Namaz Padhne Ka Tarika in Hindi: – क्या आप भी नमाज़ तो पढ़ लेते हैं लेकिन नमाज़ के सही तरीके को नहीं जानते हैं, तो परेशानी की कोई बात नहीं। इस पोस्ट में हम नमाज़ के तरीके को पूरी डिटेल में सही-सही जानेंगे।
इस्लाम में सभी मुस्लिम भाई और बहनों पर 5 वक़्त की नमाज़ पढ़ना फ़र्ज़ है।
इसीलिए इस पोस्ट में हमने आपको नमाज की नियत, नमाज की दुआ, नमाज पढ़ने के फायदे और Namaz Padhne Ka Sahi Tarika इत्यादि की जानकारी पूरी डिटेल में पहुंचाने की कोशिश की है।
इंशाअल्लाह, आप इस पोस्ट को पढ़ने के बाद Namaz Ka Tarika in Hindi में आसानी के साथ सीख जायेंगे।
सभी फर्ज़ नमाज़ कितनी हैं?
अल्लाह ने हर एक मुस्लिम मर्द, औरत और वालिग़ शख्स पर दिन में पांच वक़्त की नमाज़ को फर्ज़ किया गया है। जो की कुछ इस तरह हैं: –
- फज़र की नमाज़ और तरीका
- जोहर की नमाज़ और तरीका
- अस्र की नमाज़ और तरीका
- मग़रिब की नमाज़ और तरीका
- ईशा की नमाज़ और तरीका
#1. नमाज के फ़र्ज जिनके बिना नमाज़ मुकम्मल नहीं होगी | Namaz ki Sharten In Hindi
दोस्तों, अगर आप नमाज़ पढ़ने जा रहे हैं तो आपको Namaz Padhne के Tarika में नमाज की शर्ते या फराइज़ का पता होना बहुत जरूरी है।
क्योकि नमाज में किसी एक भी फ़र्ज के छूट जाने से नमाज़ मुकम्मल नहीं होगी और आपको नमाज़ दोबारा पढ़ना पढ़ेगी।
ऐसे में हम सबसे नमाज के फ़र्ज क्या हैं जान लेते हैं?
नमाज़ पढ़ने के लिए नमाज़ के 13 फ़र्ज होते हैं, और इनमें से अगर एक भी फ़र्ज छूट गया तो Namaz Padhne Ka Tarika मुकम्मल नहीं होगा, वो ये हैं
7 बाहर के फ़र्ज | Namaz Ka Tarika 7 Farz Bahar Ke
- बदन का पाक साफ़ होना।
- कपड़ा का पाक साफ़ होना।
- बदन के सतर का छुपा हुआ होना।
- नमाज पढ़ने की जगह का पाक होना।
- नमाज अदा करते समय नमाज का वक्त होना।
- नमाज की नियत या इरादा करना।
- किबला की तरफ मुंह का होना।
6 नमाज़ के अन्दर के फ़र्ज | Namaz Ka Tarika Ke 6 Farz Andar Ke
- तक्बीरे तहरीमा कहना (अल्लाहुअकबर कहना)
- कयाम करना
- किरत करना या कुरान की तिलावत करना
- एक रकआत में एक रुकू करना
- एक रकात में दो सजदे करना
- अत्ताहियत के मानिंद बैठना
तो ये 13 फ़र्ज होते हैं जिनको अदा करना जरूरी होता है।
आईये अब डिटेल में इन फ़र्ज के बारे में जान लेते हैं।
#1. बदन का पाक साफ़ होना।
जब हम Namaz Padhne Ka Tarika जान रहे हैं, तो हमें यह ध्यान रहे कि हमारा बदन पाक और साफ़ हो। अगर बदन पाक नहीं होगा तो न तो हम नमाज़ पढ़ सकते हैं और न ही नापाकी की हालत में हमारी होगी।
नापाकी की हालत में आपको गुस्ल करना जरूरी है।
गुस्ल कैसे करते हैं आईये जानें: – ग़ुस्ल करने की दुआ और पूरा तरीका हिंदी में
#2. कपड़ों का पाक और साफ़ होना।
