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quran para 28 in hindi Qad samiʿa ’llāhu

Quran Para 28 In Hindi Pdf – Read Online | क़ुरान पारा 28 हिंदी में

Category: क़ुरान पारा 1-30 हिंदी में

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Quran Para 28 in Hindi: – दोस्तों, जैसा कि आपने हमारी पिछली पोस्ट में क़ुरान के पारों को हिंदी में तो पढ़ा ही होगा। अगर नहीं पढ़ा है तो उसकी लिंक नीचे दी है वहाँ से पढ़ सकते हैं।

quran para 28 in hindi Qad samiʿa ’llāhu

इस पोस्ट में हमने कुरान के पारा 28 को हिंदी में मौजूद कराया है। आप आसानी से Quran Para 28 को हिंदी में पढ़ सकते हैं।

▶️ यहाँ से पढ़ें: –

क़ुरान पारा 1क़ुरान पारा 2क़ुरान पारा 3
क़ुरान पारा 4क़ुरान पारा 5क़ुरान पारा 6
क़ुरान पारा 7क़ुरान पारा 8क़ुरान पारा 9
क़ुरान पारा 10क़ुरान पारा 11क़ुरान पारा 12
क़ुरान पारा 13क़ुरान पारा 14क़ुरान पारा 15
क़ुरान पारा 16क़ुरान पारा 17क़ुरान पारा 18
क़ुरान पारा 19क़ुरान पारा 20क़ुरान पारा 21
क़ुरान पारा 22क़ुरान पारा 23क़ुरान पारा 24
क़ुरान पारा 25क़ुरान पारा 26क़ुरान पारा 27
📌 नोट: - हमें मालूम होना चाहिए कि क़ुरान को अरबी भाषा में ही पढ़ना बेहतर होता है क्यूंकि अरबी में पढ़ने से हमारे अलफ़ाज़ ठीक-ठीक निकलते हैं।
पारा नम्बर28
पारा नामक़द समिअ़ल्लाहु
कुल सूरह9 (सूरह अल-मुजादला, सूरह अल-हश्र, सूरह अल-मुम्तहिन, सूरह अस-सफ़्फ़, सूरह अल-जुमुआ, सूरह अल-मुनाफ़िक़ून, सूरह अत्-तगा़बुन, सूरह अत्-तलाक़, सूरह अत्-तहरीम)
कुल रुकू17

📌 नोट: – पारा में * का मतलब रुकू पूरा होने से है।


क़ुरान पारा 28 | Quran Para 28 In Hindi

📖 क़द समिअ़ल्लाहु – Qad samiʿa ’llāhu (قَدْ سَمِعَ ٱللهُ)

सूरह न० 58
(सूरह अल-मुजादला(मदनी))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

क़द समिअ़ल्लाहु कौ़लल्लती तुजादिलु-क फ़ी ज़ौजिहा व तश्तकी इलल्लाहि वल्लाहु यस्-मअु तहावु-रकुमा, इन्नल्ला-ह समीअुम्-बसीर(1) अल्लज़ी-न युज़ाहिरू-न मिन्कुम् मिन्-निसा-इहिम् मा हुन्-न उम्महातिहिम्, इन् उम्महातुहुम् इल्लल्-लाई व-लद्-नहुम्, व इन्नहुम् ल-यकूलू-न मुन्करम् मिनल्-कौ़लि वजूरन्, व इन्नल्ला-ह ल-अ़फुव्वुन् ग़फूर(2) वल्लज़ी-न युज़ाहिरू-न मिन् निसा-इहिम् सुम्-म यअूदू-न लिमा का़लू फ़-तहरीरु र-क-बतिम्-मिन् क़ब्लि अंय्य-तमास्सा, ज़ालिकुम् तू-अ़जू-न बिही, वल्लाहु बिमा तअ्मलू-न ख़बीर(3) फ़-मल्लम् यजिद् फ़सियामु शहरैनि मु-तताबिअै़नि मिन् क़ब्लि अंय्य-तमास्सा, फ़-मल्-लम् यस्ततिअ् फ़-इतआ़मु सित्ती-न मिस्कीनन्, ज़ालि-क लितुअ्मिनू बिल्लाहि व रसूलिही, व तिल्-क हुदूदुल्लाहि, व लिल्काफ़िरी-न अ़ज़ाबुन् अलीम(4) इन्नल्लज़ी-न युहाद्दूनल्ला-ह व रसूलहू कुबितू कमा कुबितल्लज़ी-न मिन् क़ब्लिहिम् व क़द् अन्ज़ल्ना आयातिम्-बय्यिनातिन्, व लिल्काफ़िरी-न अ़ज़ाबुम् मुहीन(5) यौ-म यब्अ़सुहुमुल्लाहु जमीअ़न् फ़-युनब्बिउहुम् बिमा अ़मिलू अह्साहुल्लाहु व नसूहु, वल्लाहु अ़ला कुल्लि शैइन् शहीद(6)*

