Masjid Me Dakhil Hone Ki Dua: – दीने इस्लाम में हर तरह के अमल से बेशुमार नेकियाँ मिलती हैं, चाहे वो अमल छोटे से छोटा या बड़े से बड़ा क्यूँ न हो।
क्यूंकि हम नहीं जानते हैं कि रोज़ ए महशर के दिन ना जाने कौन सी नेकी हमारे काम आ जाए।
इसलिए हमें चाहिए कि जो भी काम करें इस्लाम के मुताबिक ही करें और अगर उस काम को करने की कोई दुआ मौजूद है तो जरूर पढ़ें।
तो इस पोस्ट में हम जानेगे कि Masjid Me Dakhil Hone Ki Dua Hindi Me कौन सी है?
यह भी पढ़ें: – घर से निकलने की दुआ हिंदी में
मस्जिद में दाखिल होने की दुआ | Masjid Me Dakhil Hone Ki Dua
जब भी आप अपने घर से निकलकर मस्जिद की ओर जायें तो पहले घर से बाहर जाने वाली दुआ पढ़े।
और जैसे ही मस्जिद पहुंचे तो मस्जिद में दाखिल होने की दुआ को जरूर पढ़ें।
मस्जिद में दाखिल होने की दुआ हिंदी में
अल्लाहुम्म फ तहली अबवा ब रहमतिका
तर्जुमा : – ए अल्लाह तू अपनी रेहमत के दरवाजे मेरे लिए खोल दे।
Masjid Me Dakhil Hone Ki Dua in English
Allahummaf Tahli Abwa ba Rahmatik
O Allah, open the doors of mercy
मस्जिद में दाखिल होने की दुआ उर्दू में
اَللّٰہُمَّ افْتَحْ لِیْ اَبْوَابَ رَحْمَتِکَ۔
اے اللہ !میرے لئے اپنی رحمت کے دروازے کھول دیجئے۔
Masjid Me Dakhil Hone Ki Dua Image
तो ये थी हमारी मस्जिद में दाखिल होने की दुआ।
आपको चाहिए कि मस्जिद से निकलने की दुआ और तरीका भी सीख लें जिसको हमने दूसरी पोस्ट में बताया है। जिसका लिंक नीचे दिया गया है।
ये भी पढ़ें: – मस्जिद से निकलने की दुआ और तरीका हिंदी में
मस्जिद में दाखिल होने का तरीका | Masjid Me Dakhil Hone Ka Tarika
जब भी आप मस्जिद में दाखिल हों तो आपको कुछ बातें याद रखनी चाहिए। जो ये हैं,
- जब भी मस्जिद पहुंचे तो आप मस्जिद में अन्दर जाने से पहले एक मर्तवा दरूद शरीफ पढ़ लें।
- अब मस्जिद में दाखिल हों तो सीधा पैर मस्जिद के अन्दर रखें।
- जब आप मस्जिद में दाखिल होते वक़्त सीधा पैर अन्दर रखेंगे तो आप साथ में मस्जिद के अन्दर दाखिल होने की दुआ पढ़ेंगे।
- दाखिल होने के बाद एक मर्तबा सलाम कहेंगे।
मस्जिद क्या है? | Masjid Kya Hai?
मस्जिद अल्लाह का घर होता है और मस्जिद में अल्लाह के बन्दे अल्लाह की इबादत करते हैं। तो हर मुसलमान को अल्लाह के इस घर से मोहब्बत करनी चाहिए।
मस्जिद में हम अल्लाह की इबादत करते हैं जिसने दुनिया को बनाया और कयामत को बनाया है, तो हमारा फ़र्ज है की हम सभी अल्लाह के इस घर को आबाद करें।
हस्र कयामत के दिन मस्जिद भी हमारे हक में गबाही देगी अगर हमने मस्जिद को आबाद किया होगा और नमाज़ मस्जिद में अदा की होंगी।
अगर हम मस्जिद में इबादत करते हैं तो घरों में की गयी इबादत से 10 गुना ज्यादा सवाब मिलता है।
मस्जिद की दुआ से जुड़े कुछ सवाल और जवाब
जवाब: – मस्जिद में दाखिल होने की दुआ “अल्लाहुम्म फ तहली अबवा ब रहमतिका” है।
जवाब: – अल्लाहुम्म फ तहली अबवा ब रहमतिका दुआ का मतलब होता है “ए अल्लाह ! तू अपनी रहमत के दरवाजे मेरे लिए खोल दे।”
जवाब: – घर में इबादत करने और मस्जिद में इबादत करने में बहुत फर्क है क्यूंकि मस्जिद में की गई इबादत में, घर की इबादत से 10 गुना ज्यादा सवाब मिलता है।
आखिरी शब्द
तो जैसा की आपने पढ़ा कि मस्जिद में दाखिल होने की दुआ क्या होती है। उम्मीद करते हैं कि हमारे जरिये मौजूद करायी गयी यह जानकारी पसंद आई होगी और आप इस जानकारी को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करेंगे।
अगर हमसे लिखने में कोई गलती हुई हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।
Leave a Comment