Last updated on दिसम्बर 15th, 2022 at 07:50 अपराह्न
Mitti Dene Ki Dua Hindi Me: – क्या आप भी अक्सर किसी न किसी के जनाज़े में शामिल होकर कब्रिस्तान में जाते हैं।
लेकिन आपको ना तो जनाज़े की नमाज़ पढ़ने का तरीका मालूम है, न ही जनाज़े को ले जाते वक़्त रास्ते में क्या पढ़ा जाता है ये मालूम है, और ना ही आप Kabr Par Mitti Dalne Ki Dua जानते हैं।
तो आप मायूस ना हों।
इस पोस्ट में हमने आपके लिए पूरी डिटेल में किसी के भी जनाज़े में जाने के तरीके और मिटटी देने की दुआ बताई है।
आप तसल्ली के साथ पूरी पोस्ट को पढ़ें। इंशाअल्लाह आपको बहुत सारी जानकारी हासिल होगी।
सबसे पहले हम मिटटी देने की दुआ जान लेते हैं…
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कब्र पर मिट्टी देने की दुआ | Mitti Dene Ki Dua
यहाँ नीचे हमने सबसे पहले मैय्यत पर या कब्र पर मिटटी डालते वक़्त, जो Mitti Dene Ki Dua पढ़ी जाती है उसको बताया है।
और आपको कोशिश करना चाहिए कि आप इसे अच्छे से याद कर लें जिससे आप किसी की भी कब्र पर मिटटी देने के टाइम पढ़ सकें।
“मिन्हा खलक ना कुम” “व फिहा नुइदुकुम” “व मिन्हा नुखरि जुकुम तारतन उखरा”
तर्जुमा: – “अल्लाह ने हमे इसी मिट्टी से पैदा किया।” “और इसी मिट्टी में हम को जाना है।” “और इसी मिट्टी से उठा कब्र कोऔर इसी से क़यामत के दिन तम्हे दुबारा निकाल कर खड़ा करेंगे।”
तो ये तो थी हमारी कब्र पर मिटटी देने की दुआ।
लेकिन Qabar Par Mitti Dene Ki Dua को किस तरह पढ़ना है और मिटटी किस तरह डालना है,
उसको हमने नीचे बताया है जिससे आप आसानी के साथ समझ सकें कि मिटटी देने का बेहतर तरीका क्या है।
मिट्टी देने का तरीका | Mitti Dene Ka Tarika In Hindi
बहुत से लोग ऐसे हैं जिनको यह मालूम नहीं होता है कि कब्र पर मिटटी कितनी मर्तबा डाली जाती है।
तो आपको यह जानना बेहद जरूरी है कि Qabar Par Mitti 3 बार डाली जाती है।
और हर एक बार में ऊपर बताई दुआ पढ़ी जाती है,
जिसका तरीका ये है…
पहली मर्तबा मिटटी हाथ में लेकर, मिटटी को कब्र पर डालते वक़्त पहली मर्तबा यह दुआ पढ़ें
“मिन्हा खलक ना कुम”
और मिटटी कब्र पर डाल दें।
उसके बाद दूसरी बार मिटटी हाथ में लेकर, मिटटी को कब्र पर डालते वक़्त यह दुआ पढ़ें
“व फिहा नुइदुकुम”
और मिटटी कब्र पर डाल दें।
उसके बाद तीसरी बार मिटटी हाथ में लेकर, मिटटी को कब्र पर डालते वक़्त यह दुआ पढ़ें
“व मिन्हा नुखरि जुकुम तारतन उखरा”
और मिटटी कब्र पर डाल दें।
तो इस तरह मिटटी को कब्र पर डालते वक़्त तीनो मर्तबा मिटटी देने की दुआ को थोड़ा-थोड़ा पढ़ना है।
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मिटटी देने की दुआ अरबी में | Mitti dene ki dua in arabic
दोस्तों यहाँ नीचे हमने कब्र पर Mitti Dalne Ki Dua को अरबी में बताया है।
अगर आप अरबी भाषा जानते हैं तो आपको अच्छे से मिटटी डालने की दुआ के अल्फाज़ को सही तरीके से पढ़ सकते हैं।
कब्र पर मिटटी देते वक़्त कुछ बातें ध्यान में रखें
जैसा कि हमने ऊपर Qabar Par मिटटी Dene Ki Dua In Hindi और दुआ को पढ़ने का तरीका सीखा।
अब यहाँ हम कब्र पर मिटटी देते वक़्त जिन बातों का ख्याल रखना चाहिए वो पढेंगे।
👉 1. मिटटी देते वक़्त इत्मीनान रखे और क़ब्र वाले के लिए मगफिरत की दुआ करे।
👉 2. मिटटी देते वक़्त जल्दबाजी में कोई गड़बड़ी ना करे और सुकून से अपने कब्र पर मट्टी दे।
👉 3. कुछ लोग कब्र पर 3 बार की जगह 3 से ज्यादा बार मिटटी देते है,
लेकिन यह याद रहे कि मट्टी सिर्फ तीन बार दी जाती है और तीनों बार मिटटी देते वक़्त ऊपर की दुआ पढ़ी जानी चाहिए।
👉 4. अगर आप मय्यत के जनाज़ा के साथ जा रहे हैं तो कब्रिस्तान में अन्दर जाने से पहले, सलाम पढ़कर अन्दर जायें।
👉 5. कब्र पर मिटटी देते वक़्त दोनों हाथों में मिटटी लेकर कब्र पर मिटटी डालें।
Mitti Dene Ki Dua क्यूँ पढ़ी जाती है?