अलम् त-र अन्नल्ला-ह यअ्लमु मा फिस्समावाति व मा फिल्अर्ज़ि, मा यकूनु मिन्-नज्वा सला-सतिन् इल्ला हु-व राबिअुहुम् व ला ख़म्सतिन् इल्ला हु-व सादिसुहुम् व ला अद्ना मिन् ज़ालि-क व ला अक्स-र इल्ला हु-व म-अ़हुम् ऐ-न मा कानू सुम्-म यु नब्बिउहुम् बिमा अ़मिलू यौमल्-कियामति, इन्नल्ला-ह बिकुल्लि शैइन् अ़लीम(7) अलम् त-र इलल्लज़ी-न नुहू अ़निन्-नज्वा सुम्-म यअूदू-न लिमा नुहू अ़न्हु व य-तनाजौ-न बिल्इस्मि वल्-अुद्वानि व मअ्सि-यतिर्रसूलि व इज़ा जाऊ-क हय्यौ-क बिमा लम् युहय्यि-क बिहिल्लाहु व यकूलू-न फी अन्फुसिहिम् लौ ला युअ़ज़्ज़िबुनल्लाहु बिमा नकूलु, हस्बुहुम् जहन्नमु यस्लौनहा फ़-बिअ्सल्-मसीर(8) या अय्युहल्लज़ी-न आमनू इज़ा तनाजैतुम् फ़ला त-तनाजौ बिल्इस्मि वल्अु़द्वानि व मअ्सि-यतिर्-रसूलि व तनाजौ बिल्-बिर्रि वत्तक़्वा, वत्तकुल्लाहल्लज़ी इलैहि तुहशरून(9) इन्नमन्-नज्वा मिनश्-शैतानि लियह्जुनल्लज़ी-न आमनू व लै-स बिजार्रिहिम् शैअन् इल्ला बि-इज्निल्लाहि, व अ़लल्लाहि फ़ल्य-तवक्कलिल् मुअ्मिनून(10) या अय्युहल्लज़ी-न आमनू इज़ा की-ल लकुम् तफ़स्सहू फ़िल्-मजालिसि फ़फ़्सहू यफ़्सहिल्लाहु लकुम् व इज़ा क़ीलन्शुजू़ फ़न्शुजू़ यरफ़अ़िल्लाहुल्लज़ी-न आमनू मिन्कुम् वल्लज़ी-न ऊतुल् -अिल्-म द-रजातिन्, वल्लाहु बिमा तअ्मलू-न ख़बीर(11) या अय्युहल्लज़ी-न आमनू इज़ा नाजैतुमुर्रसू-ल फ़-क़द्दिमू बै-न यदै नज्वाकुम् स-द-क़तन्, ज़ालि-क खै़रुल्-लकुम् व अत्हरु, फ़-इल्लम् तजिदू फ़-इन्नल्ला-ह ग़फूरुर्-रहीम(12) अ-अश्फ़क्तुम् अन् तुक़द्दिमू बै-न यदै नज्वाकुम् स-द-कातिन्, फ़-इज् लम् तफ़अ़लू व ताबल्लाहु अ़लैकुम् फ़-अक़ीमुस्सला-त व आतुज़्ज़का-त व अतीअुल्ला-ह व रसूलहू, वल्लाहु ख़बीरुम्-बिमा तअ्मलून(13) अलम् त-र इलल्लज़ी-न तवल्लौ कौ़मन् ग़ज़िबल्लाहु अ़लैहिम्, मा हुम्-मिन्कुम् व ला मिन्हुम् व यह़्लिफू-न अ़लल्-कज़िबि व हुम् यअ्लमून(14) अ-अ़दल्लाहु लहुम् अ़ज़ाबन् शदीदन्, इन्नहुम् सा-अ मा कानू यअ्मलून(15) इत्त-ख़जू ऐमा-नहुम् जुन्नतन् फ़-सद्दू अ़न् सबीलिल्लाहि फ़-लहुम् अ़ज़ाबुम्-मुहीन(16) लन् तुग्नि-य अ़न्हुम् अम्वालुहुम् व ला औलादुहुम् मिनल्लाहि शैअन्, उलाइ-क अस्हाबुन्-नारि, हुम् फ़ीहा ख़ालिदून(17) यौ-म यब्-अ़सुहुमुल्लाहु जमीअ़न् फ़-यह़्लिफू-न लहू कमा यह़्लिफू-न लकुम् व यह्सबू-न अन्नहुम् अ़ला शैइन्, अला इन्नहुम् हुमुल्-काज़िबून(18) इस्तह्-व-ज़ अ़लैहिमुश्शैतानु फ़-अन्साहुम् ज़िक्रल्लाहि, उलाइ-क हिज्बुश-शैतानि, अला इन्-न हिज़्बश्शैतानि हुमुल्-ख़ासिरून(19) इन्नल्लज़ी-न युहाद्दूनल्ला-ह व रसूलहू उलाइ-क फ़िल-अज़ल्लीन(20) क-तबल्लाहु ल-अग्लिबन्-न अ-न व रुसुली, इन्नल्ला-ह क़विय्युन् अ़ज़ीज़(21) ला तजिदु कौमंय-युअ्मिनू-न बिल्लाहि वल्यौमिल्-आख़िरि युवाद्दू-न मन् हाद्दल्ला-ह व रसूलहू व लौ कानू आबा-अहुम् औ अब्ना-अहुम् औ इख़्वा-नहुम् औ अ़शी-र-तहुम्, उलाइ-क क-त-ब फी़ कुलूबिहिमुल्-ईमा-न व अय्य-दहुम् बिरूहिम्-मिन्हु, व युद्खिलुहुम् जन्नातिन् तज्री मिन् तहतिहल्-अन्हारु ख़ालिदी-न फ़ीहा, रज़ियल्लाहु अ़न्हुम् व रजू अ़न्हु, उलाइ-क हिजबुल्लाहि, अला इन्-न हिज्बल्लाहि हुमुल्-मुफ्लिहून(22)*

सूरह न० 59
(सूरह अल-हश्र(मदनी))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

