Last updated on दिसम्बर 17th, 2022 at 04:57 अपराह्न
दोस्तों, इस पोस्ट में हमने आपके लिए सूरह अल-आला (Surah Aala in Hindi) से जुड़ी पूरी जानकारी हिंदी में मौजूद कराने की पूरी कोशिश की है,
जैसे की सूरह आला हिंदी में, सूरह अल-आला का हिंदी तर्जुमा और सूरह आला की पीडीऍफ़।
दोस्तों, सूरह अल-आला हिंदी में पढ़ने से पहले हमें चाहिए की हम सूरह से जुड़ी कुछ जरूरी बातें जान लें।
आपको बताते चलें की सूरह आला का हिंदी में मतलब (Surah Ala Meaning in Hindi) होता है: – “सबसे आला या सबसे जादा अपने रब की पाकी“ और इसका इंग्लिश में मतलब होता है: – “The Most High”, “Glory To Your Lord In The Highest”.
सूरह आला कुरान करीम के 30वें पारा में मौजूद 87वीं सूरह है। यह मक्की सूरह है।
सूरह का नाम | सूरह अल-आला |
पारा नंबर | 30 |
सूरह नंबर | 87 |
कुल आयतें | 19 |
कुल शब्द (अलफ़ाज़) | 72 |
कुल अक्षर (हर्फ़) | 296 |
सूरह आला हिंदी में | Surah Aala In Hindi Text
दोस्तों यहाँ नीचे हमने सूरह आला को हिंदी में मौजूद कराया है। आप नीचे दी गयी Surah Ala Hindi Mein Text, को पढ़कर आसानी के साथ इस सूरह आला की तिलावत कर सकते हैं।
अ ऊजु बिल्लाहि मिनश शैतानिर रजीम
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम
1. सब्बिहिस् – म रब्बिकल् – अअ्ला
2. अल्लज़ी ख़ – ल – क़ फ़ – सव्वा
3. वल्लज़ी कद्द – र फ़ – हदा
4. वल्लज़ी अख़र – जल् – मरआ
5. फ़ ज- अ – लहू गुसाअन् अह्ह्वा
6. सनुक्रिउ – क फ़ला तन्सा
7. इल्ला मा शा – अल्लाहु , इन्नहू यलमुल् – जह – र व मा यख़फा
8. व नुयस्सिरु – क लिल्युसरा
9. फ़ज़क्किर् इन् न – फ़ – अतिज् – ज़िक्रा
10. स – यज़्ज़क्करु मंय्यख़्शा
11. व य – तजन्नबुहल – अश्क-
12.ल्लज़ी यस्लन् – नारल् – कुब्रा
13. सुम् – म ला यमूतु फ़ीहा व ला यह्या
14. क़द् अफ़्ल – ह मन् तज़क्का
15. व ज़- करस् – म रब्बिही फ़ – सल्ला
16. बल् तुअ्सिरूनल् – हयातद् – दुन्या
17. वल – आख़िरतु खैरुंव – व अब्का
18. इन् – न हाज़ा लफिस् – सुहुफ़िल् – ऊला
19. सुहुफि इब्राही – म व मूसा
जैसा की आपने ऊपर सूरह फज्र को हिंदी टेक्स्ट के जरिये पढ़ ही लिया होगा। हम आपसे दरख्वास्त करते हैं कि आप इस Surah Aala Translation in Hindi को भी पढ़ें।
क्यूंकि Surah Ala का तर्जुमा पढ़कर हमें समझ आएगा की अल्लाह ने इस सूरह में क्या इरशाद फ़रमाया है।
सूरह आला का तर्जुमा | Surah Al-Ala Ka Tarjuma
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम
शुरू अल्लाह के नाम से, जो बड़ा महेरबान, रहम बाला है।
सब बिहिसम रब्बिकल अ’अला
अपने परवरदिगार के नाम की तस्बीह बयान कीजिये जिसकी शान सब से ऊंची है
अल्लज़ी खलका फसव्वा
जिस ने सब कुछ पैदा किया, और ठीक ठीक बनाया
वल्लज़ी क़द्दारा फ़-हदा
और जिस ने हर चीज़ को एक ख़ास अंदाज़ दिया फिर रास्ता बताया
वल लज़ी अख़ रजल मरआ
और जिस ने सब्ज़ चारा (ज़मीन से ) निकाला
फजा अलहु गुसाअन अहवा
फ़िर उसको सियाह भूसा बना डाला
सनुक़ रिउका फला तन्सा
(ए पैग़म्बर ) हम ख़ुद आपको क़ुरआन पढ़ाएंगे तो आप नहीं भूलेंगे
इल्ला माशा अल्लाह, इन्नहू यअ’लमुल जहरा वमा यख्फा