हमें यह मालूम होना चाहिए कि मिटटी देने की दुआ मुर्दे के लिये नही है,
बल्कि ज़िन्दों के लिए एक इबरत है जो अपनी मौत से बिलकुल बेखबर रहते हैं।
जब मय्यत को दफनाते हैं तो उस वक़्त जैसे ही कब्र पर मिट्टी डालने की पुकार उठती है,
ठीक बैसे ही लोग जल्दबाजी में मिट्टी डालने के लिए दौड़ पड़ते हैं और मिट्टी डालने की दुआ पढ़ते हुए कब्र पर मिट्टी डालने लगते है।
कब्र पर मिटटी डालते वक़्त लोग इतने मसगूल रहते हैं कि बिना चेहरे पर शिकन लाए दुआ के साथ मिट्टी डालते जाते है।
लेकिन यह नहीं सोचते है कि जो दुआ पढ़कर वो कब्र पर मिटटी दाल रहे हैं वो दुआ उनके लिए इबरत है।
यह दुआ उनको याद दिला रही है कि इसी मिट्टी से हमने तुमको बनाया और इसी मिट्टी मे तुमको मिलाएगे और आखिरत मे इसी मिट्टी से तुमको उठांएगे।
हम लोग ज़िन्दगी की भाग दौड़ और आपा-धापी में इतने मशगूल हो गए हैं कि इस्लाम को समझने और जानने का वक़्त ही हमारे पास नहीं बचा।
हम अपनी आख़री मंज़िल को बिलकुल भूले बैठे है।
अल्लाह से दुआ करें हमें सही समझ और दीन पर चलने की तौफीक दे।
जब किसी के इन्तेकाल की खबर सुने तो यह पढ़ें
दोस्तों जैसा कि हमने ऊपर मिटटी देने की दुआ को हिंदी, अरबी में उसके तर्जुमा के साथ तो पढ़ ही लिया है.
लेकिन आपको यह भी जान लेना बेहद जरूरी है कि अगर आप किसी के मरने की खबर सुनते हैं तो आपको उस वक़्त क्या पढ़ना चाहिए?
तो यहाँ हमने आपके लिए हिंदी में दुआ को बताया है कि जब भी आप किसी के इन्तेकाल की खबर सुने तो यह दुआ उसी वक़्त पढ़ें।
इन्तेकाल की खबर सुनने पर यह दुआ पढ़ें
اِنَّا لِلّٰهِ وَ اِنَّآ اِلَيْهِ رٰجِعُوْنَ
इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलैहि राजि-ऊन
inna lillahi wa inna ilaihi raaji-oon
तर्जुमा:- हम सब अल्लाह ही की मख-लुक है और हमे उसी की तरफ लौटना है
आखरी शब्द
उम्मीद है कि आपको कबर पर Mitti Dene Ki Dua और तरीका अच्छे से समझ आ गया होगा।
उम्मीद करते हैं आप आयिन्दा कब्र पर मिटटी देने के वक़्त Mitti Dene Ki Dua को पढ़कर ही मिटटी डालिंगे।
अगर हमसे लिखने में कोई गलती हो गयी हो या आपका कोई सवाल हो,
तो आप हमें कमेंट के जरिये बता सकते हैं। इंशाअल्लाह आपकी पूरी मदद होगी।
उम्मीद करते हैं इस पोस्ट को सवाब की नियत से हर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर करेगे।
अल्लाह हाफिज।
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