[rank_math_breadcrumb]

hands praying with tasweeh logo and roza rakhne ki dua hindi red blue and green text

Roza Rakhne Ki Dua in Hindi | रोज़ा रखने की दुआ हिंदी में तर्जुमा के साथ

Category: Ramzan Se Judi Batein | रमज़ान से जुड़ी बातें

Post Updated On:

1 min read

Last updated on अगस्त 28th, 2024 at 06:21 अपराह्न

दोस्तों, जैसा कि हम सभी जानते हैं कि 🌙 रमजान के महीने में हम रोज़ा रखते हैं और हमें यह भी मालूम है कि 🥘 सेहरी खाने के बाद रोज़ा रखने की दुआ (Roza Rakhne Ki Dua in Hindi) पढ़ी जाती है।

लेकिन हमें यह नहीं मालूम कि रोज़ा रखने की दुआ आखिर है कौन सी?

hands praying with tasweeh logo and roza rakhne ki dua hindi red blue and green text

तो इस पोस्ट में हमने रोज़ा रखने की दुआ को हिंदी में बताई है। आप इस पोस्ट को पूरा पढ़ें।

▶️ यह भी पढ़ें: – इंशाअल्लाह का मतलब हिंदी में


रोज़ा रखने की दुआ | Roza Rakhne Ki Dua in Hindi

तो दोस्तों, आईये जान लेते हैं कि रोज़ा रखने के लिए कौन-सी दुआ पढ़ी जाती है।

रोज़ा रखने की दुआ हिंदी में

“व बि सोमि गदिन नवैई तु मिन शहरि रमज़ान”

रोज़ा रखने की दुआ हिंदी तर्जुमा

तर्जुमा: – मैंने माह रमज़ान के कल के रोजे की नियत की है।

roza rakhne ki dua hindi text written in red, green and blue color

Dua in Arabic

وَبِصَوْمِ غَدٍ نَّوَيْتُ مِنْ شَهْرِ رَمَضَانَ

Dua Urdu Tarjuma

तर्जुमा: – اورمیں نے ماہ رمضان کے کل کے روزے کی نیت کی

roza rakhne ki dua arabic text written in red, green and blue color

▶️ यह भी पढ़ें: – गुस्ल करने की दुआ और तरीका


Roza Rakhne Ki Dua पढ़ना कैसा है?

इस्लाम में सभी दुआओं को जुबान से पढ़ना बेहतर माना गया है। इसलिए रोजा रखने की दुआ को जुबान से पढ़ना बेहतर है।

लेकिन अगर किसी को दुआ मालूम नहीं तो उसको दुआ मालूम करना चाहिए और जब तक याद ना हो जाये वो शख्स दिल से नियत कर सकता है।

कि मैं कल से रोज़ा रखूँगा। या मेरा कल रोज़ा रहेगा।

दोस्तों, किसी भी अरबी दुआ को हिंदी में लिखना और पढ़ना थोड़ा मुश्किल होता है।

तो, आपको यह याद रहे कि आप हिंदी में दुआ को याद करके किसी अरबी जानने बाले को जरूर सुना दें जिससे कि आपके अलफ़ाज़ ठीक हो जायें।


रोज़ा रखने की दुआ और नियत में क्या अंतर है?

Ramzan ke Roza Rakhne ki Dua और नियत में कोई ज्यादा फर्क नहीं है। नियत हमेशा दिल से होती है कि मैं ये काम करने जा रहा हूँ या रही हूँ।

जैसे कि हमने मन ही मन नियत कर ली “इंशाअल्लाह, मैं कल से रोज़ा रखूँगा या मेरा कल रोज़ा होगा।”

जबकि रोज़ा रखने की दुआ में हम कहते हैं कि “ ए अल्लाह, आपके लिए मैंने रोजा रखा है।”

तो दुआ में हम अल्लाह से कहते हैं कि हमने तेरे लिए ही रोजा रखा है। और हम जुबान से रोज़ा रखने की दुआ को पढ़ते हैं।


क्या Roza Rakhne Ki Niyat करना जरूरी है?