सिवाए उसके जिसको अल्लाह चाहे, यक़ीन रखो ! वो खुली हुई चीज़ों को भी जानता है और उन चीज़ों को भी जो छुपी हुई हैं
व नुयस्सिरुका लिल युसरा
और हम आपको आहिस्ता आहिस्ता आसानी तक पहुंचा देंगे
फ़ ज़क्किर इन् नफ़ा अतिज़ ज़िकरा
तो आप नसीहत करते रहिये, अगर नसीहत का फ़ायदा हो
सयज़ ज़क करू मै यख़शा
जिसके दिल में अल्लाह का खौफ़ होगा वो नसीहत मानेगा
व यतजन्न बुहल अश्का
और उस से दूर रहेगा जो बड़ा बद बख्त होगा
अल्लज़ी यस्लन नारल कुबरा
जो सब से बड़ी आग में गिरेगा
सुम्म ला यमूतु फ़ीहा वला यहया
फिर उस (आग) में न मरेगा और न जियेगा
क़द अफ्लहा मन तज़क्का
वो कामयाब हो गया जिसने पाकीज़गी इख्तियार की
व ज़करस्म रब्बिही फ़सल्ला
और अपने परवरदिगार का नाम लिया और नमाज़ पढ़ी
बल तुअ’सिरूनल हयातद दुनिया
लेकिन तुम लोग दुनयवी ज़िन्दगी को आगे रखते हो
वल आखिरतु खैरुव वअब्क़ा
हालाँकि आख़िरत कहीं ज़्यादा बेहतरीन और बाक़ी रहने वाली है
इन्न हाज़ा लफ़िस सुहुफ़िल ऊला
ये बात पिछले (आसमानी) सहीफों में भी दर्ज है
सुहुफि इब्राहीमा व मूसा
इबराहीम और मूसा (अ.स.) के सहीफों में
सूरह अल-आला इमेज | Surah Al-Aala Hindi Image
सूरह आला पीडीऍफ़ | Surah Ala Hindi Pdf
दोस्तों जैसा की आपने सूरह आला को ऊपर टेक्स्ट के जरिये पढ़ ही लिया होगा और साथ ही साथ आपने सूरह आला का हिंदी तर्जुमा भी पढ़ा होगा।
लेकिन हम चाहते हैं की हम इस सूरह को जब चाहे तब पढ़ सकें, उसके लिए हमने नीचे इस सूरह आला की पीडीऍफ़ डाउनलोड करने का button दिया है।
आप आसानी के साथ यहाँ से Surah Aala in Hindi Pdf Download कर सकते हैं।
सूरह अल-आला अरबी में | Surah Al-Ala In Arabic
بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
(1) سَبِّحِ اسْمَ رَبِّكَ الْأَعْلَى
(2) الَّذِي خَلَقَ فَسَوَّىٰ
(3) وَالَّذِي قَدَّرَ فَهَدَىٰ
(4) وَالَّذِي أَخْرَجَ الْمَرْعَىٰ
(5) فَجَعَلَهُ غُثَاءً أَحْوَىٰ
(6) سَنُقْرِئُكَ فَلَا تَنْسَىٰ
(7) إِلَّا مَا شَاءَ اللَّهُ ۚ إِنَّهُ يَعْلَمُ الْجَهْرَ وَمَا يَخْفَىٰ
(8) وَنُيَسِّرُكَ لِلْيُسْرَىٰ
(9) فَذَكِّرْ إِنْ نَفَعَتِ الذِّكْرَىٰ
(10) سَيَذَّكَّرُ مَنْ يَخْشَىٰ
(11) وَيَتَجَنَّبُهَا الْأَشْقَى
(12) الَّذِي يَصْلَى النَّارَ الْكُبْرَىٰ
(13) ثُمَّ لَا يَمُوتُ فِيهَا وَلَا يَحْيَىٰ
(14) قَدْ أَفْلَحَ مَنْ تَزَكَّىٰ
(15) وَذَكَرَ اسْمَ رَبِّهِ فَصَلَّىٰ
(16) بَلْ تُؤْثِرُونَ الْحَيَاةَ الدُّنْيَا
(17) وَالْآخِرَةُ خَيْرٌ وَأَبْقَىٰ
(18) إِنَّ هَٰذَا لَفِي الصُّحُفِ الْأُولَىٰ
(19) صُحُفِ إِبْرَاهِيمَ وَمُوسَىٰ
सब बिहिसम रब्बिकल अ’अला सूरह अरबी इमेज
सूरह आला की ऑडियो | Surah Aala Mp3 Download
दोस्तों, हमें उम्मीद है की आपने सूरह आला को हिंदी और अरबी में पढ़ लिया होगा। यहाँ हमने सूरह आला की ऑडियो फाइल मौजूद करायी है।
अगर आपको कुरान की तिलावत अरबी में उर्दू तर्जुमा के साथ सुनना पसंद है, जिसे सुनकर आपको सुकून हासिल होता है, तो हमें नीचे इस Surah Al-Aala Mp3 डाउनलोड करने का button दिया है।
आप आसानी के साथ इसे डाउनलोड कर सकते हैं।
सूरह आला की तफसीर | Surah Aala Tafseer
