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Masnoon Dua in Hindi: – अस्सलामु अलैकुम, इस पोस्ट में हमने आप लोगों को रोज़ाना पढ़ी जाने वाली Islamic Dua in Hindi Translation में बताई हैं।
इसमें हमने आपके लिए Masnoon Dua को Hindi में तर्जुमा के साथ बताया है, जो सही दुआएं क़ुरआन 📖 और हदीस से साबित हैं।
कोशिश करें, आप लोग हमेशा इन Masnoon Duaon 🤲 को पढ़ते रहें और आगे लोगों तक शेयर करे ताकि आप के ज़रिए आप के दोस्त भी इन दुआओं को याद कर सकें।
📌 नोट: - वैसे तो दुआओं को अरबी भाषा में पढ़ना ही अफ़ज़ल माना जाता है लेकिन अगर आप अभी अरबी नहीं पढ़ सकते तो, इन दुआओं को आप हिंदी में पढ़ सकते हैं और कोशिश करें कि किसी अरबी जानने वाले से दुआ की तलफ़ुज को सही करवा लें।
हम आपसे इलतेजा करते हैं कि आपको जब तक दुआएं याद ना हो जाए तब तक आप इन्हें देखकर पढ़िए। अल्लाह तआला आपको इसका बराबर सवाब देगा।
दुआ का हुक्म | Islamic Dua in Hindi Translation
आप सल्लाल्ल्हू अलैहि व सल्लम किसी भी वक़्त अल्लाह तआला के ज़िक्र से ग़ाफ़िल नहीं होते थे। रात व दिन में, सुबह व शाम में, सफ़र व हज़र में, उठने और बैठने में और किसी भी तरह के हालात में अल्लाह का ज़िक्र नहीं छोड़ते थे।
अल्लाह तआला का क़ुरआन मजीद में इरशाद है
और तुम्हारे रब ने कह दिया कि: मुझे पुकारो मैं तुम्हारी दुआएं क़बूल करूंगा।
अल्लाह रब्बुल आलमीन तमाम खूबियों का मालिक और सारे जहां को पालने वाला है। अल्लाह गनी है जैसा के क़ुरआन में इरशाद है, और अल्लाह बे नियाज़ है और तुम सब मुहताज।
मसनून दुआ पीडीऍफ़ डाउनलोड | Masnoon Dua Pdf Download in Hindi
दोस्तों नीचे हमने 90+ मसनून दुआओं की पीडीऍफ़ हिंदी में मौजूद कराई है। आप आसानी के साथ नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करके 90+ Masnoon Dua Ki Pdf in Hindi में डाउनलोड कर सकते हैं।
मसनून दुआएँ हिंदी में पढ़ें | Masnoon Duain in Hindi Tarjuma
दोस्तों यहाँ नीचे हमने 90+ Masnoon Duain Hindi में मौजूद करायी है। अगर आपको अरबी भाषा नहीं आती तो आप इन दुआओं को हिंदी में पढ़ सकते हैं।
आपसे गुज़ारिश है कि आप कोशिश करें कि अरबी भाषा भी सीख लें, ताकि अल्फाजों को सही से पढ़ सकें।
सोने से जुड़ी मसनून दुआएँ | Sone se Judi Masnoon Dua in Hindi
1- सोने की दुआ
अल्लाहुम्म बिस्मि-क अमूतु व अहया (सहीह बुखारी 6312)
तर्जुमा: – ए अल्लाह तेरे ही नाम के साथ मैं मरता हूँ और ज़िंदा होता हूँ।
2- नींद में घबराहट और डरने की दुआ
अऊज़ू बि-कलिमातिल-ल हित्ताम्मति मिन ग़-ज़बिहि व इक़ाबिहि व शररि इबादीहि व मिन ह-म-ज़ातिश शैतानि व अय्यह-ज़ुरून (तिर्मिज़ी 3528, अबू दावूद 3893)
तर्जुमा: – मैं अल्लाह तआला के पूर्ण कलमात के साथ, उस के गुस्से, उस की सज़ा, उस के बन्दों की बुराई, शयातीन के फुसफुसाते और इस बात से के वो मेरे पास हाज़िर हो, पनाह में आता हूँ।
3- सोते समय नींद ना आने पर यह दुआ पढ़ें
अल्लाहहूम-म गा़र-तिन्नुजूमु व ह-द-अतिल अुयूनु व अन-त हय्युन क़य्यूमुन ला तअखुज़ु-क सि-न-तुंव-व ला नौमुन या हय्यु या क़य्यूमु अहदि लैली व अनिम अैनी।
4- सोकर उठने की दुआ
अल्हम्दु लिल्ला हिल लज़ी अहयाना ब’अ-दमा अमा तना व इलैहिन नुशूर
(सहीह बुखारी 6312)
तर्जुमा: – तमाम तारीफ़ात उस अल्लाह के लिये हैं जिसने हमें मारने के बाद ज़िंदा किया और उसी की तरफ़ ही लौट कर जाना है।
5- सुबह हो तो यह दुआ पढ़ें
अस्बाहना व् अस्बहल मुल्कु लिल्लाहि रब्बिल आलामीन अल्लाहुम्मा-इन्नी अस्अलुका खैईरा हाज़ल यौऊमि फत्हहु व् नस्सरहू व् नूरा-हु व् ब-र-क-तहू व् हुदाहू व् आऊज़ु-बिका मिन-शर्री मा फ़ीही व् शर्रिमा बअद-हू।
या यह पढ़े
अल्लाहुम्मा बिका अस्बहना व् बिका अम्सैईना व् बिका नह्या व् बिका नमुतु व् इलैईकल मसीरुहु।
6- जब सूरज निकले तो यह दुआ पढ़ें
अलहम्दु लिल्लाहिल्लजी अका-ल-ना यौ-म-ना हाजा व लम् युहिलक्ना बिजुनूबिना।
7- मग़रिब की अज़ान हो तो यह दुआ पढ़ें