सब्ब-ह लिल्लाहि मा फिस्समावाति व मा फिल्अर्जि व हुवल् अ़ज़ीजुल-हकीम(1) हुवल्लज़ी अख़-रजल्लज़ी-न क-फ़रू मिन् अह़्लिल्-किताबि मिन् दियारिहिम् लि-अव्वलिल्-हशरि, मा ज़नन्तुम् अंय्यख़्रुजू व ज़न्नू अन्नहुम् मानि-अ़तुहुम् हुसूनुहुम् मिनल्लाहि फ़-अताहुमुल्लाहु मिन् हैसु लम् यहतसिबू व क-ज़-फ़ फ़ी कुलूबिहिमुर्रुअ्-ब युखरिबू-न बुयू -तहुम् बि-ऐ दीहिम् व ऐदिल्-मुअ्मिनी-न फ़अ्तबिरू या उलिल्-अब्सार(2) व लौ ला अन् क-तबल्लाहु अ़लैहिमुल्-जला-अ ल-अ़ज़्ज़-बहुम् फिद्दुन्या, व लहुम् फ़िल्-आख़िरति अ़ज़ाबुन्नार(3) ज़ालि-क बि-अन्नहुम् शाक़्कुल्ला-ह व रसूलहू व मंय्युशाक़्क़िल्ला-ह फ़-इन्नल्ला-ह शदीदुल-अिकाब(4) मा क़-तअ्तुम् मिल्ली-नतिन् औ तरक्तुमूहा का़इ-मतन् अ़ला उसूलिहा फ़बि-इज् निल्लाहि व लियुख़्जि-यल्-फ़ासिक़ीन(5) व मा अफ़ा-अल्लाहु अ़ला रसूलिही मिन्हुम् फ़मा औजफ़्तुम् अ़लैहि मिन् खैलिंव्-व ला रिकाबिंव्-व लाकिन्नल्ला-ह युसल्लितु रुसु-लहू अ़ला मंय्यशा-उ, वल्लाहु अ़ला कुल्लि शैइन् क़दीर(6) मा अफा-अल्लाहु अ़ला रसूलिही मिन् अहलिल्-कुरा फ़-लिल्लाहि व लिर्रसूलि व लिज़िल्-कुरबा वल्यतामा वल् मसाकीनि वब्निस्सबीलि कै ला यकू-न दू-लतम्-बैनल्-अग्निया-इ मिन्कुम्, व मा आताकुमुर्रसूलु फ़खुजूहु व मा नहाकुम् अ़न्हु फ़न्तहू वत्तकुल्ला-ह, इन्नल्ला-ह शदीदुल्-अ़िकाब •(7) लिल्फु-क़राइल्-मुहाजिरीनल्लज़ी-न उख़्रिजू मिन् दियारिहिम् व अम्वालिहिम् यब्तगू-न फ़ज़्लम्-मिनल्लाहि व रिजवानंव्-व यन्सुरूनल्ला-ह व रसूलहू, उलाइ-क हुमुस्सादिकून(8) वल्लज़ी-न त-बब्वउद्दा-र वलईमा-न मिन् क़ब्लिहिम् युहिब्बू-न मन् हाज-र इलैहिम् व ला यजिदू-न फ़ी सुदूरिहिम् हा-जतम्-मिम्मा ऊतू व युअसिरू-न अ़ला अन्फुसिहिम् व लौ का-न बिहिम् ख़सा-सतुन्, व मंय्यू-क शुह्-ह नफ़्सिही फ़-उलाइ-क हुमुल्-मुफ्लिहून(9) वल्लज़ी-न जाऊ मिम्बअ्दिहिम् यकूलू-न रब्बनग़्फिर लना व लि-इख़्वानिनल्लज़ी-न स-बकूना बिल्-ईमानि व ला तज्अल् फ़ी कुलूबिना गिल्लल्-लिल्लज़ी-न आमनू रब्बना इन्न-क रऊफुर्रहीम •(10)*

अलम् त-र इलल्लज़ी-न नाफ़कू यकूलू-न लि-इख़्वानिहिमुल्लज़ी-न क-फ़रू मिन् अह़्लिल्-किताबि ल-इन् उख़्रिज्तुम् ल-नख़्रुजन-न म-अ़कुम् व ला नुतीअु फ़ीकुम् अ-हदन् अ-बदंव्-व इन् कूतिल्तुम् ल-नन्सुरन्नकुम्, वल्लाहु यश्हदु इन्नहुम् लकाज़िबून(11) ल-इन् उख़्रिजू ला यख़्रुजू-न म-अ़हुम् व ल-इन् कूतिलू ला यन्सुरूनहुम् व ल-इन्-न-सरूहुम् लयु-वल्लुन्नल्-अदबा-र, सुम्-म ला युन्सरून(12) ल-अन्तुम् अशद्दु रह्-बतन् फी सुदूरिहिम् मिनल्लाहि, ज़ालि-क बि-अन्नहुम् कौ़मुल-ला यफ़्क़हून(13) ला युक़ातिलूनकुम् जमीअ़न् इल्ला फ़ी कुरम् मुहस्स-नतिन् औ मिंव्वरा-इ जुदुरिन, बअ्सुहम् बैनहुम् शदीदुन्, तहसबुहुम् जमीअ़ंव्-व कुलूबुहुम् शत्ता, ज़ालि-क बि-अन्नहुम् कौ़मुल्-ला यअकिलून(14) क-म-सलिल्लज़ी-न मिन् क़ब्लिहिम् क़रीबन् ज़ाकू व बा-ल अम्रिहिम् व लहुम् अ़ज़ाबुन् अलीम(15) क-म-सलिश्शैतानि इज् का-ल लिल्-इन्सानिक्फुर फ़-लम्मा क-फ़-र का-ल इन्नी बरीउम्-मिन्-क इन्नी अख़ाफुल्ला-ह रब्बल्-आ़लमीन(16) फ़का-न आ़कि-ब-तहुमा अन्नहुमा फ़िन्नारि ख़ालिदैनि फ़ीहा, व ज़ालि-क जज़ाउज़्ज़ालिमीन(17)*
या अय्युहल्लज़ी-न आमनुत्तकुल्ला-ह वल्तन्जुर् नफ़्सुम्-मा क़द्द-मत् लि-ग़दिन् वत्तकुल्ला-ह, इन्नल्ला-ह ख़बीरुम्-बिमा तअ्मलून(18) व ला तकूनू कल्लज़ी-न नसुल्ला-ह फ़-अन्साहुम् अन्फु-सहुम्, उलाइ-क हुमुल्-फ़ासिकून(19) ला यस्तवी अस्हाबुन्नारि व अस्हाबुल्-जन्नति, अस्हाबुल्-जन्नति हुमुल्-फ़ाइजून(20) लौ अन्ज़ल्ना हाज़ल-कुरआ-न अ़ला ज-बलिल्-ल-रऐ-तहू ख़ाशिअ़म् मु-तसद्दिअ़म् मिन् ख़श्-यतिल्लाहि, व तिल्कल्-अम्सालु नज्रिबुहा लिन्नासि लअ़ल्लहुम् य-तफ़क्करून(21) हुवल्लाहुल्लज़ी ला इला-ह इल्ला हु-व आ़लिमुल्-गै़बि वश्शहा-दति हुवर्-रह़्मानुर्रहीम(22) हुवल्लाहुल्लज़ी ला इला-ह इल्ला हु-व अल्मलिकुल्-कुद्दूसुस्-सलामुल् मुअ्मिनुल्-मुहैमिनुल-अज़ीजुल् जब्बारुल-मु-तकब्बिरु, सुब्हानल्लाहि अ़म्मा युश्रिकून(23) हुवल्लाहुल् ख़ालिकुल् बारिउल् मुसव्विरु लहुल् अस्मा-उल्-हुस्ना, युसब्बिहु लहू मा फ़िस्समावाति वल्अर्जि व हुवल् अ़ज़ीजुल-हकीम(24)*

सूरह न० 60
(सूरह अल-मुम्तहिन(मदनी))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