अगर आप नमाज़ पढ़ने जा रहे हैं तो जरूरी है कि आपको पता होना चाहिए कि आपने जो कपड़े पहने हैं वो साफ़ और पाक हैं कि नहीं।
अगर कपड़ों पर कोई ऐसी गंदगी लगी है जिसको हल्का सा धोकर कपड़ा पाक हो जायेगा तो कपड़े को धो लें।
नहीं तो आपको पाक-साफ़ कपड़े पहनना जरूरी है।
#3. बदन के सतर का छुपा हुआ होना।
नाफ़ के नीचे यानी आपके कमर के थोड़े ऊपर से, पैरों के घुटनों तक के हिस्से को सतर कहा जाता है।
तो आपको जरूरी है कि आपकी सतर का हिस्सा किसी कपड़े से अच्छे से ढंका हो,अगर नमाज में सतर दिखाई देती है, तो आपकी namaz ka tarika मुकम्मल नहीं होगा।
#4. नमाज पढ़ने की जगह का पाक होना।
बैसे तो आप जमीन के किसी भी हिस्से पर नमाज़ अदा कर सकते हैं, लेकिन उस हिस्से का पाक होना जरूरी है।
तो जब आप किसी जगह पर जब नमाज़ अदा करें तो यह देख लें कि वहा किसी तरह की गन्दगी जैसे: पेशाब, पखाना इत्यादि न हो। इसके अलाबा और किसी तरह की भी गन्दगी न हो जिससे जगह नापाक हो गयी हो।
#5. नमाज के वक़्त का पता होना।
नमाज़ को उसके सही वक़्त पर ही पढ़ना चाहिए। ऐसा नहीं होना चाहिए कि फज़र की नमाज़ जोहर के वक़्त अदा कर रहे हैं। तो जिस वक़्त की आप नमाज़ पढ़ रहे हैं, आपको उसका पता होना होना चाहिए।
नमाज को उसके सही वक्त पर पढ़ना बेहद जरुरी है। न तो आप नमाज़ को उसके समय से पहले सकते हैं और ना ही बाद में। क्योकि अगर वक्त गुजरने के बाद आप नमाज़ पढ़ते हैं तो वो नमाज को क़ज़ा नमाज माना जाएगा।
#6. नमाज की नियत या इरादा करना।
आपको जिस वक़्त की नमाज़ पढ़ रहे हैं उसकी नियत करना है। बैसे तो अगर आपको मालूम है कि आप जुहर की नमाज़ पढ़ने जा रहे हैं तो ये भी नियत हो गयी। लेकिन अगर आप जुबान से करना कहते हैं तो आप जुबान से कर सकते हैं।
नमाज़ की नियत कैसे करें इसके लिए आप हमारी सभी वक़्त की नमाज़ के तरीके की पोस्ट पढ़ सकते हैं।
#7. किबला रुख होना।
नमाज़ के पढ़ने के लिए एक फ़र्ज क़िबला रुख होना भी है। जब हम मस्जिद में नमाज़ पढ़ते हैं, चाहे अकेले पढ़ें या इमाम के पीछे, उस वक़्त हमें क़िबला रुख पता रहता है।
लेकिन जब हम घर पर या कहीं मस्जिद से बाहर नमाज़ पढ़ते हैं तो हमें यह मालूम नहीं रहता कि क़िबला यानि काबा किस जानिब है। इस स्थिति में हमें चाहिए कि किसी से पूछ लें या खुद कंपास की मदद से क़िबला रुख देख लें।
ये तो नमाज़ के बाहर के फरायिज़ थे।
आईये नमाज़ के अन्दर के फ़र्ज के बारे में भी थोड़ा कुछ जान लेते हैं।
पांच वक़्त की नमाज़ का तरीका अभी जानें: –
- फजर की नमाज़ का तरीका
- जोहर की नमाज़ का तरीका
- असर की नमाज़ का तरीका
- मग़रिब की नमाज़ का तरीका
- ईशा की नमाज़ का तरीका
#8. तक्बीर तहरीमा कहना।