अल्लाहुम-म इन-न हाज़ा इक्बालु लैलि-क व इद् बारु नहारि-क व अस्वातु दुआति-क फग्फिरली।
क्या आप 40 रब्बना दुआ जानते हैं अगर नहीं तो पढ़ें: – 40 Rabbana Dua Hindi Mein
बैतुलखला के लिए मसनून दुआएं | Baitulkhala Ki Masnoon Duain
8- टॉयलेट में जाने की दुआ
अल्लाहुम्म इन्नी अऊज़ु बि-क मिनल ख़ुबुसि वल खबाइस
(सहीह बुखारी 142)
तर्जुमा: – ए अल्लाह में खबीस जिन्नों और ख़बीस जिन्नियों से पनाह में आता हूँ।
9- टॉयलेट से निकलने की दुआ
पाख़ाने निकलते समय गुफ़्रा-न-क कहे तथा यह दुआ पढ़ें
अल् हम्दु लिल्लाहिल्लज़ी अज़्ह-ब अन्निल अज़ा व अ फ़ानी (तिर्मिज़ी 07)
तर्जुमा: – ए अल्लाह में तेरी बख़्शिश तलब करता हूँ।
खाने की मसनून दुआएँ हिंदी में | Khane ki masnoon dua in hindi
10- खाने से पहले की दुआ
बिस्मिल्लाहि व अला बरकतिल्लाहि
(अबू दावूद 3867, तिर्मिज़ी 1858)
तर्जुमा: अल्लाह के नाम के साथ जो बड़ा बरकत बाला है।
अगर शुरू में दुआ पढ़ना भूल जाए तो फिर ये कहे
बिस्मिल्लहि अव्वलहु व आख़ि रहु (अबू दावूद 3867, तिर्मिज़ी 1858)
तर्जुमा: – अल्लाह के नाम के साथ उस के शुरू और उस के आखिर में।
11- खाने के बाद की दुआ
अल्हम्दु लिल्ला हिल्लज़ी अत अ-मनी हाज़ा व र-ज़-क़नीहि मिन गैरी हौलिम मिन्नी वला क़ुव्वह (तिर्मिज़ी 3458, इब्ने माजा 3285)
तर्जुमा: – तमाम तारीफ़ात अल्लाह के लिये हैं जिस ने मुझे ये खाना खिलाया और मुझे किसी ताक़त और क़ुव्वत के बगैर अता किया।
12- खाना खिलाने वाले के लिये दुआ
अल्लाहुम्म बारिक लहुम फ़ीमा रज़क तहुम वग्फ़िर लहुम वर हमहुम (सहीह मुस्लिम 2042)
तर्जुमा: – ए अल्लाह इन के लिये इन के रिज़्क़ में बरकत अता फ़रमा, इन्हें बख़्श दे और इन पर रहम फ़रमा
13- जो शख़्स कुछ खिलाए पिलाए उस के लिए दुआ
अल्लाहुम्म अत इम मन अत अ-मनी व असकि मन अस्क़ानी
(सहीह मुस्लिम 2055)
तर्जुमा: – ए अल्लाह जिस ने मुझे खिलाया तू भी उसे खिला और जिस ने मुझे पिलाया तू भी उसे पिला
14- जब किसी के यहां दावत खाये तो यह पढ़े
अल्लाहुम-म अतअिम मन अत-अ-म-नी वस्क़ि मन सक़ानी०
15- ज़मज़म का पानी पीकर यह दुआ पढ़े
अल्लाहुम-म इन्नी अस् अलु-क इल्मन नाफ़ि अंव व रिज़्क़वं वासिअंव व शिफ़ाअम मिन कुल्लि दाइन०
16- अगर किसी के यहां इफ़्तार करे तो पढ़े
अफ़्त-र अिन-द कुमुस्साइमू न व अ-क-ल तआ-म कुमुल अब् रा-रु व सल्लत अलैकुमुल मलाइकतु०
कपड़ों से जुड़ी कुछ मसनून दुआएँ हिंदी में
17- कपड़ा पहनने की दुआ
अल्हम्दु लिल्ला हिल लज़ी कसानी हाज़ा व र-ज़-क़नीहि मिन गैरी हौलिम मिन्नी वला क़ुव्वह
(अबू दावूद 4023, तिर्मिज़ी 3458)
तर्जुमा: – तमाम तारीफ़ात अल्लाह के लिये हैं जिस ने मुझे ये कपड़ा पहनाया, और उस ने मुझे (ये कपड़ा) मेरी किसी ताक़त और क़ुव्वत के बगैर अता फ़रमाया।
18- नया लिबास पहनने की दुआ
अल्लाहुम्म लकल हम्दु अंत कसौ तनीहि अस अलु-क मिन खैरीहि व खैरि मा सुनिअ लहु व अऊज़ू बि-क मिन शर-रिहि व शररि मा सुनिअ लहु
(अबू दावूद 4020, तिर्मिज़ी 1767)
तर्जुमा: – ए अल्लाह तेरे हि लीए तमाम तारीफ़ात हैं, तू ने हि मुझे ये (लिबास) पहनाया है में तुझ से इस लिबास की और जिस के लीए ये बनाया गया है इस की भलाई का तुझ से सवाल करता हूं। और में इस के शर और जिस के लीए इसे बनाया गया है उस के शर से तेरी पनाह चाहता हूँ।
वज़ू की मसनून दुआएँ | Wazu Ki Masnoon Dua in Hindi
19- वज़ू शुरू करने की दुआ
बिस्मिल्लाह (अबू दावूद 101, इब्ने मजा 397, 399, निसाई 78)
तर्जुमा: अल्लाह के नाम के साथ
20- वज़ू के बाद की दुआ
अशहदु अल्ल्ला इलाह इल्लल्लाहु वह दहु ला शरी-क लहु व-अश हदु अन्न मुहम्मदन अब्दुहु व रसूलुह
(सहीह मुस्लिम 234)
तर्जुमा: – मैं गवाही देता हूँ के अल्लाह के इलावा कोई सच्चा माबूद नहीं वह अकेला है उसका कोई शरीक नहीं, और में गवाही देता हूँ के यक़ीनन मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम उस के बन्दे और उसके रसूल हैं।
और
अल्लाहुम्मज अलनी मिनत तव्वाबीन वज अलनी मीनल मु-त तह हिरीन
(तिर्मिज़ी 55)