नीचे क़ुरआन को समझने के लिए उसके तीसवें पारे की सूरह अल-अअ’ला हिन्दी में तरजुमा और तशरीह ( Surah Al-Aala In Hindi Translation ) के साथ बयान की है।
जिसमें अल्लाह ने अपने बन्दों को जो पैग़ाम दिया है वो आप तक पहुंचेगा और इसको खुद तो पढ़ें और साथ ही साथ दुसरे लोगों तक पहुँचायें।
📜 आयत न. 1:- हदीस में आता है कि जब ये आयत उतरी तो अल्लाह के रसूल सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया : इसको सज्दे में रखो यानि सज्दे में सुबहाना रब्बियल आला पढ़ा करो।
📜 आयत न. 2:- यानि अल्लाह ने हर चीज़ को सब से बेहतर तरीके से बनाया है।
पहाड़ को ऊंचा बनाया, लेकिन दरख़्त को इतना ऊंचा नहीं बनाया वरना फल तोड़ना मुश्किल हो जाता, चावल और गेहूं के पौधे बड़े दरख़्त की तरह ऊंचे और सख्त नहीं बनाये, वरना उनकी कटाई मुश्किल हो जाती।
मतलब अल्लाह ने हर चीज़ को पैदा करते वक़्त उसको उसी सूरत में बनाया जो उसके लिए सब से ज़्यादा मुनासिब है।
📜 आयत न. 3:- आसमान में जितने भी सय्यारे हैं वो सब अपनी हद में चल रहे हैं। सूरज हो या चाँद सब को अपनी हद मालूम है, जिन जानवरों की ख़ुराक गोश्त है वो घास को मुंह नहीं लगाते और जिनकी ख़ुराक घास है वो गोश्त को मुंह नहीं लगाते।
यानि अल्लाह ने हर चीज़ का एक दायरा तय कर दिया है, औ उसमें हर काम की हद तय कर दी है।
📜 आयत न. 4 और 5:- इन आयतों में इस बात की तरफ़ इशारा है कि जो भी चीज़ दुनिया में है वो कुछ अरसे तक अपनी बहार व खूबसूरती दिखने के बाद बद शक्ल और फिर फ़ना हो जाती है।
📜 आयत न. 6 और 7:- जब हज़रत जिब्राईल अ.स. तशरीफ़ लाते और क़ुरान की तिलावत करते तो नबी करीम स.अ. जल्दी-जल्दी दोहराने लगते हैं कि कहीं भूल न जाएँ।
तो अल्लाह तआला ने इस आयत में इतमिनान करा दिया कि हम आपको भूलने नहीं देंगे, हाँ मगर जिनको अल्लाह ख़ुद भुलाना चाहे तो उसे आप भूल जायेंगे।
📜 आयत न. 8:- जो शरीअत नबी करीम स.अ. पर नाज़िल हुई वो तो वैसे ही आसान है लेकिन फिर भी अल्लाह ने तसल्ली दी कि हम उस पर आपका चलना आसान कर देंगे।
📜 आयत न. 9 से 12:- नबी करीम स.अ. को हुक्म था कि आप का काम नसीहत करना है इसलिए आप नसीहत करते रहिये जिनके दिल में अल्लाह का ज़र्रा बराबर भी खौफ़ होगा वो ज़रूर ईमान ले आयेंगे।
और जिनके दिल में नहीं होगा तो नसीहत उनके काम नहीं आएगी और वो आग के गढ़े में गिर जायेंगे।
📜 आयत न. 13:- यानि जिंदा रहने पर कोई आराम हासिल नहीं होगा और मौत भी नहीं आएगी कि इस से छुट्कारा मिल जाये।
📜 आयत न. 14:- पाकीज़गी इख्तियार करने का मतलब है हर तरह की गन्दगी से पाक होना वो चाहे शिर्क की गन्दगी से हो या फ़िस्क़ और फुजूर की गन्दगी से हो।
📜 आयत न. 15 से 17:- इन आयतों में ये बताया गया है कि वो शख्स कामयाब हो गया जिसने पाकीज़गी इख्तियार की, अल्लाह का नाम लिया और नमाज़ पढ़ी।
लेकिन हक़ीक़त तो ये है कि तुम्हारी सारी दौड़ आख़िरत के लिए नहीं बल्कि दुनिया के लिए है जो कि फ़ना हो जाने वाली है और आख़िरत हमेशा बाक़ी रहने वाली है।
अल्लाह हम सबको दुनिया और आख़िरत में कामयाबी अता फरमाए।
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