जब हम नमाज़ पढ़ने को खड़े होते हैं तब हम अल्लाहु अकबर कह कर नियत बांधते हैं, उसी को तक्बीरे तहरीमा कहते हैं और तकबीर कहना नमाज़ में फ़र्ज़ है।
अगर कोई गूंगा इन्सान नमाज़ पढ़ रहा हो तो, तो ऐसे शख्स के लिए चाहिए कि वह अपने मन ही में तकबीर को कहे, जिससे उनकी नमाज़ हो जाएगी।
#9. क़याम करना।
जब तकबीर के बाद हम अपने हाथों को बांधकर खड़े होते हैं तो उसी हालत को क़याम कहते हैं।
#10. किरत करना यानि क़ुरान का कुछ हिस्सा पढ़ना।
जब आप कयाम की हालत में खड़े होंगे उसके बाद आपको कुरआन की तिलावत करना होती है। नीचे हमने पूरी जानकारी दी है आप पोस्ट को पूरा पढ़ें।
#11. एक रकअत में एक रुकू करना।
आपको एक रकत में केबल एक रुकू करना है और रुकू में आपको इतना झुकना है कि आपके पैरों और कमर के बीच 90 डिग्री का कोण बन जाये।
#12. एक रकात में दो सजदे करना।
जब आप रुकू के बाद सजदे में जायिंगे तो आपको हर एक रकआत में दो सजदे करना है।
#13. क़अदह अखीरा करना।
क़अदह का मतलब है बैठना होता है। आपको नमाज़ में अत्ताहियत के मानिंद बैठना होता है।
यानि दो या चार रकात पूरी करने के बाद जब अत तहिय्यात के लिए बैठते हैं उसी बैठने की हालत को क़अदह कहते हैं।
नमाज़ के लिए सबसे पहले पाक होना जरूरी है तो आईये जानते हैं पाक होने के लिए ग़ुस्ल करने का तरीका क्या है?
#2. गुस्ल करने का तरीका | Namaz ke liye ghusl ka tarika
आपको Namaz Padhne Ka Tarika जानने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि जब आप नमाज़ पढ़ने के लिए जाते हैं तो केवल नहाना ही काफी नहीं होता है, इसके लिए आपको नहाने के साथ-साथ गुस्ल करने की भी बहुत जरूरत है।
गुस्ल करने का तरीका बहुत ही आसान सा है
- गुस्ल की नियत करना।
- दोनों हाथ कलाहियो तक धोना।
- शर्मगाह को साफ़ करना या धोना।
- बदन पर लगी निजासत धोना।
- वुजू करना।
- पुरे बदन पर पानी डालना।
- दाहिने कंधे पर 3 एंव बांये कंधे पर 3 मर्तबा पानी डालना।
यहाँ तो जरूरी तौर पर हमने आपको गुस्ल के तरीके को बताया है आप गुस्ल करने के तरीके को जानने के लिए हमारी ये पोस्ट पढ़ें: – गुस्ल करने का सही तरीका हिंदी में
गुस्ल में कितने फर्ज है?
गुसल में तीन फर्ज है जिनको अदा करना जरूरी है, जो इस तरह हैं
- कुल्ली करना
- नाक में पानी डालना
- पुरे बदन पर पानी बहाना, इस तरह से कि बदन का कोई हिस्सा बाल बराबर सूखा न बचे।
गुस्ल में कितनी सुन्नते है?
गुसल में पांच सुन्नते है। जो इस तरह हैं
- गुस्ल से पहले इस्तिन्जा करना और उस जगह का धोना जहा पर नजासत (गंदगी) लगी हो।
- दोनों हाथ गट्टो तक तीन बार धोना।
- नापाकी दूर करने की नियत करना।
- गुस्ल से पहले वुजू करना।
- तमाम बदन पर पानी बहाना।
इस्तिन्जा किसे कहते है?