तर्जुमा: – ए अल्लाह मुझे बहुत ज़ियादा तौबा करने वालों में से बनादे और मुझे बहुत ज़ियादा पाक रहने वालों में से बनादे।
घर से जुड़ी मसनून दुआएँ | ghar ki masnoon duain in Hindi
21- घर से निकलने की दुआ
बिसमिल्लाहि, तवक्कलतु अलल्लाही, ला हौल वला क़ुव्वत इल्ला बिल्लाह
(अबू दावूद 5095, तिर्मिज़ी 3426)
तर्जुमा: –अल्लाह के नाम के साथ में ने अल्लाह पर भरोसा किया और अल्लाह की तौफ़ीक़ और मदद के बगैर किसी गुनाह से बचने की ताक़त और कोई नेकी करने की क़ुव्वत नहीं।
22- घर में दाख़िल होते वक़्त की दुआ
बिसमिल्लाहि वलजना, व बिसमिल्लाहि खरजना, व अलल्लाहि रब्बना तवक्कलना
(अबू दावूद 5096)
तर्जुमा: – अल्लाह के नाम के साथ हम दाख़िल हुए और अल्लाह के नाम के साथ ही हम बाहर निकले और हम ने अपने परवरदिगार अल्लाह ही पर भरोसा किया। उस के बाद अपने घर वालों को सलाम कहे
मस्जिद की मसनून दुआएँ | Masjid ki Masnoon Dua in Hindi
23- मस्जिद में दाख़िल होने की दुआ
अल्लाहुम्मफ़ तहली अबवाब रहमतिक
(सहीह मुस्लिम 713)
तर्जुमा: – ए अल्लाह! मेरे लिए अपने रहमत के दरवाज़े खोल दे।
24- मस्जिद से निकलने की दुआ
अल्लाहुम्म इन्नी अस-अलुक मिन फ़ज़्लिक
(सहीह मुस्लिम 713)
तर्जुमा: – ए अल्लाह! में तुझ से तेरा फ़ज़्ल मांगता हु।
सुबह और शाम की मसनून दुआएँ | Subah aur Sham Ki Masnoon Duain
25- सुबह के वक़्त ये दुआ पढ़े
अल्लाहुम्म बि-क अस्बहना, व बि-क अमसैना, व बि-क नहया, व बि-क नमूतु, व इलैकन नुशूर
(अबू दावूद 5068, इब्ने मजा 3868, तिर्मिज़ी 3391)
तर्जुमा: – ए अल्लाह! हम ने तेरे नाम के साथ सुबह की, तेरे नाम के साथ शाम की, तेरे नाम के साथ हम ज़िंदा हैं और तेरे नाम के साथ हम मरते हैं और तेरी तरफ़ ही लौट कर जाना है।
26- शाम के वक़्त ये दुआ पढ़े
अल्लाहुम्म बि-क अमसयना, व बि-क अस्बहनाव, व बि-क नहया, व बि-क नमूतु, व इलयकल मसीर
(अबू दावूद 5068, इब्ने माजा 3868, तिर्मिज़ी 3391)
तर्जुमा: – ए अल्लाह! तेरे नाम के साथ हम ने शाम की और तेरे नाम के साथ हम ने सुबह की, तेरे नाम के साथ हम ज़िंदा रहते हैं और तेरे नाम के साथ हम मरते हैं और तेरी तरफ़ ही उठ कर जाना है।
27- हवा चलते वक़्त की दुआ
अल्लाहुम्म इन्नी अस अलुक खैरहा व खै-र मा फ़ीहा व खै-र मा उर सिलत बिहि व अऊज़ु बि-क मिन शररिहा व शररि मा फ़ीहा व शररि मा उर सिलत बिहि
(सहीह मुस्लिम 899)
तर्जुमा: – ए अल्लाह! में तुझ से इस की भलाई , जो इस में है उस की भलाई और जिस के साथ ये भेजी गई है उस की भलाई का सवाल करता हु, और में तुझ से इस के शर, जो इस में है इस के शर जिस के साथ ये भेजी गई है उस के शर से तेरी पनाह चाहता हूं।
बारिश की मसनून दुआएँ | Barish ki Masnoon Dua in Hindi
28- पहली दुआ | Pahli Masnoon Dua Hindi Mein
अल्ला हुम्मस किना गैसन मुगीसन मरीअन नाफ़ि अन गै-र ज़ार रिन आजिलन गै-र आजि लिन
(अबू दावूद 1169)
तर्जुमा: ए अल्लाह! हमें ऐसी बारिश से सेराब कर जो मददगार, खुशगवार, सर सब्ज़ो शादाब, नफ़ा बख़्श, नुकसान न देने वाली, जल्द बरसने वाली, देर से बरसने वाली न हो।
29- दुसरी दुआ | Doosri Masnoon Duain Hindi Mein
अल्लाहुम्म अगिसना, अल्लाहुम्म अगिसना, अल्लाहुम्म अगिसना
(सहीह बुख़ारी 1014, सहीह मुस्लिम 897)
तर्जुमा: – ए अल्लाह हम पर बारिश बरसा, ए अल्लाह हम पर बारिश बरसा, ए अल्लाह हम पर बारिश बरसा।
30- बारिश उतरते वक़्त की दुआ
अल्लाहुम्म सय्यिबन नाफ़िआ
(सहीह बुख़ारी 1032)
तर्जुमा: – ए अल्लाह नफ़ा बख़्श बारिश बरसा
31- बारिश उतरने के बाद (ज़िक्र) दुआ
मुतिरना बि फ़ज़लिल लाहि व रह मतिहि
(सहीह बुख़ारी 846, सहीह मुस्लिम 71)
तर्जुमा: – हम पर अल्लाह के फ़ज़्ल और रहमत से बारिश बरसाई गई।
32- अगर जब बारिश हद से ज़्यादा होने लगे, तो यह पढ़े
अल्लाहुम-म हवालैना व ला अलैना अल्लाहुम-म अलल आकामि वल आजामि वज़्ज़िराबि वल औदियति व मनाबितिश्श-ज-रि ०
33- जब बादल आता हुआ नज़र पड़े तो यह पढ़े
अल्लाहुम-म इन्ना नअूज़ुबि-क मिन शर्रि मा उर्सि-ल बिही अल्लाहुम-म सय्यिबन नाफ़िअन ०