या अय्युहल्लज़ी-न आमनू ला तत्तखिजू अ़दुव्वी व अ़दुव्वकुम् औलिया-अ तुल्कू-न इलैहिम् बिल्-म-वद्दति व क़द् क-फ़रू बिमा जा-अकुम् मिनल्-हक़्क़ि युख़्रिजूनर्-रसू-ल व इय्याकुम् अन् तुअ्मिनू बिल्लाहि रब्बिकुम्, इन् कुन्तुम् ख़रज्तुम् जिहादन फ़ी सबीली वब्तिग़ा-अ मरजा़ती तुसिर्रू-न इलैहिम् बिल्म-वद्दति व अ-न अअ्लमु बिमा अख़फ़ैतुम् व मा अअ्लन्तुम्, व मंय्यफ़अ़ल्हु मिन्कुम् फ़-क़द् ज़ल-ल सवा-अस्सबील(1) इंय्यस्क़फूकुम् यकूनू लकुम् अअ्दा-अंव्-व यब्सुतू इलैकुम् ऐदि-यहुम् व अल्सि-न-तहुम् बिस्सू-इ व वद्दू लौ तक़्फुरून(2) लन् तन्फ़-अ़कुम् अरहामुकुम् व ला औलादुकुम् यौमल्-कियामति यफ़्सिलु बैनकुम्, वल्लाहु बिमा तअ्मलू-न बसीर(3) क़द् कानत् लकुम् उस्वतुन् ह-स-नतुन् फ़ी इब्राही-म वल्लज़ी-न म-अ़हू इज् का़लू लिकौ़मिहिम् इन्ना बु-रआ-उ मिन्कुम् व मिम्मा तअ्बुदू-न मिन् दूनिल्लाहि कफ़रना बिकुम् व बदा बैनना व बैनकुमुल्-अ़दा-वतु वल्-ब़ग्ज़ा-उ अ-बदन् हत्ता तुअ्मिनू बिल्लाहि वह्-दहू इल्ला कौ़-ल इब्राही-म लि-अबीहि ल-अस्तग़्फिरन्-न ल-क व मा अम्लिकु ल-क मिनल्लाहि मिन् शैइन्, रब्बना अ़लै-क तवक्कल्ना व इलै-क अनब्ना व इलैकल्-मसीर(4) रब्बना ला तज्अ़ल्ना फ़ित्-नतल्-लिल्लज़ी-न क-फ़रू वग़्फिर् लना रब्बना इन्न-क अन्तल्-अ़ज़ीजुल-हकीम(5) ल-क़द् का-न लकुम् फीहिम् उस्वतुन् ह-स-नतुल-लिमन् का-न यरजुल्ला-ह वल्यौमल्-आखि-र, व मंय्य-तवल्-ल फ़-इन्नल्ला-ह हुवल् ग़निय्युल्-हमीद(6)*

अ़सल्लाहु अंय्यज्अ़-ल बैनकुम् व बैनल्लज़ी-न आ़दैतुम् मिन्हुम् मवद्द-तन्, वल्लाहु क़दीरुन्, वल्लाहु गफूरुर-रहीम(7) ला यन्हाकुमुल्लाहु अ़निल्लज़ी-न लम् युक़ातिलूकुम फिद्दीनि व लम् युख़्रिजूकुम् मिन् दियारिकुम् अन् तबर्रूहुम् व तुक्सितू इलैहिम्, इन्नल्ला-ह युहिब्बुल्-मुक्सितीन(8) इन्नमा यन्हाकुमुल्लाहु अ़निल्लज़ी-न का-तलूकुम फ़िद्दीनि व अख्-रजूकुम् मिन् दियारिकुम् व ज़ा-हरू अ़ला इख़राजिकुम् अन् तवल्लौहुम् व मंय्य-तवल्लहुम् फ़-उलाइ-क हुमुज़्ज़ालिमून(9) या अय्युहल्लज़ी-न आमनू इज़ा जा-अकुमुल् मुअ्मिनातु मुहाजिरातिन् फ़म्तहिनूहुन्-न, अल्लाहु अअ्लमु बि-ईमानिहिन्-न फ़-इन् अ़लिम्तुमूहुन्-न मुअ्मिनातिन् फ़ला तर्जिअूहुन्-न इलल्-कुफ्फ़ारि, ला हुन्-न हिल्लुल् लहुम् व ला हुम् यहिल्लू-न लहुन्-न, व आतूहुम् मा अन्फ़कू, व ला जुना-ह अ़लैकुम् अन् तन्किहूहुन्-न इज़ा आतैतुमूहुन्-न उजू-रहुन्-न, व ला तुम्सिकू बिअि-समिल्-कवाफ़िरि, वस्अलू मा अन्फ़क़तुम वल्-यस्अलू मा अन्फकू, ज़ालिकुम हुक्मुल्लाहि यह्कुमु बैनकुम वल्लाहु अ़लीमुन् हकीम(10) व इन् फा-तकुम् शैउम्-मिन् अज़्वाजिकुम् इलल्-कुफ़्फ़ारि फ़-आक़ब्तुम् फ़-आतुल्लज़ी-न ज़-हबत् अज़्वाजुहुम् मिस्-ल मा अन्फ़कू, वत्तकुल्लाहल्लज़ी अन्तुम् बिही मुअ्मिनून(11) या अय्युहन्नबिय्यु इज़ा जा- अकल्-मुअ्मिनातु युबायिअ्-न-क अ़ला अल-ला युश्रिक्-न बिल्लाहि शैअंव्-व ला यस्रिक्-न व ला यज्नी-न व ला यक्तुल्-न औला-दहुन्-न व ला यअ्ती-न बिबुह्तानिय्-यफ़्तरीनहू बै-न ऐदीहिन्-न व अर्जुलिहिन्-न व ला यअ्सी-न-क फ़ी मअ्रूफ़िन् फ़-बायिअ्हुन्-न वस्तग़्फिर् लहुन्नल्ला-ह, इन्नल्ला-ह ग़फूरुर्रहीम(12) या अय्युहल्लज़ी-न आमनू ला त-तवल्लौ कौ़मन् ग़ज़िबल्लाहु अ़लैहिम् क़द् य-इसू मिनल्-आख़िरति कमा य-इसल्-कुफ़्फ़ारु मिन् अस्हाबिल्-कुबूर •(13)*

