दोस्तों, इस पोस्ट में हमने आपके लिए सूरह दहर (Surah Dahr in Hindi) से जुड़ी सभी जानकारी हिंदी में मौजूद कराने की पूरी कोशिश की है,
जैसे की सूरह दहर हिंदी में, सूरह दहर का हिंदी तर्जुमा और सूरह दहर की पीडीऍफ़।
📌नोट: – ” कोशिश करें की आप कुरान को अरबी भाषा ही में पढ़ें, जिससे अलफ़ाज़ में कोई गलती न हो।
दोस्तों, सूरह दहर हिंदी में पढ़ने से पहले हमें चाहिए की हम सूरह से जुड़ी कुछ जरूरी बातें जान लें।
आपको बताते चलें की Surah Dahr को Surah Insan के नाम से भी जाना जाता है। बैसे Surah Dahr का हिंदी मतलब होता है: – “जमाना”।
सूरह दहर कुरान करीम के 29वें पारा में मौजूद 76वीं सूरह है। यह मक्की सूरह है।
सूरह का नाम | सूरह दहर |
पारा नंबर | 29 |
सूरह नंबर | 76 |
कुल आयतें | 31 |
कुल रुकू | 2 |
कुल शब्द (अलफ़ाज़) | 243 |
कुल अक्षर (हर्फ़) | 1087 |
सूरह दहर हिंदी में | Surah Dahr In Hindi Text
दोस्तों यहाँ नीचे हमने सूरह दहर को हिंदी में मौजूद कराया है। आप नीचे दी गयी Surah Dahr Hindi Mein Text, को पढ़कर आसानी के साथ इस सूरह दहर की तिलावत कर सकते हैं।
अ ऊजु बिल्लाहि मिनश शैतानिर रजीम
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम
1. हल अता अलल इंसानी हिनुम मिनल दहरि लम यकुन शैअम मज़कूरा
2. इन्ना खलक़नल इन्साना मिन नुत्फतिन अम्साज, नबतलीहि फजा अल्नाहु समीअम बसीरा
3. इन्ना हदैनाहुस सबीला इम्मा शकिरौ व इम्मा कफूरा
4. इन्ना अअ्तदना लिल काफिरीना सला सि ल् व अग्लालौं व सईरा
5. इन्नल अबरारा यशरबूना मिन कासिन काना मिजाजुहा काफूरा
6. अयैनअि यशरबु बिहा यिबादुल्लाहि यु फज्जिरू नहा तफ्जीरा
7. यूफूना बिन नज़रि व यखाफूना यौमन क न शर्रुहू मुस्तत्वीरा
8. व युत्वइमूनत्व त्वआ मा अला हुब्बिही मिस्कीनौं व यतीमौं व असीरा
9. इन्नमा नुत्वअिमुकुम लि वज्हिल्लाही ला नुरीदु मिन्कुम जज़ाऔं वला शुकूरा
10. इन्ना नखाफु मिर्रब्बिना यौमन अबूसा क़म्त्वरीरा
11. फ व क़ाहुमुल्लाहु शर्रा ज़ालिकल यौमि व लक्क़ाहुम नद् रतौं व सुरूरा
12. व जज़ाहुम बिमा स ब रू जन्नतौं व हरीरा
13. मुत्तकिईना फीहा अलल अराइक, ला यरौना फीहा शम्सौं वला ज़म्हरीरा
14. व दानियतन अलैहिम ज़िलालुहा व जुल्लिलत क़ुतुफुहा तज़्लीला
15. व युताफु अलैहिम बि आनियतिम् मिनफिज्ज़त्युं व अक्बाबिन कानत क़वारीरअ्
16. क़वारीरअ् मिन फिज्ज़तिन क़द्दरूहा तक़दीरा
17. व युसक़ौना फीहा कासन काना मिजाजुहा ज़न्जबीला
18. अैनन फीहा तुसम्मा सल्सबीला
19. व यतूफु अलैहिम विल दानुम मुखल्लादून, इज़ा रअै’तहुम हसिब त हुम लूअ्लुअम मंसूरा
20. व इज़ा र’अै’त नईमौं व मुल्कन कबीरा
