों का मतलब आमाल हैं यानि अल्लाह ने इरशाद फ़रमाया है कि तुम सब के आमाल एक जैसे नहीं हैं।
कुछ लोग ऐसे हैं जिनके आमाल रात की तारीकी की तरह तारीक, यानि बुरे हैं और कुछ के दिन के उजाले कि तरह रौशन हैं, यानि अच्छे हैं।
हुस्ना ( भली बात ) का मतलब : ला इलाहा इल्लल लाह पर ईमान लाना।
आसानी के रास्ते का मतलब : जन्नत से है।
मुश्किल रास्ते का मतलब : दोज़ख़ से है।
यानि जो लोग अल्लाह और उसके भेजे पैगम्बर पर ईमान लाये और नेक अमल करे उनके लिए जन्नत का रास्ता आसान कर दिया जाता है, और जो ईमान न लाये और बुरे आमाल करते हैं तो उनके लिए दोज़ख़ का रास्ता आसान हो जाता है और उसी पर बढ़ते चले जाते हैं।
आयत न. 11 : गढ़े का मतलब : दोज़ख़ से है।
आयत न. 17 से 21 : यानि जो लोग अल्लाह के रास्ते में अपना माल ख़र्च करते हैं, और वो इख्लास के साथ माल को ख़र्च करते हैं, तो दो बातें उन के सामने होती हैं
1. पहली बात ये कि वो और उनका माल पाक हो जाये क्यूंकि सदक़ा गुनाहों के लिए कफ्फारा बनता है और आदमी को गुनाहों से पाक कर देता है।
2. दूसरी बात ये कि माल खर्च करने का मक़सद सिर्फ अल्लाह की खुशनूदी और रज़ा हासिल करना होता है, न दुनिया का कोई फायदा सामने होता है और न ही किसी तरह का कोई दिखावा सामने होता है।
ऐसे इन्सान से अल्लाह तआला खुश होते हैं और उसको जन्नत में ऐसा इनआम मिलेगा कि वो भी खुश हो जायेगा।
ए अल्लाह ! इस सूरह में दोज़खियों की बुराइयाँ बताई गयी हैं उन से हमें बचा और जन्नातियों की जो ख़ूबियाँ बताई गयी हैं वो हमारे अन्दर पैदा कर दे।
( आमीन )
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