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इस आर्टिकल में हम सूरह कौसर हिंदी में (Surah Kausar in Hindi), सूरह कौसर का तर्जुमा और तफ़्सीर जानेंगे। इस सूरत में अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहो अलैह बसल्लम को कौन कौन सी खुशख़बरियाँ दी गयी है उसके बारे में जानेंगे।
सूरह कौसर कुरआन करीम के 30वें पारा की 108वीं सूरह है। यह मक्के में नाज़िल हुई है, इसमें 3 आयतें हैं।
सूरह का नाम | सूरह कौसर |
पारा नंबर | 30 |
आयत | 3 |
शब्द | 10 |
सूरह कौसर हिंदी में | surah kausar in hindi Text
बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम
इन्ना आतय ना कल कौसर [1]
फसल्लि लिरब्बिका वन्हर [2]
इन्-न शानिअका हुवल अब्तर [3]
सूरह कौसर का तर्जुमा | surah kausar ka tarjuma in hindi
बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम
अल्लाह के नाम से, जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम बाला है।
1. इन्ना आतैना कल कौसर
बेशक हमने आपको कौसर अता किया
2. फसल्ली लिरब्बिका वन हर
बस अपने रब के लिए नमाज अदा करो और कुर्बानी करो
3. इन्ना शानियाका हुवल अब्तर
बेशक आपका दुश्मन बे नामो निशान होगा।
इसे भी पढ़ें: – सूरह नस्र हिंदी में तर्जुमा और तफसीर के साथ
सूरह कौसर हिंदी इमेज | surah kausar hindi mein Image
Surah Kausar in Hindi Pdf Download
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सूरह कौसर ऑडियो | Download Surah Al-Kausar Mp3
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सूरह अल कौसर के फायदे | Sura Al Kausar Benefits Hindi Mein
हम सभी जानते है कि कुरान की हर एक सूरत और आयत को पढ़ने का भरपूर सबाव मिलता है। ऐसे ही सूरह कौसर को पढ़ने के भी कुछ अपने सवाब और फायदे है जिनको हमने आपके लिए नीचे मौजूद कराया है।
हमें चाहिए की अल्लाह से खूब रो रो कर दुआ करें क्यूंकि अल्लाह को अपने बन्दों का यह अम्ल बहुत पसंद है। अल्लाह अपनी रहमत खूब अता करने बाला है, बस हमें अल्लाह के आगे पेश होने की जरूरत है।
1. दुश्मनों की परेशानियों से महफूज़ रखना
अगर आप सूरह कौसर की रोजाना तिलावत करते हैं तो इंशा अल्लाह, अल्लाह आपको आपके दुश्मनों से महफूज़ रखेगा।
2. पैदाइश के वक़्त बच्चे की हिफाज़त
जिन शख्स के बच्चों का पैदाइश के वक़्त इन्तेकाल हो जाता है, उनको चाहिए की वो अल्लाह से रो रो कर दुआ करें और साथ ही साथ फजर नमाज़ के बाद सूरह कौसर की 41 मर्तबा तिलावत करें। इंशा अल्लाह, अल्लाह आपकी दुआ जरुर कुबूल करेगा।
3. जिंदगी महफूज़ रखने के लिए
अगर आप सूरह कौसर की तिलावत करते है तो अल्लाह की अता और रहमत से आपकी उम्र में इजाफा होगा।
4. अल्लाह की रहमत हासिल करने के लिए
हमें चाहिए की हम सूरह कौसर की ज्यादा से ज्यादा तिलावत करें, जिससे की हम अल्लाह की रहमत हासिल कर पाएं।
सूरह कौसर के बारे में
यह सूरह मक्की है, इस में 3 आयतें हैं।
इस की पहली आयत में “कौसर” शब्द आया है जिस का अर्थ है: – बहुत सी नेकियाँ (भलाईयाँ) और जन्नत के अन्दर एक नहर का नाम भी है। इस लिये इस का नाम “सूरह कौसर” है। [1]
1. यह सूरह मक्का में उस समय उतरी जब मक्का वासियों ने नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को इसलिये अपनी जात से अलग कर दिया कि आप ने उन की मूर्तिपूजा की रिबायत का इनकार किया, और नबी होने से पहले आप की जो जाति में मान मर्यादा थी वह नहीं रह गई।
आप अपने थोड़े से साथियों के साथ बेबस हो कर रह गये थे। इसी बीच आप (ﷺ) के एक बेटे का इन्तेकाल हो गया था जिस पर मूर्ति पूजकों ने खुशियां मनाई और कहा कि मुहम्मद (ﷺ) के कोई पुत्र नहीं। वह नरम हो गया और उस के निधन के बाद उस का कोई नाम लेवा नहीं रह जायेगा। ऐसे दिल दहला देने बाले लम्हात में आप मुहम्मद (ﷺ) को अल्लाह की तरफ से यह इत्तला दी गयी कि आप मायूस न हों, आपके दुश्मन ही हलाक हों जायेंगे।