सूरह न० 61
(सूरह अस-सफ़्फ़(मदनी))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

सब्ब-ह लिल्लाहि मा फिस्समावाति व मा फिल्अर्जि व हुवल् अ़ज़ीजुल-हकीम(1) या अय्युहल्लज़ी-न आमनू लि-म तकूलू-न मा ला तफ़अ़लून(2) कबु-र मक्तन् अिन्दल्लाहि अन् तकूलू मा ला तफ़अ़लून(3) इन्नल्ला-ह युहिब्बुल्लज़ी-न युक़ातिलू -न फी सबीलिही सफ़्फ़न् क-अन्नहुम् बुन्यानुम्-मरसूस(4) व इज् का-ल मूसा लिकौ़मिही या कौ़मि लि-म तुअ्जू-ननी व क़त्-तअ्लमू-न अन्नी रसूलुल्लाहि इलैकुम, फ़-लम्मा ज़ागू अज़ाग़ल्लाहु कुलूबहुम्, वल्लाहु ला यह्दिल्-कौमल्-फ़ासिकीन(5) व इज् का-ल अ़ीसब्नु मर्य-म या बनी इस्राई-ल इन्नी रसूलुल्लाहि इलैकुम् मुसद्दिक़ल्-लिमा बै-न यदय्-य मिनत्तौराति व मुबश्शिरम् बि-रसूलिंय्-यअ्ति मिम्बअ्दिस्मुहू अहमदु, फ़-लम्मा जा-अहुम् बिल्बरियनाति कालू हाजा सिहरुम-मुबीन(6) व मन् अज़्लमु मिम्-मनिफ़्तरा अ़लल्लाहिल्-कज़ि-ब व हु-व युद्आ़ इलल् -इस्लामि, वल्लाहु ला यह्दिल्-कौ़मज़्ज़ालिमीन(7) युरीदू-न लियुत्फ़िऊ नूरल्लाहि बि-अफ़्वाहिहिम्, वल्लाहु मुतिम्मु नूरिही व लौ करिहल्-काफिरून(8) हुवल्लज़ी अर्स-ल रसूलहू बिल्हुदा व दीनिल्-हक्क़ि लियुज्हि-रहू अ़लद्दीनि कुल्लिही व लौ करिहल्-मुश्रिकून(9)*

या अय्युहल्लज़ी-न आमनू हल् अदुल्लुकुम् अ़ला तिजा-रतिन् तुन्जीकुम् मिन् अ़ज़ाबिन् अलीम(10) तुअ्मिनू-न बिल्लाहि व रसूलिही व तुजाहिदू-न फ़ी सबीलिल्लाहि बि-अम्वालिकुम् व अन्फुसिकुम्, ज़ालिकुम् खै़रुल्-लकुम् इन् कुन्तुम् तअ्लमून(11) यग्फिर लकुम् जुनू-बकुम् व युद्खिल्कुम् जन्नातिन् तज्री मिन् तहतिहल्-अन्हारु व मसाकि-न तय्यि-बतन् फ़ी जन्नाति अ़द्निन्, ज़ालिकल्-फौ़जुल-अ़ज़ीम(12) व उख़रा तुहिब्बूनहा नसरुम्-मिनल्लाहि व फ़तहुन् क़रीबुन्, व बश्शिरिल्-मुअ्मिनीन(13) या अय्युहल्लज़ी-न आमनू कूनू अन्सारल्लाहि कमा का-ल अ़ीसब्नु मर् य-म लिल्-हवारिय्यी-न मन् अन्सारी इलल्लाहि, कालल् -हवारिय्यू -न नह्नु अन्सारुल्लाहि फ़ -आ-मनत् ताइ-फ़तुम् मिम्-बनी इस्राई-ल व क-फ़रत् ताइ-फ़तुन् फ़-अय्यद्नल्लज़ी-न आमनू अ़ला अ़दुव्विहिम्, फ़-अस्बहू ज़ाहिरीन(14)*

सूरह न० 62
(सूरह अल-जुमुआ(मदनी))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

यु सब्बिहु लिल्लाहि मा फिस्समावाति व मा फिल्अर्जिल्-मलिकिल्-कुद्दूसिल् अ़ज़ीज़िल-हकीम(1) हुवल्लज़ी ब-अ़-स फिल्-उम्मिय्यी-न रसूलम्-मिन्हुम् यत्लू अ़लैहिम् आयातिही व युज़क्कीहिम् व युअ़ल्लिमुहमुल्-किता-ब वल्हिक्म-त व इन् कानू मिन् क़ब्लु लफ़ी ज़लालिम्-मुबीन(2) व आ-ख़री-न मिन्हुम् लम्मा यल्हकू बिहिम्, व हुवल् अ़ज़ीजुल-हकीम(3) ज़ालि-क फ़ज़्लुल्लाहि युअ्तीहि मंय्यशा-उ, वल्लाहु जुल्-फ़ज़्लिल्-अ़ज़ीम(4) म-सलुल्लज़ी-न हुम्मिलुत्-तौरा-त सुम्-म लम् यह़्मिलूहा क-म-सलिल्-हिमारि यह़्मिलु अस्फारन्, बिअ्-स म-सलुल्-कौ़मिल्लज़ी-न कज़्ज़बू बिआयातिल्लाहि, वल्लाहु ला यहदिल्-कौ़मज्-ज़ालिमीन(5) कुल् या अय्युहल्लज़ी-न हादू इन् ज़-अ़म्तुम् अन्नकुम् औलिया-उ लिल्लाहि मिन् दुनिन्नासि फ़-तमन्नवुल्-मौ-त इन् कुन्तुम् सादिक़ीन(6) व ला य-तमन्नौनहू अ-बदम्-बिमा क़द्द-मत् ऐदीहिम्, वल्लाहु अ़लीमुम्-बिज़्ज़ालिमीन(7) कुल् इन्नल्-मौतल्लज़ी तफ़िर्रू-न मिन्हु फ़-इन्नहू मुलाक़ीकुम् सुम्-म तुरद्दू-न इला आ़लिमिल्-गै़बि वश्शहा-दति फ़युनब्बिउकुम् बिमा कुन्तुम् तअ्मलून(8)*