34- बादल गरजने की दुआ
सुबहानल लज़ी युसब्बि-हुर र’अदु बि हम्दिहि वल मलाईकतु मिन खी फ़ति
(मुवत्ता मालिक 2/380)
तर्जुमा: – पाक है वह ज़ात जिस की तारीफ़ के साथ ये गरज तस्बीह करते है और फ़रिश्ते उस के खौफ से तस्बीह करते हैं।
चाँद से जुड़ी मसनून दुआएँ | Chand Ki Masnoon Dua in Hindi
35- चाँद देखने की दुआ
अल्लाहुम्म अ हिल्लहु अलैना बिल अमनि वल ईमानि वस्सलामति वल इस्लामि रब्बी व रब्बुकल्लाह
(तिर्मिज़ी 3451)
तर्जुमा: – ए अल्लाह इसे हम पर अमन और ईमान के साथ और सलामती और इस्लाम के साथ तुलू फ़रमा, हमारा और तेरा रब अल्लाह है।
36- जब चांद पर नज़र पड़े तो यह दुआ पढ़े
अअूज़ु बिल्लाहि मिन शर्रि हाजा०
क़र्ज़ से जुड़ी लिए मसनून दुआएँ | karz se judi masnoon dua in hindi
37- अदाएगी क़र्ज़ की दुआ
अल्लाहुम्मक फ़िनी बि हलालि-क अन हरामि-क व अगनिनी बि फ़ज़्लि-क अम्मन सिवाक
(तिर्मिज़ी 3563)
तर्जुमा: – ए अल्लाह मुझे अपने हलाल के साथ अपने हराम से काफ़ी हो जा और अपने फ़ज़्ल के साथ मुझे अपने इलावा हर चीज़ से बे परवाह करदे।
38- जब क़र्ज़दार क़र्ज़ा अदा कर दे तो उसको यह दुआ दे
औफ़ै तनी औफ़ल्लाहु बि-क०
39- मीटिंग के कफ़्फ़ारे की दुआ
सुब्हा-न कल्लाहुम्म व बि हमदि-क ला इला-ह इल्ला अन्त अस्तग़्फ़िरु-क व अतूबु इलैक
(अबू दावूद 4859, तिर्मिज़ी 3433)
तर्जुमा: – ए अल्लाह तू अपनी तारीफ़ के साथ पाक है में गवाही देता हूँ, के तेरे इलावा कोई सच्चा माबूद नहीं। मैं तुझसे माफ़ी मांगता हूँ और तेरी तरफ़ तौबा करता हूँ।
40- जो तुम को अपना माल दे उस के लिए दुआ
बार-कल्लाहु फ़ी अहलि-क व मालि-क
(सहीह बुखारी 2049, सहीह मुस्लिम 1427)
तर्जुमा: – अल्लाह, तुझे तेरे परिवार और तेरे माल में बरकत अता फ़रमाए।
मरीज़ से जुड़ी कुछ मसनून दुआएँ हिंदी में
41- मरीज़ से मिलते समय की दुआ
ला ब’अ-स तहूरुन इंशा अल्लाह
(सहीह बुखारी 5656)
तर्जुमा: – कोई परेशानी नहीं अगर अल्लाह ने चाहा तो ये बीमारी (गुनाहों से) पाक करने वाली है।
42- ज़िन्दगी से मायूस मरीज़ के लिए दुआ
अल्लाहुम्मग़ फ़िरली वर-हमनी व अलहिक़-नी बिर-रफ़ीक़िल अ’अला
(सहीह बुखारी 5674)
तर्जुमा: – ए अल्लाह मुझे बख़्श दे, मुझ पर रहम फ़रमा और मुझे रफ़ीक़ अ’अला से मिलादे।
43- मरीज़ पर दम करने की दुआ
अज़ हिबिल बअ-स रब्बन्नसि, इश-फ़ि व अंतश शाफ़ी, ला शिफ़ा-अ इल्ला शिफ़ा-उ-क, शिफ़ा-अन ला युगा-दिरु स-क़-मा
(सहीह बुख़ारी 5676)
तर्जुमा: – ए लोगों के रब बीमारी दूर कर दे, शिफ़ा अता फ़रमा, तूही शिफ़ा देने वाला है, तेरी शिफ़ा के इलावा कोई शिफ़ा नहीं ऐसी शिफ़ा दे जिस के बाद कोई बीमारी बाक़ी ना रहे।
शादी और मियां-बीबी से जुड़ी कुछ मसनून दुआएँ
44- शादी करने वाले के लिए ये दुआ
बा-र कल्लाहू ल-क व बा-र-क अलै-क व ज-म-अ बैनकुमा फ़ी खैर
(अबू दावूद 2130, तिर्मिज़ी 1091)
तर्जुमा: – अल्लाह तुम्हें बरकत दे, तुम पर बरकत करे और तुम दोनों को भलाई में जमा करे।
45- बीवी से हमबिस्तरी से पहले की दुआ
बिस्मिल्लाह, अल्लाहुम्म जननिब-नश शैतान, व जननि-बिश शैतान मा रज़क़-तना
(सहीह बुखारी 6388, सहीह मुस्लिम 1434)
तर्जुमा: – अल्लाह के नाम के साथ, ए अल्लाह हमें शैतान से बचा और जो तू हमें आता करे उसे भी शैतान से बचा।
46- मनी निकलने पर दिल में यह पढ़े
अल्लाहुम-म ला तज-अल लिश्शैतानि फ़ीमा रज़क़्त-नी नसीबा०
47- दूल्हा को यों मुबारकबाद दी जाए
बा-र-कल्लाहु ल-क व बा-र-क अलैकुमा व ज-म-अ बै-न-कुमा फ़ी ख़ै रिन०
सफ़र की मसनून दुआएँ | Safar ke liye masnoon duayein in hindi
48- जब सफ़र का इरादा करे तो यह पढ़े
अल्लाहुम-म बि-क असूलु व बि-क अहूलु व बि-क असीरु०
49- सफ़र की दुआ
अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर,
सुबहा-नललज़ी सख्ख-र-लना हाज़ा वमा कुन्ना लहू मुक़रिनीन, व इन्ना इला रब्बिना ल मुन्क़लिबून,
अल्लाहुम्म इन्ना नसअलु-क फ़ी स-फ़रिना हाज़ल-बिर्रा वत-तक़वा, व मीनल-अ-ममलि मा तर्ज़ा,
