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Isha Ki Namaz Ka Tarika Hindi Me | ईशा की नमाज़ का तरीका हिंदी में

Category: 5 वक़्त की नमाज़ का तरीका, Isha Ki Namaz Ka Tarika | ईशा की नमाज़ का तरीका

Post Updated On:

3 min read

Last updated on अगस्त 14th, 2023 at 09:04 अपराह्न

दोस्तों, अगर आप नहीं जानते कि Isha Ki Namaz Ka Tarika क्या है? और न ही आप ये जानते हैं कि Isha Ki Namaz Ka Time 🕗 क्या है?

इशा की नमाज़ में कितनी रकात नमाज़ पढ़ी जाती है?

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तो आप इस पोस्ट को पूरा पढ़ें।

इंशाअल्लाह आप आसानी के साथ इशा की नमाज़ पढ़ने का तरीका सीख जायिंगे।


इशा की नमाज़ का वक़्त | Isha Ki Namaz Ka Time

ईशा की नमाज़ रात के वक़्त में पढ़ी जाती है।

इशा की नमाज़ (Isha ki namaz) का वक़्त 🕗 बड़ी रातों में सूरज डूबने के बाद मग़रिब की नमाज़ के लगभग डेढ़ घंटे बाद और छोटी रातों में तकरीबन डेढ़ घंटे बाद शुरू होता है।

गर्मी के मौसम में यह वक़्त लगभग शाम के 🕦 8 बजे से शुरू होता है और सर्दी के मौसम में शाम के 🕦 6:45 से शुरू होता है।


कुरआन और हदीस में नमाज़ का हुक्म

बेशक ईमानवालों पर समय की पाबन्दी के साथ नमाज़ पढ़ना फ़र्ज है। (क़ुरआन 4:103)

अतः जो कुछ वे कहते है उसपर सब्र से काम लो और अपने रब की बढ़ाई बयान करो, सूरज निकलने से पहले और उसके डूबने से पहले,

और रात की घड़ियों में भी तसबीह करो, और दिन के किनारों पर भी, ताकि तुम राज़ी हो जाओ। (क़ुरआन 20:130)

और नमाज़ क़ायम करो दिन के दोनों सिरों पर और रात के कुछ हिस्से में।

बेशक नेकियाँ बुराइयों को दूर कर देती है। यह याद रखनेवालों के लिए एक सीधी राह है। (क़ुरआन 11:114)

“और इशा की नमाज़ का वक़्त आधी रात तक रहता है” इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है। (हदीस संख्या : 612)

अलग-अलग जगहों पर नमाज़ का वक़्त अलग-अलग होता है।

तो आप मस्जिद जाकर पता कर सकते हैं।


ईशा की नमाज़ की रकअत

Isha Ki Namaz Ka Tarika हिंदी में जानने से पहले इशा की नमाज़ से जुड़ी कुछ जानकारी जान लेते हैं।

नमाजे इशा ( Isha ki namaz ) में 17 रकअत होती है।

नमाज़सुन्नतफ़र्ज़सुन्नतनफिलवित्रनफिल
रकात442232

▶️ बाकी की नमाज़ का तरीका जानें: – फजर की नमाज़ | जुहर की नमाज़ | असर की नमाज़ | मग़रिब की नमाज़


ईशा की नमाज़ का तरीका | Isha Ki Namaz Ka Tarika

यहाँ भी सिर्फ नियत बदल जायेगी मगर नमाज़ पढ़ने का तरीका वही रहेगा, जो बाकी नमाज़ों का है।

आईये ईशा की नमाज़ पढ़ने का तरीका जानते हैं…


ईशा की 4 सुन्नत नमाज़ | Isha Ki 4 Sunnat Namaz Ka Tarika

यहाँ नीचे हमने इशा की 4 रकात सुन्नत नमाज़ का तरीका हिंदी में बताया है।

अगर आपको इशा की नमाज़ का तरीका नहीं पता है तो आप आसानी के साथ Isha Ki Namaz Ke Tarika को सीख सकते हैं और सही से Isha Ki Namaz पढ़ सकते हैं।


पहली रकात सुन्नत

👉 1. नमाजे इशा (Isha Ki Namaz) की चार सुन्नत की नियत: –

“नियत करता हूँ मैं, चार रकअत नमाज़ सुन्नत, वास्ते अल्लाह तआला के, वक्त इशा, मुँह मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़, अल्लाहु-अकबर।”