या अय्युहल्लज़ी-न आमनू इज़ा नूदि-य लिस्सलाति मिंय्यौमिल्-जुमु-अ़ति फ़स्औ़ इला ज़िक्रिल्लाहि व ज़रुल-बै-अ, ज़ालिकुम् खै़रुल्-लकुम् इन् कुन्तुम् तअ्लमून(9) फ़-इज़ा कुजि-यतिस्सलातु फ़न्तशिरू फिल्अर्जि वब्तगू मिन् फज्लिल्लाहि वजकुरुल्ला-ह कसीरल्-लअ़ल्लकुम् तुफ़्लिहून(10) व इज़ा रऔ तिजा-रतन् औ लह्-व-निन्फ़ज़्जू इलैहा व त-रकू-क का़इमन्, कुल् मा अिन्दल्लाहि खै़रुम् -मिनल् -लहवि व मिनत्तिजा- रति, वल्लाहु खै़रुर्-राज़िक़ीन(11)*

सूरह न० 63
(सूरह अल-मुनाफ़िक़ून(मदनी))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

इज़ा जा-अकल्-मुनाफ़िकू-न का़लू नश्हदु इन्न-क ल-रसूलुल्लाहि • वल्लाहु यअ्लमु इन्न-क ल-रसूलुहू, वल्लाहु यश्हदु इन्नल्-मुनाफ़िक़ी-न लकाज़िबून(1) इत्त-ख़जू ऐमा-नहुम् जुन्नतन् फ़-सद्दू अ़न् सबीलिल्लाहि, इन्नहुम् सा-अ मा कानू यअ्मलून(2) ज़ालि-क बि-अन्नहुम् आमनू सुम्-म क-फ़रू फ़-तुबि-अ़ अ़ला कुलूबिहिम् फ़हुम् ला यफ़्कहून(3) व इज़ा रऐ-तहुम् तुअ्जिबु-क अज्सामुहुम, व इंय्यकूलू तस्मअ् लिक़ौलिहिम्, क-अन्नहुम् खुशुबुम् मुसन्न-दतुन्, यह्सबू-न कुल-ल सै-हतिन् अ़लैहिम, हुमुल्-अ़दुव्वु फ़ह्ज़रहुम्, का-त-लहुमुल्लाहु अन्ना युअफ़कून(4) व इज़ा की-ल लहुम् तआ़लौ यस्तग़्फिर लकुम् रसूलुल्लाहि लव्वौ रुऊ-सहुम् व रऐ-तहुम् यसुद्दू-न व हुम्-मुसतक्बिरून(5) सवाउन् अ़लैहिम् अस्तग़्फ़र्-त लहुम् अम् लम् तस्तग्फिर लहुम्, लंय्यग़्फिरल्लाहु लहुम्, इन्नल्ला-ह ला यह्दिल् कौ़मल्-फ़ासिक़ीन(6) हुमुल्लज़ी-न यकूलू-न ला तुन्फिकू अ़ला मन् अिन्-द रसूलिल्लाहि हत्ता यन्फ़ज़्जू, व लिल्लाहि ख़ज़ा-इनुस्समावाति वल्अर्ज़ि व लाकिन्नल्-मुनाफ़िकी-न ला यफ़्क़हून(7) यकूलू-न ल-इर्रजअ्ना इलल्-मदीनति लयुख़्रिजन्नल् -अ-अ़ज़्जु मिनहल्-अ-ज़ल् -ल, व लिल्लाहिल्-अ़िज़्ज़तु व लि-रसूलिही व लिल् -मुअ्मिनी-न वं लाकिन्नल्-मुनाफ़िकी-न ला यअ्लमून(8) या अय्युहल्लज़ी-न आमनू ला तुल्हिकुम् अम्वालुकुम् व ला औलादुकुम् अ़न् जिक्रिल्लाहि व मंय्यफ़अ़ल् ज़ालि-क फ़-उलाइ-क हुमुल्-ख़ासिरून(9) व अन्फ़िकू मिम्मा रज़क़्नाकुम् मिन् क़ब्लि अंय्यअ्ति-य अ-ह-दकुमुल्-मौतु फ़-यकू-ल रब्बि लौ ला अख़्ख़र्-तनी इला अ-जलिन् क़रीबिन् फ़-अस्सद्द-क व अकुम्-मिनस्सालिहीन(10) व लंय्यु-अख्खिरल्लाहु नफ़्सन् इज़ा जा-अ-जलुहा, वल्लाहु ख़बीरुम्-बिमा तअ्मलून(11)*

सूरह न० 64
(सूरह अत्-तगा़बुन(मदनी))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

युसब्बिहु लिल्लाहि मा फ़िस्समावाति व मा फ़िल्अर्जि लहुल्-मुल्कु व लहुल्-हम्दु व हु-व अ़ला कुल्लि शैइन् क़दीर(1) हुवल्लज़ी ख़-ल-क़कुम् फ़-मिन्कुम् काफ़िरुंव्-व मिन्कुम् मुअ्मिनुन्, वल्लाहु बिमा तअ्मूल-न बसीर(2) ख़-लक़स्-समावाति वल्अर्-ज़ बिल्हक्कि व सव्व-रकुम् फ़-अह्स-न सु-व-रकुम् व इलैहिल्-मसीर(3) यअ्लमु मा फिस्-समावाति वल्अर्जि व यअ्लमु मा तुसिर्रू-न व मा तुअ्लिनू-न, वल्लाहु अ़लीमुम्-बिज़ातिस्सुदूर(4) अलम् यअ्तिकुम् न-बउल्लज़ी-न क-फ़रू मिन् क़ब्लु फ़-ज़ाकू व बा-ल अम्रिहिम् व लहुम् अ़ज़ाबुन अलीम(5) ज़ालि-क बि-अन्नहू कानत्-तअ्तीहिम् रुसुलुहुम् बिल्बय्यिनाति फ़का़लू अ-ब-शरुंय्-यह्दूनना फ़-क-फ़रू व तवल्लौ वस्तग्नल्लाहु, वल्लाहु ग़निय्युन् हमीद(6) ज़-अ़मल्लजी-न क-फ़रू अल्लंय्युब्-अ़सू, कुल बला व रब्बी ल-तुब्अ़सुन्-न सुम्-म ल-तुनब्ब-उन्-न बिमा अ़मिल्तुम्, व ज़ालि-क अ़लल्लाहि यसीर(7) फ़आमिनू बिल्लाहि व रसूलिही वन्नूरिल्लज़ी अन्ज़ल्ना, वल्लाहु बिमा तअ्मलू-न ख़बीर(8) यौ-म यज्मअुकुम् लियौमिल्-जम्अि ज़ालि-क यौमुत्-तग़ाबुनि, व मंय्युअ्मिम्-बिल्लाहि व यअ्मल् सालिहंय्-युकफ़्फ़िर अ़न्हु सय्यिआतिही व युद्खिल्हु जन्नातिन् तज्री मिन् तहतिहल्-अन्हारु ख़ालिदी-न फ़ीहा अ-बदन्, ज़ालिकल् फ़ौजुल्-अ़ज़ीम(9) वल्लज़ी-न क-फ़रू व कज़्ज़बू बिआयातिना उलाइ-क अस्हाबुन्नारि खालिदी-न फीहा, व बिअ्सल्-मसीर •(10)*