अल्लाहुम्म हवविन अलैना स-फ़-रना हाज़ा वतवि अन्ना बु’अ-दहु, अल्लाहुम्म अंतस्साहिबु फ़िस-सफ़फ़रि, वल-ख़ली-फ़तु फ़िल-अहलि,
अल्लाहुम्म इन्नी अ‛ऊज़ू बि-क मिन व अ-सा इस स-फ़रि, व कअ’बतिल-मन्ज़रि, व सू’इल मुन-क़-लबि फ़िल-मालि वल-अहलि।
( सहीह मुस्लिम 1342)
तर्जुमा: – अल्लाह सब से बड़ा है, अल्लाह सब से बड़ा है, अल्लाह सब से बड़ा है, पाक है वो ज़ात जिस ने हमारे लिए इसे ताबे किया। वरना हम इसे क़ाबू करने वाले न थे और हम अपने रब की तरफ़ ही लौटने वाले है।
ए अल्लाह हम अपने इस सफ़र में नेकी और तक़वा और तेरे पसंदीदा अमल का सवाल करते है। ए अल्लाह हमारे लिए इस सफ़र को आसान फ़रमा। इस की दुरी को लपेट दे, ए अल्लाह तू ही सफ़र में हमारा साथी है, घर वालों में हमारा नाइब है।
ए अल्लाह में सफ़र की मुश्किलात, बुरे मंज़र और घर वालो और माल में बुरे हालात से तेरी पनाह चाहता हूँ।
50- जब बाज़ार में दाख़िल हो तो यह पढ़े
ला इला-ह इल्लल्लाहु वहदहु ला शरी-क लहु लहुल मुल्कु व लहुल हम्दु युहयी व युमीतु व हुव हय्युल ला यमूतु बि यदि हिल ख़ैरु व हुव अला कुल्लि शैइन क़दीर
(तिर्मिज़ी 3428, इब्ने माजा 2235)
तर्जुमा: – अल्लाह के इलावा कोई सच्चा माबूद नहीं। वह अकेला है उस का कोई साथी नहीं, उसी के लिए पूरी कायनात है और उसी के लिए सभी तारीफें हैं, वह ज़िंदा करता है और मारता है, वह हमेशा ज़िंदा रहने वाला है कभी नहीं मरेगा, उसी के हाथ में भलाई है और वह हर मद पर शक्ति रखने वाला है।
51- अगर बाजार में कुछ बेचना या ख़रीदना हो तो यह भी पढ़े
बिस्मिल्लाहि अल्ला हुम-म इन्नी अस्- अलु-क खै-र हाजिहिस्सूक़ि व खै-र मा फीहा व अअूज़ु बि-क मिन शर्रि हा व शर्रि मा फ़ी हा अल्लाहुम-म इन्नी अअूज़ु बि-क अन उसी-ब फ़ीहा यमीनन फ़ाजि-र-तन अौ सफ़्क़तन ख़ासिरतन०
52- किसी मंज़िल (रेलवे स्टेशन या मोटर स्टैंड) पर उतरे तो पढ़े
अअूज़ु बिकलिमातिल्लाहित्ताम्माति मिन शर्रि मा ख-लक०
53- किसी शहर या बस्ती में दाखिल होने लगे, तो तीन बार पढ़े
अल्लाहुम-म बारिक लना फ़ीहा ०
फिर यह पढ़े
अल्लाहुम-मर्ज़ुक़्ना जना हा व हब्बिब्ना इला अहिल हा व हब्बिब सालिही अहिलहा इलैना ०
सफ़र की दुआ के बारे में डिटेल्स में पढ़ें: – सफ़र क्या है? कुरान और हदीस से
बिमारियों और महामारी से बचाओ की मसनून दुआएं
54- पहली दुआ | Masnoon Dua Hindi
बिस्मिल्लाहिल-लज़ी ला यज़ुर्रु मअस-मिहि शैउन फ़िल अरज़ि वला फ़िस-समाइ वहुवस समीउल अलीम (सुबह और शाम तीन बार)
(अबू दावूद 5088, तिर्मिज़ी 3388)
तर्जुमा: – अल्लाह के नाम से मैं पनाह हासिल करता हूँ जिसके नाम से कोई भी चीज़ आसमान या ज़मीन में तकलीफ़ नहीं पहुंचाती और वह सुनने वाला और जानने वाला है।
Hadees: नबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया जो शख़्स भी ये दुआ (दुआ जो ऊपर दी गई है) सुबह और शाम के समय पढ़ता है तो कोई भी चीज़ उसे नुक़सान नहीं पहुंचाती।
55- दूसरी दुआ | Masnoon Dua Hindi Mein
अऊज़ू बि कलिमा तिल्लाहित ताम्माति मिन शररि मा ख़लक़ (सुबह और शाम तीन बार)
(सहीह मुस्लिम 2709)
तर्जुमा: – मैं अल्लाह के कामिल कलमात की पनाह में आता हूँ, उस की तमाम तर मख़लूक़ात की बुराई से।
Hadees: अबू हुरैरह रज़ियालहु अन्हु से रिवायत है कि एक शख्स नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के पास आया और उस ने कहा अल्लाह के रसूल मुझे रात को बिच्छू के काटने की वजह से बहुत तकलीफ़ हुई।
तो आपने फ़रमाया: अगर तुम शाम के वक़्त कह देते के “अऊज़ू बि कलिमा तिल्लाहित ताम्माति मिन शररि मा ख़लक़” तो तुम्हें वो नुकसान नहीं पहुंचता।
56- तीसरी दुआ | Masnoon Dua Hindi mein
ये दुआ हर बूरी बीमारी से बचने के लिया है
अल्लाहुम्म इन्नी अऊज़ू बि-क मिनल ब-रसि वल जुनूनि वल जुज़ामि व मिन सय्यि-इल अस्क़ाम
(अबू दावूद 1554, निसाई 5493)
तर्जुमा: – ए अल्लाह मैं बरस, पागल पन, कोढ़ और बुरी बीमारियों से तेरी पनाह चाहता हूँ।
57- चौथी दुआ | Masnoon Duain Hindi