👉 2. जब आप तकबीर (अल्लाहु-अकबर) कहेंगे उस वक़्त हमें हाथ बाँध लेना है और फिर सबसे पहले हम सना पढ़ेंगे।

सना इस तरह पढ़ना है “सुबहाना कल्ला हुम्मा व बिहम्दिका व तबारा कस्मुका व त’आला जद्दुका वला इलाहा गैरुका“

👉 3. इसके बाद अउजू बिल्लाहि मिनश शैतान निर्रजिम, बिस्मिल्लाही र्रहमानिर रहीम. पढेंगे।

👉 4. यह पढ़ने के बाद सूरह फातिहा पढेंगे और सूरह फातिहा के बाद क़ुरान शरीफ की कोई भी सूरत जो आपको याद हो वो पढेंगे।

👉 5. जब आप सूरह को पूरी पढ़ लेंगे, तब अल्लाहु-अकबर (Takbeer) कहते हुए रुकू में जायेंगे।

रुकू करने का तरीका

आप रुकू में अपने हाथों की उँगलियों से घुटनों को मजबूत पकड़ लेंगे।

और उंगलियाँ को घुटनों पर फैला कर रखेंगे और इतना झुकेंगे कि आपका सिर और कमर बराबर हो जायें।

रुकू की हालत में ही अल्लाह की तस्बीह सुबहान रब्बी अल अज़ीम 3 या 5 या 7 बार इत्मीनान के साथ पढेंगे।

आपको ख्याल रहे कि रुकू में निगाहें पैरो के अंगूंठो पर रहें।

👉 6. इसके बाद आपको समीअल्लाहु लिमन हमीदह कहते हुए रुकू से खड़े हो जाना है।

खड़े होने के बाद रब्बना व लकल हम्द कहेंगे और फिर अल्लाहु-अकबर कहकर सज्दे में जायेंगे।

सजदा करने का तरीका

सजदे में जाते वक़्त आप सबसे पहले हाथ घुटनों पर रखेंगे और फिर अपने घुटने जमीन पर टिकाएंगे, उसके बाद हाथ जमीन पर रखकर अपनी नाक जमीन पर टेकेंगे।

नाक जमीन पर टेंकने के बाद आप अपनी पेशानी जमीन पर जमाएंगे, और अपने चेहरे को दोनों हाथों के दरमियान रखेंगे।

मर्द अपने हाथों की हथेलियों को ही जमीन पर जमायिंगे और कोहनी वगैरह ऊँची उठी रखेंगे।

मर्दों को इस बात का ख्याल रखना है कि उनका पेट उनकी जांघों से न छुए।

यानी पेट को अपनी रानो से दूर रखना है और दोनों पांव की उँगलियो के पेट क़िब्ला रुख ज़मीन पर जमे रखना है।

👉 7. सज्दे में जाने के बाद आप अल्लाह की तस्बीह सुबहान रब्बी अल आला, 3 या 5 या 7 मर्तबा इत्मीनान के साथ पढेंगे।

👉 8. फिर अल्लाहु-अकबर कहते हुए सजदे से उठकर सीधे बैठ जायेंगे।

जब सजदे से उठकर बैठेंगे तो सीधे पैर की उंगलिया हिलनी नहीं चाहिए मतलब क़िबला रुख ही मुड़ी हुई रहे और उलटे पैर को सीधे पैर की जानिब मोड़ के बैठें।

👉 9. फिर दोबारा अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जायेंगे।

अब आपको यहाँ फिर से उलटे पैर की ऊँगलीया क़िब्ला रुख करनी हैं।

👉 10. सज्दे में आप फिर से अल्लाह की वही तस्बीह सुबहान रब्बी अल आला 3 या 5 या 7 बार पढेंगे।

इस तरह आपकी एक (1 ) रकअत पूरी हो जाएगी।


दूसरी रकात सुन्नत

👉 12. फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए आप दूसरी रकात के लिए खड़े हो जाएंगे और अपने हाथ बांध लेंगे।

फिर से आप अल्हम्दु शरीफ पढ़ेंगे उसके बाद कुरआन की कोई भी सूरत जो आपको याद हो वो पढ़ेंगे।