मा असा-ब मिम्-मुसी-बतिन् इल्ला बि-इज्निल्लाहि, व मंय्युअ्मिम्-बिल्लाहि यह्दि क़ल्बहू, वल्लाहु बिकुल्लि शैइन् अ़लीम(11) व अतीअुल्ला-ह व अतीअुर्-रसू-ल फ़-इन् तवल्लैतुम् फ़-इन्नमा अ़ला रसूलिनल्-बलागुल्-मुबीन(12) अल्लाहु ला इला-ह इल्ला हु-व, व अ़लल्लाहि फ़ल्य-तवक्कलिल् मुअ्मिनून(13) या अय्युहल्लज़ी-न आमनू इन्-न मिन् अज़्वाजिकुम् व औलादिकुम् अ़दुव्वल्-लकुम् फ़ह्ज़रूहुम् व इन् तअ्फू व तस्फ़हू व तग्फिरू फ़-इन्नल्ला-ह ग़फूरुर्रहीम(14) इन्नमा अम्वालुकुम् व औलादुकुम् फित्-नतुन्, वल्लाहु अिन्दहू अज्रुन् अ़ज़ीम(15) फ़त्तकुल्ला-ह मस्त-तअ्तुम् वस्-मअू अतीअू व अन्फिकू खै़रल्-लिअन्फुसिकुम्, व मंय्यू-क शुह-ह नफ़्सिही फ़-उलाइ-क हुमुल्-मुफ़्लिहून(16) इन् तुक्रिजुल्ला-ह क़र्ज़न् ह-सनंय्-युज़ाअिफ़्हु लकुम् व यग़्फिर् लकुम्, वल्लाहु शकूरुन् हलीम(17) आ़लिमुल्-गै़बि वश्शहा-दतिल् अ़ज़ीजुल्-हकीम(18)

सूरह न० 65
(सूरह अत्-तलाक़(मदनी))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

या अय्युहन्नबिय्यु इज़ा तल्लक्तुमुन्-निसा-अ फ़-तल्लिकूहुन् न लिअिद्-दति- हिन्-न व अह्सुल्-अिद्-द-त वत्तकुल्ला-ह रब्बकुम् ला तुख्रीजूहुन्-न मिम्-बुयूतिहिन्-न व ला यख़्रुज्-न इल्ला अंय्यअ्ती-न बिफ़ाहि-शतिम् मुबय्यि-नतिन्, व तिल्-क हुद्दुल्लाहि, व मंय्य-त-अ़द्-द हुदूदल्लाहि फ़-क़द् ज़-ल-म नफ़्सहू, ला तद्री लअ़ल्लल्ला-ह युह्दिसु बअ्-द ज़ालि-क अम्रा(1) फ़-इज़ा बलग्-न अ-ज-लहुन्-न फ़-अम्सिकूहुन्-न बि-मअ्रूफिन् औ फ़ारिकूहुन्-न बि-मअ्रूफिंव्-व अश्हिदू ज़वै अ़द्लिम्-मिन्कुम् व अक़ीमुश्शहा-द-त लिल्लाहि, ज़ालिकुम् यू-अ़जु बिही मन् का-न युअ्मिनु बिल्लाहि वल्यौमिल्-आख़िरि, व मंय्यत्तकिल्ला-ह यज्अ़ल्-लहू मख़्-रजा(2) व यरजुक़्हु मिन् हैसु ला यह्तसिबु, व मंय्य-तवक्कल् अ़लल्लाहि फ़हु-व हस्बुहू, इन्नल्ला-ह बालिगु अम्रिही, क़द् ज-अ़लल्लाहु लिकुल्लि शैइन् क़द्रा(3) वल्लाई य-इस्-न मिनल्-महीज़ि मिन्-निसाइकुम् इनिरतब्तुम् फ़-अिद्दतुहुन्-न सला-सतु अश्हुरिंव्-वल्लाई लम् यहिज्-न, व उलातुल्-अह़्मालि अ-जलुहुन्-न अंय्यज़अ्-न हम्ल-हुन्-न, व मंय्यत्तकिल्ला-ह यज्अ़ल्-लहू मिन् अम्रिही युसरा(4) ज़ालि-क अम्रुल्लाहि अन्ज़-लहू इलैकुम्, व मंय्यत्तकिल्ला-ह युकफ्फिर अ़न्हु सय्यिआतिही व युअ्ज़िम् लहू अज्रा(5) अस्किनूहुन्-न मिन् हैसु स-कन्तुम् मिंव्वुज्दिकुम् व ला तुज़ार्रूहुन्-न लि-तुज़य्यिकू अ़लैहिन्-न, व इन् कुन्-न उलाति हम्लिन् फ़-अन्फ़िकू अ़लैहिन्-न हत्ता यज़अ्-न हम्-लहुन्-न फ़-इन् अरज़अ्-न लकुम् फ़-आतूहुन्-न उजू-रहुन्-न वअ्तमिरू बैनकुम् बि-मअ्रूफिन् व इन् तआसरतुम् फ़-सतुरजिअु लहू उखरा(6) लियुन्फ़िक् जू स-अ़तिम्-मिन् स-अ़तिही, व मन् कुदि-र अ़लैहि रिज़्कुहू फ़ल्युन्फिक् मिम्मा आताहुल्लाहु, ला युकल्लिफुल्लाहु नफ़्सन् इल्ला मा आताहा, स-यज्-अ़लुल्लाहु बअ्-द अुसरिंय्-युसरा(7)*