जब हम पेशाब पखाना करने जाते हैं तो उसके बाद हमारे बदन पर जो लगी रहती है उसे पाक करने या साफ़ करने को इस्तिन्जा कहते है। हमेशा ध्यान रहे कि इस्तिंजा बाए हाथ से करना चाहिए, दाए हाथ से इस्तिन्जा करना मकरूह है।
जब आप गुस्ल करके पाक हो जाते हैं, उसके बाद आपको नमाज़ पढ़ने के लिए वजू की जरूरत नहीं होती है। लेकिन अगर किसी बजह से आपको लगे कि वजू करना जरूरी हो गया है तो आप नमाज़ के लिए वजू करेंगे।
#3. वुज़ू करने का तरीका | Wuzu ka Tarika in Hindi
वैसे तो वजू के तरीके को आप हमारी दूसरी पोस्ट को पढ़कर वजू करने के तरीका, वजू के टूटने की बजह और भी बहुत कुछ अच्छे से समझ सकते हैं।
वजू के तरीके को अभी पढ़ें: – वजू का तरीका और टूटने की बजह
यहाँ हम आपको वजू के तरीके को समझा देते है।
सबसे पहले आपको यह मालूम होना चाहिए कि वजू में चार फर्ज होते हैं
- पुरे मुंह का धोना यानी पेशानी के बालो से ठोड़ी के नीचे तक और एक कान की लौ से दुसरे कान की लौ तक
- दोनों हाथो को कोहनियों समेत धोना
- चौथाई सर का मसह करना करना
- दोनों पांव टखने तक धोना।
जैसा : – कुरआन मजीद में अल्लाह तआला ने फरमाया:
”ऐ ईमान वालो, जब तुम नमाज का ईरादा करो तो धोओ, अपने चेहरों को और हाथो को कुहनियों समेत और मसह करो अपने सर का और धोओ पांव को टखनों समेत”
वजू के इन चार फ़र्ज़ को आपको अदा करना जरूरी है। बाकी हमने नीचे वजू की सुन्नतें और थोड़ा सा तरीका भी बताया है इसे सीख लें।
वजू की सुन्नत | Wazu ki sunnat in hindi
वजू के वक़्त वजू की कुछ सुन्नते होती हैं, जिनको हमने नीचे बताया है, जिनको वजू के दौरान किया जाता है।
- वजू की नियत करना।
- बिस्मिल्ला पढ़ना।
- दोनों हाथों को तीन मर्तबा गट्टो तक धोना।
- मिस्वाक करना।
- तीन बार कुल्ली करना।
- तीन बार नाक में पानी डालना।
- दाढ़ी का खिलाल करना।
- हाँथ पाँव की उंगलियों में खिलाल करना।
- हर उज्व (हिस्सा) को तीन बार धोना।
- एक बार तमाम सर का मसह करना।
- दोनों कानो का मसह करना।
- तरतीब से वजू करना यानी जिस तरह से कुरआन शरीफ में वजू का बयान आया है।
- लगातार धोना यानी एक हिस्सा सूखने न पाए कि दुसरा हिस्सा धो डाले।
वजू करने के बाद हम नमाज़ की नियत करेंगे, हर नमाज़ की अलग नियत होती है जिसको आपको जानना जरूरी है।
#4. नमाज़ की नियत का तरीका | Namaz ki niyat ka tarika in Hindi
जब भी हम नमाज़ पढ़ने जाते हैं तो हमें नमाज पढ़ने से पहले नमाज की नियत करना बेहद जरुरी है।
अगर आप नमाज़ की नियत दिल ही दिल में कर लेते हैं तो नमाज की नियत मुकम्मल हो जाती है। नमाज की नियत करने के लिए किसी जबान से पढ़ना जरुरी नहीं है।
अगर आप मन में किसी भी वक़्त की नमाज़ का इरादा कर लेते हैं तो नियत हो जाती है।
फिर भी अगर आप जुबान से नियत करना चाहते हैं तो आप हमारी 5 वक़्त की नमाज़ की पोस्ट को पढ़ सकते हैं।
#5. नमाज की रकात हिंदी में | Namaz Ki Rakat in Hindi
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि 5 वक़्त की नमाज़ हर मुस्लिम बालिग़ मर्द और औरत पर फ़र्ज है। 5 वक़्त की नमाज़ के लिए मस्जिद में अजान भी होती है।
ये पांच वक़्त की नमाज़, फजर (Fajr), ज़ोहर (Duhur), अस्र (Asr), मग़रिब (Maghrib), ईशा (Isha) की होती हैं।
ऐसे में 5 वक़्त की नमाज़ों के लिए अलग-अलग रकत भी होती हैं।
तो आईये जान लेते हैं कि 5 वक़्त की नमाज़ों की कितनी-कितनी रकत नमाज़ पढ़ी जाती है।
फजर की नमाज में कितनी रकात होती है?
फजर की नमाज में 4 रकात होती है।
जोहर की नमाज में कितनी रकात होती है?
जोहर की नमाज में 12 रकात होती है।
असर की नमाज में कितनी रकात होती है?
असर की नमाज में 8 रकात होती है।
मगरिब की नमाज में कितनी रकात होती है?