21. आलि’यहुम सियाबु सुन्दुसिन खुज्रौं व इस्तब्रक
22. व हुल्लुहू अ साबिरा लकुम जज़ाऔं व काना सअ्युकुम मश्कूरा
23. इन्ना नहनु नज्ज़लना अलैकल क़ुर’आना तंज़ी’ला
24. फ अस्बिर लि हुक्मि रब्बिका वला तु’त्विअ् मिन्हुम आ सिमन औ कफूरा
25. वज्कुरिस मा रब्बिका बुक् रतौं व असीला
26. व मिनल् लैलि फस्जुद लहू व सब्बिहु लैलन त्व्वीला
27. इन्ना हाऊलाइ युहिब्बूनल आजिलता व य ज़रूना वरा अहुम यौमन सकीला
28. नह्नु ख़लक्नाहुम व शददना अस्राहुम, व इज़ा सिअ्ना बद्दलना अम्सालहुम तब्दीला
29. इन्ना हाजिही तज्किरह, फमन् शा’अत्तखज़ा इला रब्बिही सबीला
30. वमा तशाऊना इल्ला अइ’यशा अल्लाह, इन्नल्लाहा काना अलीमन हकीमा
31. युद्खिलू मइ्यशाउ फी रहमतिही, वज्जालिमीना अ अद्दा लहुम अज़ाबन अलीमा
जैसा की आपने ऊपर सूरह दहर को हिंदी टेक्स्ट के जरिये पढ़ ही लिया होगा। हम आपसे दरख्वास्त करते हैं कि आप इस Surah Dahr Translation in Hindi को भी पढ़ें।
क्यूंकि Surah Dahr का तर्जुमा पढ़कर हमें समझ आएगा की अल्लाह ने इस सूरह में क्या इरशाद फ़रमाया है।
सूरह दहर का तर्जुमा | Surah Dahr Ka Tarjuma
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम
अल्लाह के नाम से जो बहुत मेहरबान , रहम करने वाला है।
हल अता अलल इंसानी हिनुम मिनल दहरि लम यकुन शैअम मज़कूरा
बेशक इन्सान पर एक ऐसा वक्त आ चुका है कि वह कोई चीज़ क़ाबिले ज़िक्र न था
इन्ना खलक़नल इन्साना मिन नुत्फतिन अम्साज, नबतलीहि फजा अल्नाहु समीअम बसीरा
हमने इन्सान को मख़लूत नुत्फे से पैदा किया कि उसे आज़माये तो हमने उसे सुनता देखता बनाया
इन्ना हदैनाहुस सबीला इम्मा शकिरौ व इम्मा कफूरा
और उसको रास्ता भी दिखा दिया (अब वह) ख्वाह शुक्र गुज़ार हो ख्वाह नाशुक्रा
इन्ना अअ्तदना लिल काफिरीना सला सि ल् व अग्लालौं व सईरा
हमने काफ़िरों के ज़ंजीरे, तौक और दहकती हुई आग तैयार कर रखी है
इन्नल अबरारा यशरबूना मिन कासिन काना मिजाजुहा काफूरा
बेशक नेकोकार लोग शराब के वह सागर पियेंगे जिसमें काफूर की आमेज़िश होगी
अयैनअि यशरबु बिहा यिबादुल्लाहि यु फज्जिरू नहा तफ्जीरा
ये एक चश्मा है जिसमें से ख़ुदा के (ख़ास) बन्दे पियेंगे , और जहाँ चाहेंगे बहा ले जाएँगे
यूफूना बिन नज़रि व यखाफूना यौमन क न शर्रुहू मुस्तत्वीरा
ये वह लोग हैं जो नज़रें पूरी करते हैं और उस दिन से जिनकी सख्ती हर तरह फैली होगी डरते हैं
व युत्इमूनत् त्वआ मा अला हुब्बिही मिस्कीनौं व यतीमौं व असीरा
और उसकी मोहब्बत में मोहताज और यतीम और असीर को खाना खिलाते हैं
इन्नमा नुत्वअिमुकुम लि वज्हिल्लाही ला नुरीदु मिन्कुम जज़ाऔं वला शुकूरा