व क-अय्यिम् मिन् कर्-यतिन् अ़तत् अ़न् अम्रि रब्बिहा व रुसुलिही फ़-हासब्नाहा हिसाबन् शदीदंव्-व अ़ज़्ज़ब्नाहा अ़ज़ाबन्-नुक्रा(8) फ़-ज़ाकत् व बा-ल अम्रिहा व का-न आ़कि-बतु अम्रिहा खुसरा(9) अ-अ़द्दल्लाहु लहुम् अ़ज़ाबन् शदीदन् फ़त्तकुल्ला-ह या उलिल्-अल्बाबिल्लज़ी-न आमनू क़द् अन्ज़लल्लाहु इलैकुम् ज़िक्रा(10) रसूलंय्-यत्लू अ़लैकुम् आयातिल्लाहि मुबय्यिनातिल्-लियुख़्रिजल्लज़ी-न आमनू व अ़मिलुस्सालिहाति मिनज़्जुलुमाति इलन्नूरि, व मंय्युअ्मिम् बिल्लाहि व यअ्मल् सालिहंय्-युद्खिल्हु जन्नातिन् तज्री मिन् तह्तिहल्-अन्हारु ख़ालिदी-न फ़ीहा अ-बदन्, क़द् अह्-सनल्लाहु लहू रिज्का(11) अल्लाहुल्लज़ी ख़-ल-क़ सब्-अ़ समावातिंव्-व मिनल्-अर्ज़ि मिस्-लहुन्-न, य-तनज़्ज़लुल्-अम्रु बैनहुन्-न लितअ्लमू अन्नल्ला-ह अ़ला कुल्लि शैइन् क़दीरुंव्-व अन्नल्ला-ह क़द् अहा-त बिकुल्लि शैइन् अ़िल्मा(12)*

सूरह न० 66
(सूरह अत्-तहरीम(मदनी))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

या अय्युहन्नबिय्यु लि-म तुहर्रिमु मा अ-हल्लल्लाहु ल-क तब्तगी मरज़ा-त अज़्वाजि-क, वल्लाहु ग़फूरुर-रहीम(1) क़द् फ़-रज़ल्लाहु लकुम् तहिल्-ल-त ऐमानिकुम् वल्लाहु मौलाकुम् व हुवल् अ़लीमुल-हकीम(2) व इज् असर्रन्-नबिय्यु इला बअ्ज़ि अज्वाजिही हदीसन् फ़-लम्मा नब्ब-अत् बिही व अज़्ह-र-हुल्लाहु अ़लैहि अ़र्र-फ़ बअ्-ज़हू व अअ्र-ज़ अ़म्-बअ्ज़िन् फ़-लम्मा नब्ब-अहा बिही का़लत् मन् अम्ब-अ-क हाज़ा, का़-ल नब्ब-अनि-यल् अ़लीमुल्-ख़बीर(3) इन् ततूबा इलल्लाहि फ़-क़द् सग़त् कुलूबुकुमा व इन् तज़ा-हरा अ़लैहि फ़-इन्नल्ला-ह हु-व मौलाहु व जिब्रीलु व सालिहुल्-मुअ्मिनी-न वल्मलाइ-कतु बअ्-द ज़ालि-क ज़हीर(4) अ़सा रब्बुहू इन् तल्ल-क़कुन्-न अंय्युब्दि लहू अज़्वाजन् ख़ैरम्-मिन्कुन्-न मुस्लिमातिम् मुअ्मिनातिन् का़नितातिन् ता-इबातिन् आ़बिदातिन् सा-इहातिन् सय्यिबातिंव्-व अब्कारा(5) या अय्युहल्लज़ी-न आमनू कू अन्फु-सकुम् व अह्वलीकुम् नारंव्-व कूदुहन्नासु वल्हिजा-रतु अ़लैहा मलाइ-कतुन् गिलाजुन् शिदादुल्-ला यअ्सूनल्ला-ह मा अ-म-रहुम् व यफ़अलू-न मा युअ्मरून(6) या अय्युहल्लज़ी-न क-फ़रू ला तअ्तज़िरुल्-यौ-म, इन्नमा तुज्जौ़-न मा कुन्तुम् तअ्मलून(7)*

या अय्युहल्लज़ी-न आमनू तूबू इलल्लाहि तौ-बतन्-नसूहन्, अ़सा रब्बुकुम् अंय्युकफ्फ़ि-र अ़न्कुम् सय्यिआतिकुम् व युद्खि-लकुम् जन्नातिन् तज्री मिन तहतिहल्-अन्हारु यौ-म ला युख़्जिल्लाहुन्-नबिय्-य वल्लज़ी-न आमनू म-अ़हू नूरुहुम् यस्आ़ बै-न ऐदीहिम् व बि-ऐमानिहिम् यकूलू-न रब्बना अत्मिम् लना नू-रना वग्फ़िर् लना इन्न-क अ़ला कुल्लि शैइन् क़दीर(8) या अय्युहन्नबिय्यु जाहिदिल्-कुफ़्फ़ा-र वल्-मुनाफ़िक़ी-न वग्लुज् अ़लैहिम्, व मअ्वाहुम् जहन्नमु, व बिअ्सल्-मसीर(9) ज़-रबल्लाहु म-सलल्-लिल्लज़ी-न क-फ़ रुम्-र-अ-त नूहिंव्-वम्-र-अ-त लूतिन्, का-नता तह्-त अ़ब्दैनि मिन् अिबादिना सालिहैनि फ़-ख़ानताहुमा फ़-लम् युग्निया अ़न्हुमा मिनल्लाहि शैअंव्-व कीलद्खुलन्ना-र मअ़द्-दाख़िलीन(10) व ज़-रबल्लाहु म-सलल्-लिल्लज़ी-न आमनुम्-र-अ-त फ़िरऔ़-न . इज् कालत् रब्बिब्नि ली अिन्द-क बैतन् फ़िल्-जन्नति व नज्जिनी मिन् फ़िरऔ़-न व अ़-मलिही व नज्जिनी मिनल् कौ़मिज़्जा़लिमीन(11) व मर्-य-मब्न-त अिमरानल्लती अह्-सनत् फ़र्-जहा फ़-नफ़ख़्ना फ़ीहि मिर्रूहिना व सद्द-क़त् बि-कलिमाति-रब्बिहा व कुतुबिही व कानत् मिनल्-कानितीन(12)*


Quran Para 28 In Hindi Pdf Download

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