मगरिब की नमाज में 7 रकात होती है।
ईशा की नमाज में कितनी रकात होती है?
ईशा की नमाज में 17 रकात होती है।
जुम्मे की नमाज में कितनी रकात होती है?
जुम्मे की नमाज में 14 रकात होती है।
पांच वक्त की नमाज | सुन्नत | फर्ज | सुन्नत | सुन्नत | नफिल | वित्र | नफिल | कुल रकाते |
फजर | 2 | 2 | – | – | – | – | – | 4 |
जोहर | 4 | 4 | 2 | – | 2 | – | – | 12 |
असर | 4 | 4 | – | – | – | – | – | 8 |
मग़रिब | – | 3 | 2 | – | 2 | – | – | 5 |
ईशा | 4 | 4 | 2 | – | 2 | 3 | 2 | 17 |
जुमा | 4 | 2 | 4 | 2 | 2 | – | – | 16 |
इसके बाद अब हम नमाज़ का तरीका जानेंगे कि अब ऊपर की जानकारी होने के बाद आखिर हमें नमाज़ किस तरह पढ़नी है।
#6. नमाज का तरीका हिंदी में । Namaz Padhne Ka Tarika in Hindi
नमाज़ पढ़ने का तरीका बहुत आसान और सरल होता है।
क्योकि नमाज़ में 2 रकात , 3 रकात, 4 रकात होती हैं और हर एक रक’आत में एक क़याम, एक रुकू और दो सजदे करने होते है।
नमाज़ पढ़ने का तरीका कुछ इस तरह होता है।
📌 नोट: - इमाम के पीछे अगर नमाज़ पढ़ रहे हैं तो आपको नमाज़ के सभी अरकान ख़ामोशी के साथ करना है। जिसके लिए आप हमारी अलग-अलग नमाज़ की पोस्ट को पढ़ सकते हैं।
पहली रकआत | Namaz Padhne Ka Tarika Hindi Me
👉 1. सबसे पहले हमें पाक होना होता है। अगर पाक हैं तो अच्छी बात है, नहीं तो हम पाक होने के लिए गुस्ल करते हैं।
👉 2. नमाज़ पढ़ने जाने से पहले पाक और साफ़ कपड़े पहने जाते हैं।
👉 3. उसके बाद वजू किया जाता है। अगर आप नमाज़ गुस्ल के बाद पढ़ने बाले हैं तो आपको दोबारा वजू की जरुरत नहीं होगी। गुस्ल के बाद आप बिना वजू नमाज़ अदा कर सकते हैं।
👉 4. अब आप पाक-साफ़ जमीन या जमीन पर मुसल्ला या चटाई बिछा करके क़िबला मुंह खड़े जायेंगे।
👉 5. अब जिस वक़्त कि नमाज पढ़ने वाले हैं, उस नमाज़ की नियत करेंगे।
👉 6. जब आप तकबीर (अल्लाहु-अकबर) कहेंगे उस वक़्त हमें हाथ बाँध लेना है और फिर सबसे पहले हम सना पढ़ेंगे।
सना इस तरह पढ़ना है “सुबहाना कल्ला हुम्मा व बिहम्दिका व तबारा कस्मुका व त’आला जद्दुका वला इलाहा गैरुका“
👉 7. इसके बाद अउजू बिल्लाहि मिनश शैतान निर्रजिम, बिस्मिल्लाही र्रहमानिर रहीम पढेंगे।
👉 8. यह पढ़ने के बाद सूरह फातिहा पढेंगे और सूरह फातिहा के बाद क़ुरान शरीफ की कोई भी सूरत जो आपको याद हो वो पढेंगे।
📌 नोट: - अगर आप इमाम साहब के पीछे फ़र्ज नमाज़ पढ़ रहे हैं तो आपको सना और अउजू बिल्लाहि मिनश शैतान निर्रजिम, बिस्मिल्लाही र्रहमानिर पढ़ने के बाद, खामोश खड़े रहना है।
रुकू करना | Namaz Padhne ka Tarika me Ruku Karna
👉 9. जब आप सूरह को पूरी पढ़ लेंगे, तब अल्लाहु-अकबर (Takbeer) कहते हुए रुकू में जायेंगे।
आप रुकू में अपने हाथों की उँगलियों से घुटनों को मजबूत पकड़ लेंगे, और उंगलियाँ को घुटनों पर फैला कर रखेंगे और इतना झुकेंगे कि आपका सिर और कमर बराबर हो जायें।