अल्लाहुम्म इन्नी अस-अलुकल आफ़ि-य-त फ़िद्दुन्या वल आख़िरति, अल्लाहुम्म इन्नी अस अलुकल अफ़-व वल आफ़ि-य-त फ़ी दीनी व दुन्या-य व अहली व माली, अल्लाहुम्मस तुर औराती व मिन रौआती, अल्लाहुम्मह फज़्नी मिम बैनि य-दय-य व मिन खल्फ़ी व अन यमीनी व अन शिमाली व मिन फ़ौक़ी व अऊज़ू बि अ-ज़-म ति-क अन उग़ता-ल मिन तहती। (सुबह या शाम को पढ़े)
(अबू दावूद 5074, इब्ने माजा 3871)
तर्जुमा: – ए अल्लाह में तुझ से दुन्या और आख़िरत में हर तरह की आफ़ियत तलब करता हूँ। ए अल्लाह में तुझसे अपने दीन, दुन्या, और परिवार समेत अपनी संपत्ति से संबंधित के लिए भी माफ़ी और आफ़ियत मांगता हूँ।
ए अल्लाह मेरे गुनाहों को छिपा दे और मुझे मेरे डर और खतरों से शांति अता फ़रमा। ए अल्लाह मेरे आगे, मेरे पीछे, मेरे दाएँ, मेरे बाएँ और मेरे ऊपर से मेरी हिफाज़त फ़रमा और मैं तेरी महानता के ज़रिए से इस बात से पनाह चाहता हूँ कि मैं नीचे की तरफ़ से हलाक कर दिया जाऊ।
दुख़, तकलीफ़, संकट और परेशानी के वक़्त की मसनून दुआएं
58- पहली दुआ | Pahli Masnoon Dua In Hindi
ला इला-ह इल्ला अं-त सुब्हान-क इन्नी कुन्तु मिनज़ ज़लिमीन
(अल अंबिया 87)
तर्जुमा: – ए अल्लाह, तेरे सिवा कोई दूसरा सच्चा माबूद नहीं। तू पाक है, बेशक मैं ज़ालिमों में हो गया।
59- दूसरी दुआ | doosri Masnoon Dua Hindi
हस-बियल्लाहु ला इला-ह इल्ला हु-व अलैहि त-वक्कलतु वहु-व रब्बुल अर्शिल अज़ीम
(अल तौबा 129)
तर्जुमा: – मेरे लिये अल्लाह काफ़ी है, उस के सिवा कोई सच्चा माबूद नहीं। मैंने उसी पर भरोसा किया और वह बड़े अर्श का मालिक है।
60- तीसरी दुआ | teesri Masnoon Dua Hindi mein
अन्नी मस्सनियज़ ज़ुर्रु व अं-त अर ह-मुर राहिमीन
(अल अंबिया 83)
तर्जुमा: – मुझे ये बीमारी लग गई है और तू रहम करने वालों से ज़ियादा रहम करने वाला है।
61- चौथी दुआ | chauthi Masnoon Dua In Hindi
अलाहुम्म इन्नी अऊज़ू बि-क मिनल हम्मि वल ह-ज़-नि, वल अज्ज़ि वल क-स-लि, वल बुखलि, वल जुबनि, व ज़-ल इद्दैनि, व ग़-ल-बतिर रिजाल
(सहीह बुखारी 6363)
तर्जुमा: – ए अल्लाह, मैं तेरी पनाह मांगता हूँ, उदासी और दर्द से, आजिज़ी और कमज़ोरी से, और बुख़्ल से, और कायरता से, और क़र्ज़ के बोझ से, और इंसानों के ग़लबा से।
62- पांचवीं दुआ | panchvi Masnoon Dua In Hindi
ला इला-ह इल्लल्लाहुल अज़ीमुल हलीम, ला इला-ह इल्लल्लाहु रब्बुल अर्शिल अज़ीम, ला इला-ह इल्लल्लाहु रब्बुस समावाति व रब्बुल अर्ज़, व रब्बुल अर्शिल करीम
(सहीह बुखारी 6346)
तर्जुमा: – अल्लाह महान और बुर्दबार के सिवा कोई सच्चा माबूद नहीं। अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं जो अर्श अज़ीम का रब है, और अल्लाह के सिवा कोई सच्चा माबूद नहीं जो आसमानों और ज़मीनों का रब है, और अर्श अज़ीम का रब है।
63- छठी दुआ | chathi Masnoon Dua In Hindi
या हय्यु या क़य्यूमु बि-रह-मति-क अस्तगीसु
(तिर्मिज़ी 3524)
तर्जुमा: – ए हमेशा जिन्दा रहने वाले (अल्लाह) तेरी रहमत के वसीले से तेरी मदद चाहता हूँ।
64- सातवीं दुआ | satvi Masnoon Dua In Hindi
अल्लाहुम्म रह-म-त-क अरजू , फ़ला तकिलनी इला नफ़्सी तर-फ़-त एनिन, व अस्लिह ली शअ-नी कुल्लहु, ला इला-ह इल्ला अं-त
(अबू दावूद 5090)
तर्जुमा: – ए अल्लाह में तेरी ही रहमत चाहता हूँ, तू मुझे एक पल के लिए भी नज़र अंदाज़ ना करना, और मेरे सब कामों को ठीक फ़रमादे, तेरे सिवा कोई सच्चा माबूद नहीं।
65- आठवीं दुआ | aathvi Masnoon Duain Hindi
अल्लाहु अल्लाहु रब्बी ला उश-रिकु बिहि शैआ
(अबू दावूद 1525)
तर्जुमा: – अल्लाह ही मेरा रब है, में उसके साथ किसी को शरीक नहीं करता।
66- जब किसी को मुसीबत, परेशानी या बुरे हाल में देखे तो यह दुआ पढ़े
अल् हम्दु लिल्लाहिल्लज़ी आफ़ानी मिम्मब्तला-क बिही व फ़ज़्ज़-ल-नी अला क-सी रिम मिम्मन ख़-ल-क़ तफ़्ज़ीला ०
67- जब दुश्मनों का डर हो तो यह पढ़े
अल्लाहुम-म इन्ना नज्अलु-क फ़ी नुहूरि-हिम व न अूज़ु बि-क मिन शुरुरिहिम ०
68- अगर दुश्मन घेर लें तो यह दुआ पढ़े