बैसे तो अगर आप रोज़ा रखने के लिए सेहरी में जागते हैं और सेहरी खाकर रोज़ा रख लेते हैं। तो आपका रोज़ा हो जाता है।

क्यूंकि आपने सेहरी इसीलिए खायी कि आप रोज़ा रखेंगे। इसलिए आपका सेहरी खाना रोज़े की नियत में शामिल हो जाता है।

लेकिन अगर आप रोज़ा रखने की दुआ पढ़कर, जुबान से नियत का इज़हार करते हैं तो ये और भी अफज़ल अम्ल है और अल्लाह आपके हिस्से में और नेकियाँ लिख देता है।

आपने रोज़ा सिर्फ इसलिए रखा कि किसी के यहाँ इफ्तार में अच्छा-अच्छा खाना खाओगे। तो आपकी नियत तो खाने की थी, न की रोज़ा रखने की। इसलिए आपका रोज़ा हुआ ही नहीं।

आपको याद रहे कि इस्लाम में बिना नीयत के कोई अम्ल क़ुबूल नहीं होता है क्यूंकि किसी अमल को करने में सबसे अहम नियत है।

अगर आपने रोज़ा दिखाबे कि नियत से रखा तो क़ुबूल नहीं होगा और अगर अल्लाह की रज़ा के लिए रोज़ा रखा तो, इंशाअल्लाह, अल्लाह आपके रोज़े को क़ुबूल करेगा।

तो आप रोज़ा रखने से पहले रोज़ा रखने की नियत जरूर करें और Roza Rakhne Ki Dua in Hindi में जरूर पढ़ें। ध्यान रहे दिखाबे के लिए रोज़ा न रखें।


रोज़े से जुड़े सवाल और जवाब

सवाल : – रोजा रखने की दुआ क्या होती है?

जवाब: – रोजा रखने की दुआ होती है “Wa bisawmi ghadinn nawaiytu min shahri ramadan”।

सवाल : – सेहरी की नियत कैसे बनते हैं?

जवाब: – सहरी की नियत करने के लिए सबसे पहले अरबी में सहरी की नियत: وَبِصَوْمِ غَدٍ نَّوَيْتُ مِنْ” شَهْرِ رَمَضَانَ पढ़ना चाहिए और दिल से नियत करना चाहिए की आपने सहरी किस काम के लिए खायी थी।

सवाल : -रोज़े में क्या नहीं करना चाहिए?

जवाब: – रोजे के दौरान हमें बेकार की बातों से बचना चाहिए, गलत बातों को सुनने से बचना चाहिए, गंदे चुटकले नहीं कहना चाहिए, अश्लील या अभद्र कार्य नहीं करना चाहिए और भी अनैतिक व्यवहार करने से बचें।


आखिरी शब्द

दोस्तों, जैसा कि इस पोस्ट में हमने रोज़ा रखने की दुआ को हिंदी में बताया है।

आगे भी हम रमजान से जुड़ी जानकारी इस वेबसाइट पर मौजूद कराते रहेंगे। तो आप हमारे साथ बनें रहे।

अल्लाह आपको और हमें इल्म सीखने और सिखाने की तौफीक दे। अगर हमसे लिखने में कोई गलती हुई हो तो आप हमें कमेंट में जरूर बताएं।

आपसे गुज़ारिश है कि इस पोस्ट को रमजान के महीने से पहले अपने साथियों तक जरूर पहुंचाएं।

Share This Article

Related Posts

सूरह अलम नसरह हिन्दी में | Surah Alam Nashrah In Hindi

hands praying with tasweeh logo and roza rakhne ki dua hindi red blue and green text

Roza Rakhne Ki Dua in Hindi | रोज़ा रखने की दुआ हिंदी में तर्जुमा के साथ

family doing ifter and roza kholne ki dua rd, blue and green text

Roza Kholne Ki Dua in Hindi | रोज़ा खोलने की दुआ हिंदी में और फ़ज़ीलत

Comments

Leave a Comment

About Us

Surahinhindi

हमारी Surah in Hindi वेबसाइट में कुरान की सभी सूरह को हिंदी में तर्जुमा और तफसीर के साथ मौजूद कराया गया है, साथ ही साथ आपको हमारी इस website से कुरान की सभी मसनून दुओं की जानकारी हिंदी में दी जाती है

Popular Posts

सूरह अलम नसरह हिन्दी में | Surah Alam Nashrah In Hindi

Roza Rakhne Ki Dua in Hindi | रोज़ा रखने की दुआ हिंदी में तर्जुमा के साथ

Roza Kholne Ki Dua in Hindi | रोज़ा खोलने की दुआ हिंदी में और फ़ज़ीलत

Surah Qadr in Hindi Pdf | इन्ना अनज़ल नाहु सूरह कद्र हिंदी तर्जुमा के साथ

Important Pages

About Us

Contact Us

Disclaimer

Privacy Policy

Guest Post

Phone: +917060605950
Email: Ayaaz19400@gmail.com