Last updated on अप्रैल 13th, 2023 at 01:02 पूर्वाह्न
Shab e Qadr Dua in Hindi: – दोस्तों, जैसा कि हम जानते हैं कि रमज़ान के महीने में आखिरी असरा की ताक रातों में शब-ए-क़द्र होती है और शब-ए-क़द्र की बहुत फ़ज़ीलत आई है।
जैसा कि हमने पिछली पोस्ट में इस लैलतुल क़द्र की फ़ज़ीलत हिंदी में कुरान और हदीस के जरिये जानी।
और हमने ये भी जाना कि इस रात में ज्यादा से ज्यादा इबादत करनी चाहिए, दुआएं मांगनी चाहिए।
साथ ही साथ आपको इस रात में शब-ए-क़द्र की दुआ (Shab E Qadr Dua) को भी पढ़ना चाहिए।
हमने नीचे शबे क़द्र की दुआ को हिंदी और अरबी में मौजूद कराया है।
शब-ए-क़द्र की दुआ हिंदी में | Shab E Qadr Dua in Hindi
जैसा कि हदीस में है कि आयशा रज़िअल्लाहू अन्हा ने रसूलल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से फरमाया,
“या रसूल-अल्लाह सललल्लाहू अलैही वसल्लम अगर मुझे शब-ए-क़द्र मिल जाए तो मैं क्या दुआ करू?
तो आप सललल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया, कहो
“अल्लाहुम्मा इन्नका अफूवुन तुहिब्बुल अफ्वा, फा’अफू अन्नी“
तर्जुमा: – ए अल्लाह, तू बहुत माफ़ करने वाला है और माफ़ी को पसंद करता है इसलिए मुझे माफ़ फरमा।
(सुनन इब्न माज़ा, जिल्द 3, 731-सही)
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शब-ए-क़द्र की दुआ अरबी में | Shab E Qadr Ki Dua in Arabic
اللَّهُمَّ إِنَّكَ عَفُوٌّ تُحِبُّ الْعَفْوَ فَاعْفُ عَنِّي
اے اللہ !تو بہت معاف فرمانے والا ہے ،معافی کو پسند فرماتا ہے لہذا مجھے معاف فرمادے۔
शब-ए-क़द्र की कीमत | Shab E Qadr Ki Keemat
शब-ए-क़दर रमज़ान में जागने वाली एक बा-बरकत रात है।
अगर कोई भी शख्स इस रात में जागकर अल्लाह की इबादत कर लेता है, तो उसे 1000 महीनों (83 साल, 4 महीने) से भी ज्यादा इबादत करने का सवाब मिलता है।
लैलतुल क़द्र की रात, उम्मत-ए-मुहम्मदिया के लिए अल्लाह की तरफ से इनाम है,
क्यूंकि हमसे पहले की उम्मतों को ये रात नहीं दी गई।
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✔️ कुरान का नाजिल होना
शब-ए-क़द्र की बड़ी कीमत है, अल्लाह ने क़ुरान की पूरी एक सूरह (इन्ना अंज़लनाहू) इस रात की तारीफ़ में उतार दी।
अल्लाह ने कुरान शरीफ को लोह-ए-महफूज से आसमान-ए-दुनिया में इसी रात में उतारा गया।
✔️ फरिश्तों का उतरना
इसी रात में फरिश्तों को बनाया गया और आदम (एलिहिस्सलाम) का मद्दा इसी रात में जमा हुआ,
इसी रात में जन्नत में पेड़ (पेड़) लगाए गए, ईसा (अलहिस्सलाम) जिंदा हालत में आसमान पर इसी रात में उठा लिए गए,
इसी रात में बनी इसराईल की दुआ कुबुल हुई और हजरत जिब्राइल (अलैहिस्सलाम) इसी रात में, फरिश्तों के गिरोह के साथ दुनिया में आते हैं,
और जिस इंसान को अल्लाह की इबादत करते हुए देखते हैं, उसके लिए अल्लाह से रहमत की दुआ करते हैं,
फिर फरिश्ते पूरी दुनिया में फ़ैल जाते हैं,
और मस्जिद, घर, जंगल, जहाज, पहाड़, गाड़ी में जहां भी उनको कोई इंसान अल्लाह की इबादत करता हुआ मिलता है, फरिश्ते उससे हाथ मिलाते हैं।
✔️ गुनाहों से छुटकारा
इस रात में जो इंसान ईमान के साथ सवाब की नियत से जगता है अल्लाह उसके सारे सगीरा (छोटे) गुनाहों को माफ कर देता है,
कबीरा (बड़े) गुनाह बैगर तोबा के माफ नहीं होते।
तो आपको चाहिए कि इस रात में अपने कबीरा गुनाहों की अल्लाह से खूब माफ़ी मांगे।
शब-ए-क़द्र की रात बहुत कीमती रात है। खुश नसीब है वो इंसान जिसे ये रात मिल जाए।
इसलिए रमजान की 21, 23, 25, 27 और 29 रातों को जागें, शब-ए-कदर इन रातों में से एक रात होती है।
जो लोग सिर्फ मोज-मस्ती के लिए इस रात में जागते हैं और अल्लाह की इबादत नहीं करते, उनको रात जाने से कोई सवाब नहीं मिलता।
अल्लाह हम सबको शब-ए-क़दर की इबादत नसीब करे।
अमीन।
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