अल्लाहुम-म मस्तुर औ रातिना व आमिरौ-आतिना
69- किसी को मुसीबत में देखते समय की दुआ
अल्हम्दु लिल्लाहिल लज़ी आफ़ानी मिम्मब तला-क बिहि व फ़ज़्ज़-लनी अला कसीरिम मिममन ख़-ल-क़ तफ्ज़ीला
(तिर्मिज़ी 3431)
तर्जुमा: – तमाम तारीफें अल्लाह के लिए हैं जिस ने मुझे इस मुसीबत से अच्छी सेहत दी, जिसमें तुझे मुब्तिला किया और उस ने मुझे बहुत सारी जीव पर फ़ज़ीलत अता फ़रमाई।
70- ग़म और फ़िक्र की दुआ
अल्लाहुम्म इन्नी अऊज़ू बि-क मिनल हम्मि वल ह-ज़नि, वल अजज़ि वल क-सलि, वल जुबनि वल बुखलि, व ज़-ल इददैनि, व ग़-ल बतिर रिजालि
(सहीह बुखारी 3696)
तर्जुमा: – ए अल्लाह में परेशानी, ग़म, आजिज़ी, सुस्ती, बुज़दिली, बुख़ल, क़र्ज़ चढ़ने और लोगों के ग़लबे से तेरी पनाह में आता हूँ।
28- बेचैनी की दुआ
ला इलाह इल्ललला-हुल अज़ीमुल हलीम, ला इलाह इल्लललाहु रब्बुल अर्शिल अज़ीम, ला इलाह इल्लललाहु रब्बुस समावाति, व रब्बुल अरज़ि, व रब्बुल अर्शिल करीम
(सहीह बुखारी। 4364, सहीह मुस्लिम 2730)
तर्जुमा: – अल्लाह के इलावा कोई माबूद बरहक़ नहीं अज़मत वाला, बड़े जलवे वाला है। अल्लाह के इलावा कोई सच्चा माबूद नहीं, बही अर्शो अज़ीम का मालिक है। अल्लाह के इलावा कोई सच्चा माबूद नहीं। आसमानों का रब है और ज़मीन का रब है, अर्श करीम का रब है।
71- मुसीबत के वक़्त की दुआ
इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलैहि राजिऊन, अल्लाहुम्म अजुर्नी फ़ी मुसीबती व अख़लिफ़ ली खैरम मिन्हा
(सहीह मुस्लिम 918)
तर्जुमा: – यक़ीनन हम अल्लाह के लिए हैं और हम उसी की तरफ़ लौट कर जाने वाले हैं, ए अल्लाह मुझे मेरी मुसीबत में अज्र अता फ़रमा, और मुझे इस से बेहतर बदला अता फ़रमा।
72- जब गुस्सा आये या गधे या कुत्ते की आवाज़ सुने या बुरे वसवसे आयें, तो –
अऊजु बिल्लाहि मिनश शैता निर रजीम
(सहीह बुखारी 6115, सहीह मुस्लिम 2610)
तर्जुमा: – में शैतान मरदूद से अल्लाह की पनाह में आता हूं
73- डिप्रेशन के वक़्त ये पढ़े
अल्लाहुम्म रह-म-त-क अरजू फ़ला तकिलनी इला नफ़्सी तर-फ़-त ऐनिन व असलिह ली श’अ-नी कुल्लहु ला इला-ह इल्ला अंत
(अबू दावूद 5090)
तर्जुमा: – ए अल्लाह में तेरी रहमत का उम्मीदवार हूँ मुझे आँख झपक ने के बराबर भी मेरे नफ़्स के सुपुर्द ना करना, और मेरे सारे मामलों को सही फ़रमा दे बेशक तेरे सिवा कोई इबादत के लाइक नहीं।
74- शैतानी हमलों से बचने की दुआ -Islamic Dua in Hindi Translation
अऊज़ु बिल्लाहिस समीइल अलीमि मिनश शैतानिर रजीमि मिन हमज़िहि व नफ़खि-हि व नफ़सिह
(अबू दावूद 775)
तर्जुमा: – मैं पनाह मांगता हूँ अल्लाह की जो खूब सुनने वाला और खूब जानने वाला है, शैतान मरदूद के वस-वासों, उस के तकब्बुर और उस के फूंकी यानि जादू से।
75- शैतानी वसवसों से बचने की दुआ
व क़ुर रब्बि अऊज़ु बि-क मिन ह-म ज़ातिश शैतान, व अऊज़ु बि-क रब्बि अय्यह ज़ुरून
(अल मुअ-मिन 97, 98)
तर्जुमा: – और दुआ करें के ए मेरे परवरदिगार में शैतानों के वस-वासो से तेरी पनाह चाहता हूँ, और ए मेरे रब में तेरी पनाह चाहता हूँ के वो मेरे पास आए।
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दूसरी मसनून दुआएँ हिंदी में | Doosri Masnoon Dua Hindi me
76- सज्दए तिलावत की दुआ -Islamic Dua in Hindi
स-ज-द वज हि-य लिल्लज़ी ख़-ल-क़हु व शक़्क़ सम-अहु व ब-स-रहु बि हौ-लिहि व क़ुव्वतिहि फ़ तबार-कल्लाहु अह-सनुल ख़ालिक़ीन
(तिर्मिज़ी 3425)
तर्जुमा: – मेरे चेहरे ने उस ज़ात को सजदा किया जिस ने उसे पैदा फ़रमाया और उस ने अपनी ताक़त और क़ुव्वत के ज़रिए से इस के कान और आँख के सूराख़ बनाए, बड़ा बा बरकत है अल्लाह तआला, जो बेहतरीन पैदा करने वाला है।
77- पहला फल देखने की दुआ
अल्लाहुम्म बारिक लना फ़ी स-मरिना व बारीक लना फ़ी मदीनतिना व बारिक लना फ़ी साइना व बारिक लना फ़ी मुद्दिना
(सहीह मुस्लिम 1373)
तर्जुमा: – ए अल्लाह हमारे लिए हमारे फल में बरकत दे, हमारे लिए हमारे शहर में बरकत दे, हमारे लिए हमारे साअ में बरकत दे, और हमारे लिए हमारे मुद में बरकत दे। साअ और मुद नाप-तौल के पैमाने है।