(और कहते हैं कि) हम तो तुमको बस ख़ालिस ख़ुदा के लिए खिलाते हैं, हम न तुम से बदले के ख़ास्तगार हैं और न शुक्र गुज़ारी के
इन्ना नखाफु मिर्रब्बिना यौमन अबूसा क़म्तरीरा
हमको तो अपने परवरदिगार से उस दिन का डर है जिसमें मुँह बन जाएँगे (और) चेहरे पर हवाइयाँ उड़ती होंगी
फ व क़ाहुमुल्लाहु शर्रा ज़ालिकल यौमि व लक्क़ाहुम नद् रतौं व सुरूरा
तो ख़ुदा उन्हें उस दिन की तकलीफ़ से बचा लेगा और उनको ताज़गी और ख़ुशदिली अता फरमाएगा
व जज़ाहुम बिमा स ब रू जन्नतौं व हरीरा
और उनके सब्र के बदले (बेहिश्त के) बाग़ और रेशम (की पोशाक) अता फ़रमाएगा
मुत्तकिईना फीहा अलल अराइक, ला यरौना फीहा शम्सौं वला ज़म्हरीरा
वहाँ वह तख्तों पर तकिए लगाए (बैठे) होंगे, न वहाँ (आफताब की) धूप देखेंगे और न शिद्दत की सर्दी
व दानियतन अलैहिम ज़िलालुहा व जुल्लिलत क़ुतुफुहा तज़्लीला
और घने दरख्तों के साए उन पर झुके हुए होंगे और मेवों के गुच्छे उनके बहुत क़रीब हर तरह उनके एख्तेयार में
व युताफु अलैहिम बि आनियतिम् मिनफिज्ज़त्युं व अक्बाबिन कानत क़वारीरअ्
और उनके सामने चाँदी के साग़र और शीशे के निहायत शफ्फ़ाफ़ गिलास का दौर चल रहा होगा
क़वारीरअ् मिन फिज्ज़तिन क़द्दरूहा तक़दीरा
और शीशे भी (काँच के नहीं) चाँदी के जो ठीक अन्दाज़े के मुताबिक बनाए गए हैं
व युसक़ौना फीहा कासन काना मिजाजुहा ज़न्जबीला
और वहाँ उन्हें ऐसी शराब पिलाई जाएगी जिसमें जनजबील (के पानी) की आमेज़िश होगी
अैनन फीहा तुसम्मा सल्सबीला
ये बेहश्त में एक चश्मा है जिसका नाम सलसबील है
व यतूफु अलैहिम विल दानुम मुखल्लादून, इज़ा रअै’तहुम हसिब त हुम लूअ्लुअम मंसूरा
और उनके सामने हमेशा एक हालत पर रहने वाले नौजवाल लड़के चक्कर लगाते होंगे, कि जब तुम उनको देखो तो समझो कि बिखरे हुए मोती हैं
व इज़ा र’अै’त नईमौं व मुल्कन कबीरा
और जब तुम वहाँ निगाह उठाओगे तो हर तरह की नेअमत और अज़ीमुश शान सल्तनत देखोगे
आलि’यहुम सियाबु सुन्दुसिन खुज्रौं व इस्तब्रक, व हुल्लुहू अ साबिरा मिन फिज्जह्, व सक़ाहुम रब्बुहुम शराबन तहूरा
उनके ऊपर सब्ज़ क्रेब और अतलस की पोशाक होगी, और उन्हें चाँदी के कंगन पहनाए जाएँगे, और उनका परवरदिगार उन्हें निहायत पाकीज़ा शराब पिलाएगा
इन्ना हाज़ा काना लकुम जज़ाऔं व काना सअ्युकुम मश्कूरा
ये यक़ीनी तुम्हारे लिए होगा और तुम्हारी (कारगुज़ारियों के) सिले में और तुम्हारी कोशिश क़ाबिले शुक्र गुज़ारी है
इन्ना नहनु नज्ज़लना अलैकल क़ुर’आना तंज़ी’ला
(ऐ रसूल) हमने तुम पर क़ुरान को रफ्ता रफ्ता करके नाज़िल किया
फस्बिर लिहुक्मि रब्बिका वला तु’त्विअ् मिन्हुम आ सिमन औ कफूरा