रुकू की हालत में ही अल्लाह की तस्बीह सुबहान रब्बी अल अज़ीम 3 या 5 या 7 बार इत्मीनान के साथ पढेंगे। आपको ख्याल रहे कि रुकू में निगाहें पैरो के अंगूंठो पर रहें।
सज्दा करना | Namaz Padhne ka Tarika me Sajda Karna
👉 10. इसके बाद आपको समीअल्लाहु लिमन हमीदह कहते हुए रुकू से खड़े हो जाना है। खड़े होने के बाद रब्बना व लकल हम्द कहेंगे और फिर अल्लाहु-अकबर कहकर सज्दे में जायेंगे।
सजदे में जाते वक़्त आप सबसे पहले हाथ घुटनों पर रखेंगे और फिर अपने घुटने जमीन पर टिकाएंगे, उसके बाद हाथ जमीन पर रखकर अपनी नाक जमीन पर टेकेंगे।
नाक जमीन पर टेंकने के बाद आप अपनी पेशानी जमीन पर जमाएंगे, और अपने चेहरे को दोनों हाथों के दरमियान रखेंगे। मर्द अपने हाथों की हथेलियों को ही जमीन पर जमायिंगे और कोहनी वगैरह ऊँची उठी रखेंगे।
मर्दों को इस बात का ख्याल रखना है कि उनका पेट उनकी जांघों से न छुए। यानी पेट को अपनी रानो से दूर रखना है और दोनों पांव की उँगलियो के पेट क़िब्ला रुख ज़मीन पर जमे रखना है।
👉 11. सज्दे में जाने के बाद आप अल्लाह की तस्बीह सुबहान रब्बी अल आला, 3 या 5 या 7 मर्तबा इत्मीनान के साथ पढेंगे।
👉 12. फिर अल्लाहु-अकबर कहते हुए सजदे से उठकर सीधे बैठ जायेंगे। जब सजदे से उठकर बैठेंगे तो सीधे पैर की उंगलिया हिलनी नहीं चाहिए मतलब क़िबला रुख ही मुड़ी हुई रहे और उलटे पैर को सीधे पैर की जानिब मोड़ के बैठें।
👉 13. फिर दोबारा अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जायेंगे। अब आपको यहाँ फिर से उलटे पैर की ऊँगलीया क़िब्ला रुख करनी हैं।
👉 14. सज्दे में आप फिर से अल्लाह की वही तस्बीह सुबहान रब्बी अल आला 3 या 5 या 7 बार पढेंगे।
इस तरह आपकी एक (1 ) रकअत पूरी हो जाएगी।
दूसरी रकात | Namaz Ka Tarika Hindi Me
👉 15. फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए आप दूसरी रकात के लिए खड़े हो जाएंगे और अपने हाथ बांध लेंगे। फिर से आप अल्हम्दु शरीफ पढ़ेंगे उसके बाद कुरआन की कोई भी सूरत जो आपको याद हो वो पढ़ेंगे।
📌 नोट: - अगर आप इमाम साहब के पीछे नमाज़ पढ़ रहे हैं, तो ख़ामोशी से खड़े रहे।
फिर से वही अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकू में जाएंगे। फिर *समीअल्लाहु लिमन हमीदह * कहते हुए रुकू से खड़े हो जायेंगे। इसके बाद “रब्बना व लकल हम्द” कहेंगे, और फिर अल्लाहु-अकबर कहते हुए सज्दे में जायेंगे।
👉 16. सज्दे में फिर से अल्लाह की तस्बीह सुबहान रब्बी अल आला 3 या 5 या 7 बार पढेंगे।
👉 17. फिर अल्लाहु-अकबर कहकर सजदे से उठकर बैठ जायेंगे और फिर दोबारा अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जायेंगे। सज्दे में आप फिर से अल्लाह की वही तस्बीह सुबहान रब्बी अल आला 3 या 5 या 7 बार पढेंगे।
फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए बैठ जायिंगे।( बैठने का तरीका पहली रकअत जैसा ही है।) अब बैठे हुए ही आप अत्तहिय्यात पढेंगे।
अत्तहिय्यात: –
“अत्ताहियातु लिल्लाहि वस्सलवातु वत्तैयिबातू अस्सलामु अलैका अय्युहन नबिय्यु व रहमतुल्लाही व बरकताहू अस्सलामु अलैना व अला इबादिल्लाहिस सालिहीन अशहदु अल्ला इलाहा इल्ललाहू व अशहदु अन्न मुँहम्मदन अब्दुहु व रसुलहू”
📌 नोट: - अशहदु अल्ला {ला} पर सीधे हाथ की शहादत की ऊँगली इस तरह उठाना है कि अंगूठा और बीच की सबसे बड़ी वाली उंगली के पेट दोनों को आपस में मिलाना है, और शहादत की ऊँगली ऊपर करना है।
📌 नोट: - दूसरी बात यह याद रखनी है कि अगर आप दो रकआत की नमाज़ पढ़ रहे हैं तो आपको अत्तहियात के बाद सीधे दरूद शरीफ और दुआ ए मासुरा पढ़कर सलाम फेर लेना है।
तीसरी रकात | Namaz Padhne Ka Tarika In Hindi
👉 18. जब आप पूरी अत्तहिय्यात पढ़ लेंगे तब आप तीसरी रकअत के लिए खड़े हो जाएंगे।
📌 नोट: - अगर आप मग़रिब की फ़र्ज नमाज़ पढ़ रहे हैं तो तीसरी रकत में भी आपको अत्ताहियात में बैठना है।
👉 19. तीसरी रकात भी आपको पहली रकात की तरह पढ़ना है।
चौथी रकात | Namaz Padhne Ka Tarika
👉20. जब चार रकअत पूरी हो जाए तो फिर से अत्तहिय्यात, दरूद और दुआ ए मसुरा पढ़ेंगे और सलाम फेरेंगे।
जब आप पहला सलाम फेरेंगे तो पहले सीधे कंधे की तरफ निगाहें झुकी हुई रहेंगी, उसके बाद फिर बायीं तरफ यानी उलटे कंधे की जानिब निगाहें रखकर सलाम फेरेंगे।
सलाम के अल्फ़ाज़ इस तरह होंगे: – अस्सलामो अलैकुम व रहमतुल्लाह
इस तरह आपकी इशा की चार रकाअत सुन्नत नमाज़ मुकम्मल हो जायेगी।
सलाम फेरने के बाद की दुआएं
अब 33 मर्तबा “सुबहान अल्लाह” 33 मर्तबा “अलहम्दु लिल्लाह” और 34 मर्तबा “अल्लाहु अकबर पढ़ें”।
उसके बाद आप दोनों हाथो को ऊपर करके अल्लाह से दुआ करेंगे।
दुआ में सबसे पहले दरुदे इब्राहीम पढेंगे। उसके बाद कोई दूसरी दुआ पढ़ सकते हैं जैसे कि
रब्बिज ‘अलनी मुकीमस सलाती व मिन ज़ुर्रियती रब्बना व तकब्बल दुआ
रब्बनग फ़िर ली वलि वालीदैया वा लिल्मु’मिनीना यौमल यक़ूमुल हिसाब
रब्बना आतिना फिद्दुन्या हसनातौं व फिल आखिरती हसनतौं वकिना अजाबन नार।
अल्लाहुम्मा अंतस सलामु व मिन्कस सलामु व इलैका यर्जिउस सलामु फ हय्यिना रब्बना बिस्सलामी व अद्खिलना दारका दारस सलामि ताबरकता रब्बना व तअलैता या जुल्जिलाली वल्इकराम
इसके बाद आप अल्लाह से पूरी दुनिया के लिए और अपने लिए दुआ करें और आखिर में एक बार दरूद शरीफ पढ़ें।
आखिर में एक बार ‘ला इलाहा इल्ललाहु वहदहू ला शरीका लहू लहुल मुल्कू वलहूल हम्दु वहुवा आला कुल्ली शैईन कदीर’ यह दुआ पढ़े।
और आपकी नमाज़ मुकम्मल हो गयी।
आखिरी शब्द
दोस्तों, तो कुछ इस तरह नमाज़ पढ़ने का तरीका होता है। उम्मीद है कि अब आपको इस पोस्ट को पढ़ने के बाद नमाज़ का तरीका हिंदी में मालूम हो गया।
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