78- मुर्ग़े की आवाज़ सुनने पर दुआ
अल्लाहुम्म इन्नी असअलु-क मिन फ़ज़्लिक
(सहीह बुखारी 3303, सहीह मुस्लिम 2729)
तर्जुमा: – ए अल्लाह में तुझसे तेरे फ़ज़्ल का सवाल करता हूँ।
79- गधे की आवाज़ सुनने पर दुआ
अऊज़ू बिल्लाहि मिनश-शैता निर रजीम
(सहीह बुखारी 3303, सहीह मुस्लिम 2729)
तर्जुमा: – मैं शैतान मरदूद से अल्लाह की पनाह में आता हूँ।
80- छींक की दुआ
जिस को छींक आए वो कहे “अल्हम्दु लिल्लाह”
(सहीह बुखारी 6224)
तर्जुमा: – तमाम तारीफ़ अल्लाह के लिए है।
और जो वहा मौजूद हो वो कहे “यर हमु कल्लाह”
तर्जुमा: – अल्लाह तुझ पर रहम फ़रमाए
जब सामने वाला ये कहे तो छींक मारने वाला फिर ये कहे “यहदी कुमुल्लाहु व यूसलिहु बालकुम”
तर्जुमा: – अल्लाह तुम्हें हिदायत दे और तुम्हारी हालत ठीक करे।
81- नमाज़ या क़ुरआन पढ़ते हुए वसवसा आने पर दुआ
अऊज़ू बिल्लाहि मिनश-शैता निर रजीम
(सहीह मुस्लिम 2203)
तर्जुमा: – में शैतान मरदूद से अल्लाह की पनाह में आता हूँ।
तीन मर्तबा कहे और अपने बाए तरफ़ थूक दे।
82- रोज़ा खोलने के वक़्त की दुआ
ज़-ह बज़ ज़मउ वब तल्लतिल उरूकु व स-बतल अजरु इंशा अल्लाह
(अबू दावूद 2357)
तर्जुमा: – पियास चली गई, रगें तर हो गई और अजर साबित होगया अगर अल्लाह ने चाहा।
83- दुन्या और आख़िरत की भलाई की दुआ | Masnoon Dua in Hindi
रब्बना आतिना फ़िद्दुन्या ह-स-नतौ व फ़िल आख़िरति ह-स-नतौ व क़िना अज़ा बन्नार
(सहीह बुख़ारी 4522)
तर्जुमा: – ए अल्लाह हमें दुन्या में भलाई अता कर और आख़िरत में भलाई अता कर और हमें जहन्नम से बचा।
84- साबित क़दमी और हिदायत के लिए दुआ | Islamic Dua in Hindi Translation
अल्लाहुम्म सब्बितहु वज-अल्हु हादि-यम महदिययन
(सहीह बुख़ारी 633)
तर्जुमा: – ए अल्लाह मुझे साबित क़दम रख और मुझे हिदायत देने वाला हिदायत याफ़्ता बना दे।
85- इल्म में बढ़ोतरी के लिए दुआ | Masnoon Dua in Hindi
रब्बि ज़िदनी इल्मा
(ताहा 114)
तर्जुमा: – ए अल्लाह मेरे इल्म में बढ़ोतरी अता फ़रमा।
86- जब किसी को रुख़्सत करे तो यह पढ़े
अस्त्तौदिअुल्ला-ह दी-न-क व अ मा-न-त-क व ख़्वाती-म अ-म-लि-क०
87- हर क़िस्म की माली तरक़्क़ी के लिए यह दरुद शरीफ़ है
अल्लाहुम-म सल्लि अला मुहम्मदिन अब्दि-क व रसूलि-क व
अल-ल मुअ् मि नी-न वल मुअ् मिनाति व अलल मुस्लिमी-न वल मुस्लिमाति ०
88- शबे क़द्र की दुआ यह है
अल्लाहुम-म इन्न-क अफ़ूवुन तुहिब्बुल अफ़ व फ़अ्फ़ु अन्नी ०
89- अपने साथ एहसान करने वाले को यह दुआ दे
जज़ाकलाहु ख़ैरन ०
90- जब अपनी कोई महबूब चीज़ देखे, तो यह पढ़े
अल् हम्दु लिल्लाहिल्लज़ी बि नि अ मति ही ततिम्मुस्सालिहातु।
91- जब क़ुर्बानी करे तो जानवर को क़िब्ला रुख़ लिटाकर यह दुआ पढ़े
इन्नी वज्जह्तु वज्हि-य लिल्लज़ी फ़-त-रस्समावाति वल
अर-ज़ अला मिल्लति इब्राही- म हनीफ़ंव व मा अना मिनल मुश्रिकीन इन-न सलाती व नुसुकी व महया-य व ममाती लिल्लाहि रब्बिल आ ल मी न ला शरी-क लहू व बि ज़ालि-क उमिर्तु व अना मिनल मुस्लिमीन अल्लाहुम-म मिन-क व ल-क अन ०
92- जब किसी मुसलमान से मुलाक़ात हो तो यों सलाम कहे
अस्सलामु अलैकुम व रह्मतुल्लाह ०
इसके जवाब में दूसरा मुसलमान यों कहे
व अलैकुमुस्सलामु व रह्मतुल्लाहि ०
अगर कोई मुसलमान सलाम भेजे तो जवाब में यों कहे
व अलैहिस्सलामु व रहमतुल्लाहि व ब-र- कातुहू ०
या सलाम लाने वाले को ख़िताब करके यों कहे
व अलै-क व अलैहिस्सलामु ०
93-अगर ख़ामख़ाह बे-अख़्तियार बद-फ़ाली का ख़्याल आ जाए तो यह दुआ पढ़े
अल्लाहुम-म ला याती बिल-ह-स-नाति इल्ला अन-त व ला यज़् हबु बिस्सइएआति इल्ला अन-त व ला हौ-ल व ला क़ू-व-त इल्ला बि-क ०
आखिरी शब्द
जैसा कि आपने ऊपर 90+ मसनून दुआ इन हिंदी में पढ़ चुके हैं। कोशिश करें कि आप इन दुआओं को बिना देखे याद कर लें और अपने पूरे दिन में इन दुआओं के साथ सभी कामों को करें। इंशाअल्लाह, अल्लाह आपको अच्छा बदला नसीब फ़रमायेगा।
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