तो तुम अपने परवरदिगार के हुक्म के इन्तज़ार में सब्र किए रहो, और उन लोगों में से गुनाहगार और नाशुक्रे की पैरवी न करना
वज्कुरिस मा रब्बिका बुक् रतौं व असीला
सुबह शाम अपने परवरदिगार का नाम लेते रहो
व मिनल् लैलि फस्जुद लहू व सब्बिहु लैलन त्वीला
और कुछ रात गए उसका सजदा करो और बड़ी रात तक उसकी तस्बीह करते रहो
इन्ना हाऊलाइ युहिब्बूनल आजिलता व य ज़रूना वरा अहुम यौमन सकीला
ये लोग यक़ीनन दुनिया को पसन्द करते हैं और बड़े भारी दिन को अपने पसे पुश्त छोड़ बैठे हैं
नह्नु ख़लक्नाहुम व शददना अस्राहुम, व इज़ा सिअ्ना बद्दलना अम्सालहुम तब्दीला
हमने उनको पैदा किया और उनके आज़ा को मज़बूत बनाया, और अगर हम चाहें तो उनके बदले उन्हीं के जैसे लोग ले आएँ
इन्ना हाजिही तज्किरह, फमन् शा’अत्तखज़ा इला रब्बिही सबीला
बेशक ये कुरान सरासर नसीहत है, तो जो शख़्श चाहे अपने परवरदिगार की राह ले
वमा तशाऊना इल्ला अइ’यशा अल्लाह, इन्नल्लाहा काना अलीमन हकीमा
और जब तक ख़ुदा को मंज़ूर न हो तुम लोग कुछ भी चाह नहीं सकते, बेशक ख़ुदा बड़ा वाक़िफकार दाना है
युद्खिलू मइ्यशाउ फी रहमतिही, वज्जालिमीना अ अद्दा लहुम अज़ाबन अलीमा
जिसको चाहे अपनी रहमत में दाख़िल कर ले, और ज़ालिमों के वास्ते उसने दर्दनाक अज़ाब तैयार कर रखा है
सूरह दहर इमेज | Surah Insaan Hindi Image
सूरह दहर पीडीऍफ़ | Surah Dahr Hindi Pdf
जैसा की आपने सूरह दहर को ऊपर टेक्स्ट के जरिये पढ़ ही लिया होगा और साथ ही साथ आपने सूरह दहर का हिंदी तर्जुमा भी पढ़ा होगा।
लेकिन हम चाहते हैं की हम इस सूरह को जब चाहे तब पढ़ सकें, उसके लिए हमने नीचे इस सूरह दहर की पीडीऍफ़ डाउनलोड करने का button दिया है।
आप आसानी के साथ यहाँ से Surah Dahr in Hindi Pdf Download कर सकते हैं।
सूरह दहर अरबी में | Surah Dahr In Arabic
بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
(1) هَلْ أَتَىٰ عَلَى الْإِنْسَانِ حِينٌ مِنَ الدَّهْرِ لَمْ يَكُنْ شَيْئًا مَذْكُورًا
(2) إِنَّا خَلَقْنَا الْإِنْسَانَ مِنْ نُطْفَةٍ أَمْشَاجٍ نَبْتَلِيهِ فَجَعَلْنَاهُ سَمِيعًا بَصِيرًا
(3) إِنَّا هَدَيْنَاهُ السَّبِيلَ إِمَّا شَاكِرًا وَإِمَّا كَفُورًا
(4) إِنَّا أَعْتَدْنَا لِلْكَافِرِينَ سَلَاسِلَ وَأَغْلَالًا وَسَعِيرًا
(5) إِنَّ الْأَبْرَارَ يَشْرَبُونَ مِنْ كَأْسٍ كَانَ مِزَاجُهَا كَافُورًا
(6) عَيْنًا يَشْرَبُ بِهَا عِبَادُ اللَّهِ يُفَجِّرُونَهَا تَفْجِيرًا
(7) يُوفُونَ بِالنَّذْرِ وَيَخَافُونَ يَوْمًا كَانَ شَرُّهُ مُسْتَطِيرًا
(8) وَيُطْعِمُونَ الطَّعَامَ عَلَىٰ حُبِّهِ مِسْكِينًا وَيَتِيمًا وَأَسِيرًا