लेकिन चंद सालों के बाद ऐसी तब्दीली आई कि मक्का के अनेकेश्वर वादियों का कोई मददगार नहीं रहा, और विवश हो कर वे हथियार डालने पर मजबूर हो गए। और फिर आप के शत्रुओं का कोई नाम लेवा नहीं रह गया। इस के विपरीत आज भी करोड़ों मुसलमान आप (ﷺ) से संबंध पर फख्र करते हैं, और आप (ﷺ) पर दरूद भेजते हैं।
• सूरह कौसर की आयत 1 में नबी (सल्लल्लाह अलैहि व सल्लम) को बहुत से फायदे देने की खुशखबरी दी गई है।
और आयत 2 में आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को नमाज़ पढ़ते रहने तथा कुर्बानी करने का हुक्म दिया गया है।
• आयत 3 में आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को तसल्ली दी गई है कि जो आपके शत्रु हैं वह आपको कुछ भी नुक्सान नहीं पहुंचा सकते हैं बल्कि वे खुद बहुत बड़ी भलाई से मरहूम रह जायेंगे।
सूरह कौसर की कुछ हदीस हिंदी में
• हदीस में है कि आइशा (रज़ियल्लाह अन्हा) ने फ़रमाया कि कौसर एक नहर है, जो तुम्हारे नबी को प्रदान की गई है। जिस के दोनों किनारे मोती के और बर्तन आकाश के तारों की संख्या के समान हैं। (सहीह बुखारीः 4965)
• और इब्ने अब्बास (रज़ियल्लाहु अन्हमा) ने कहा कि कौसर वह नेकियाँ हैं जो अल्लाह ने आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को अता की हैं। (सहीह बुख़ारीः 4966)
सूरह कौसर तफसीर | Surah Kausar ki hindi Tafseer
Soorah Kausar मक्के में नाजिल हुई इसमें 3 आयत है । जब मक्के में नबी अकरम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम के बेटे का इंतकाल हुआ तो काफिर यह कहने लगे कि अब आप सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम का कोई बेटा नहीं रहा अब इनकी नस्ल आगे नहीं चल पाएगी, आप गुमनाम हो जाएंगे लेकिन अल्लाह ताला ने हुज़ूर अकरम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम का ज़िक्र जमीन ओ आसमान में जारी कर दिया और ऐसी उम्मत बना दी जो कयामत तक हुजूर अकरम सल्लल्लाहो अलैहि सल्लम के इल्म की वारिस है जो एतराज करने वाले काफिर थे वह बे नामोनिशान हो गए और नामें मोहम्मदी सल्लाल्लाहु अलैहि वसल्लम सारे आलम में गूंज रहा है।
सूरह कौसर से क्या सबक मिलता है?
सूरह कौसर की आयत 1 में नबी (सल्लल्लाह अलैहि व सल्लम) को बहुत सी भलाईयों की बशारत दी गई है।
आयत 2 में आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को नमाज़ पढ़ते रहने और कुर्बानी करने का हुक्म दिया गया है।
आयत 3 में आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को दिलासा दिया गया है कि जो आप के दुश्मन हैं वह आप का कुछ बिगाड़ नहीं सकेंगे बल्कि वह ख़ुद बहुत बड़ी भलाई से दूर रह जायेंगे।
हौज़े कौसर क्या है?
जन्नत की एक बड़ी नहर का नाम कौसर है। यह नहर हुजूर अकरम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम को अता की गई है। हश्र क़यामत के दिन जब कोई इस नहर से एक बार पानी पिएगा फिर कभी उसको प्यास नहीं लगेगी।
इस हौज़ के चारों तरफ खूबसूरत कालीनों की सजावट होगी, फर्श पर सोने की कुर्सियां होंगी, तख्त सजे होंगे, चारों तरफ मोती के बने मकान की कतारें होंगी, हौज में सजावट का इतना सामान होगा जैसे आसमान के तारे।
हश्र के दिन हुजूर अकरम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम वहां मौजूद होंगे उम्मात के लोग वहां पहुंचेंगे और हौजे कौसर का जाम पिएंगे यह मर्तबा जिसको भी मिला वह कामयाब हुआ नबी अकरम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम की तसल्ली के लिए अल्लाह ताला ने यह सूरह कौसर नाज़िल फरमायी।
सूरह अल कौसर से जुड़े कुछ सवाल और जवाब
जवाब: – सूरह कौसर अकीदत और कुर्बानी के ज़रिये रूहानी दौलत है।
जवाब: – बहुत सी नेकियाँ (भलाईयाँ) और जन्नत के अन्दर एक नहर का नाम है।
जवाब: – जब मक्के में नबी अकरम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम के बेटे का इंतकाल हुआ तो काफिर यह कहने लगे कि अब आप सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम का कोई बेटा नहीं रहा अब इनकी नस्ल आगे नहीं चल पाएगी। इस वक़्त अल्लाह ने यह सूरह कौसर नाजिल की। (सूरह कौसर की तफसीर देखें)
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