(9) إِنَّمَا نُطْعِمُكُمْ لِوَجْهِ اللَّهِ لَا نُرِيدُ مِنْكُمْ جَزَاءً وَلَا شُكُورًا
(10) إِنَّا نَخَافُ مِنْ رَبِّنَا يَوْمًا عَبُوسًا قَمْطَرِيرًا
(11) فَوَقَاهُمُ اللَّهُ شَرَّ ذَٰلِكَ الْيَوْمِ وَلَقَّاهُمْ نَضْرَةً وَسُرُورًا
(12) وَجَزَاهُمْ بِمَا صَبَرُوا جَنَّةً وَحَرِيرًا
(13) مُتَّكِئِينَ فِيهَا عَلَى الْأَرَائِكِ ۖ لَا يَرَوْنَ فِيهَا شَمْسًا وَلَا زَمْهَرِيرًا
(14) وَدَانِيَةً عَلَيْهِمْ ظِلَالُهَا وَذُلِّلَتْ قُطُوفُهَا تَذْلِيلًا
(15) وَيُطَافُ عَلَيْهِمْ بِآنِيَةٍ مِنْ فِضَّةٍ وَأَكْوَابٍ كَانَتْ قَوَارِيرَا
(16) قَوَارِيرَ مِنْ فِضَّةٍ قَدَّرُوهَا تَقْدِيرًا
(17) وَيُسْقَوْنَ فِيهَا كَأْسًا كَانَ مِزَاجُهَا زَنْجَبِيلًا
(18) عَيْنًا فِيهَا تُسَمَّىٰ سَلْسَبِيلًا
(19) وَيَطُوفُ عَلَيْهِمْ وِلْدَانٌ مُخَلَّدُونَ إِذَا رَأَيْتَهُمْ حَسِبْتَهُمْ لُؤْلُؤًا مَنْثُورًا
(20) وَإِذَا رَأَيْتَ ثَمَّ رَأَيْتَ نَعِيمًا وَمُلْكًا كَبِيرًا
(21) عَالِيَهُمْ ثِيَابُ سُنْدُسٍ خُضْرٌ وَإِسْتَبْرَقٌ ۖ وَحُلُّوا أَسَاوِرَ مِنْ فِضَّةٍ وَسَقَاهُمْ رَبُّهُمْ شَرَابًا طَهُورًا
(22) إِنَّ هَٰذَا كَانَ لَكُمْ جَزَاءً وَكَانَ سَعْيُكُمْ مَشْكُورًا
(23) إِنَّا نَحْنُ نَزَّلْنَا عَلَيْكَ الْقُرْآنَ تَنْزِيلًا
(24) فَاصْبِرْ لِحُكْمِ رَبِّكَ وَلَا تُطِعْ مِنْهُمْ آثِمًا أَوْ كَفُورًا
(25) وَاذْكُرِ اسْمَ رَبِّكَ بُكْرَةً وَأَصِيلًا
(26) وَمِنَ اللَّيْلِ فَاسْجُدْ لَهُ وَسَبِّحْهُ لَيْلًا طَوِيلًا
(27) إِنَّ هَٰؤُلَاءِ يُحِبُّونَ الْعَاجِلَةَ وَيَذَرُونَ وَرَاءَهُمْ يَوْمًا ثَقِيلًا
(28) نَحْنُ خَلَقْنَاهُمْ وَشَدَدْنَا أَسْرَهُمْ ۖ وَإِذَا شِئْنَا بَدَّلْنَا أَمْثَالَهُمْ تَبْدِيلًا
(29) إِنَّ هَٰذِهِ تَذْكِرَةٌ ۖ فَمَنْ شَاءَ اتَّخَذَ إِلَىٰ رَبِّهِ سَبِيلًا
(30) وَمَا تَشَاءُونَ إِلَّا أَنْ يَشَاءَ اللَّهُ ۚ إِنَّ اللَّهَ كَانَ عَلِيمًا حَكِيمًا
(31) يُدْخِلُ مَنْ يَشَاءُ فِي رَحْمَتِهِ ۚ وَالظَّالِمِينَ أَعَدَّ لَهُمْ عَذَابًا أَلِيمًا
Surah Insan Arabic Text Image
सूरह दहर की ऑडियो | Surah Ad-Dahr Mp3
दोस्तों, हमें उम्मीद है की आपने सूरह दहर को हिंदी और अरबी में पढ़ लिया होगा। यहाँ हमने सूरह दहर की ऑडियो फाइल मौजूद करायी है।
अगर आपको कुरान की तिलावत अरबी में उर्दू तर्जुमा के साथ सुनना पसंद है, जिसे सुनकर आपको सुकून हासिल होता है, तो हमें नीचे इस Surah Ad-Dahr Mp3 डाउनलोड करने का button दिया है।
आप आसानी के साथ इसे डाउनलोड कर सकते हैं।
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