फिर से वही अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकू में जाएंगे।

फिर *समीअल्लाहु लिमन हमीदह * कहते हुए रुकू से खड़े हो जायेंगे।

इसके बाद “रब्बना व लकल हम्द” कहेंगे, और फिर अल्लाहु-अकबर कहते हुए सज्दे में जायेंगे।

👉 13. सज्दे में फिर से अल्लाह की तस्बीह सुबहान रब्बी अल आला 3 या 5 या 7 बार पढेंगे।

👉 14. फिर अल्लाहु-अकबर कहकर सजदे से उठकर बैठ जायेंगे और फिर दोबारा अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जायेंगे।

सज्दे में आप फिर से अल्लाह की वही तस्बीह सुबहान रब्बी अल आला 3 या 5 या 7 बार पढेंगे।

फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए बैठ जायिंगे। ( बैठने का तरीका पहली रकअत जैसा ही है।) अब बैठे हुए ही आप अत्तहिय्यात पढेंगे।

अत्तहिय्यात: –

“अत्ताहियातु लिल्लाहि वस्सलवातु वत्तैयिबातू अस्सलामु अलैका अय्युहन नबिय्यु व रहमतुल्लाही व बरकताहू अस्सलामु अलैना व अला इबादिल्लाहिस सालिहीन अशहदु अल्ला इलाहा इल्ललाहू व अशहदु अन्न मुँहम्मदन अब्दुहु व रसुलहू”

📌 नोट: - अशहदु अल्ला {ला} पर सीधे हाथ की शहादत की ऊँगली इस तरह उठाना है कि अंगूठा और बीच की सबसे बड़ी वाली उंगली के पेट दोनों को आपस में मिलाना है, और शहादत की ऊँगली ऊपर करना है।

तीसरी रकात सुन्नत

👉 16. जब आप पूरी अत्तहिय्यात पढ़ लेंगे तब आप तीसरी रकअत के लिए खड़े हो जाएंगे।

📌 नोट: - अगर आपने गलती से अत्तहिय्यात के बाद दरूद शरीफ या दुआ पढ़ ली और आपको तीसरी रकत का पढ़ना याद आ गया तो सजदा सहु करना होगा।

👉 17. तीसरी रकात भी आपको पहली रकात की तरह पढ़ना है।


चौथी रकात सुन्नत

👉18. जब चार रकअत पूरी हो जाए तो फिर से अत्तहिय्यात, दरूद और दुआ ए मसुरा पढ़ेंगे और सलाम फेरेंगे।

जब आप पहला सलाम फेरेंगे तो पहले सीधे कंधे की तरफ निगाहें झुकी हुई रहेंगी।

उसके बाद फिर बायीं तरफ यानी उलटे कंधे की जानिब निगाहें रखकर सलाम फेरेंगे।

सलाम के अल्फ़ाज़ इस तरह होंगे: – अस्सलामो अलैकुम व रहमतुल्लाह

इस तरह आपकी इशा की चार रकाअत सुन्नत नमाज़ मुकम्मल हो जायेगी।


ईशा की 4 फ़र्ज़ नमाज़ | Isha Ki 4 Farj Namaz Ka Tarika

पहली रकात फ़र्ज़

नमाजे ईशा (Isha Ki Namaz) की चार फ़र्ज़ नमाज़ की निय्यत इस तरह करेंगे: –

“नियत करता हूँ मैं चार रकअत नमाज़ फ़र्ज़, वास्ते अल्लाह तआला के, वक्त इशा, पीछे इस इमाम के, मुँह मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़, अल्लाहु-अकबर।”

📌 नोट: - अगर अकेले पढ़ें या नमाज़ घर पर पढ़ें, तो इमाम के पीछे ना कहें और फ़र्ज़ की नियत करके जैसी सुन्नत नमाज़ पढ़ी थी वैसी ही फ़र्ज़ नमाज़ पढ़ें। यहाँ नीचे हमने फ़र्ज़ नमाज़ जमआत के साथ इमाम के पीछे पढ़ने का तरीका बताया है।

🍁 1. जब इमाम साहब अल्लाहु अकबर कहकर हाथ बांधेंगे, तब हमें भी नियत करके हाथ बाँध लेना है।

🍁 2. हाथ बांध लेने के बाद आपको सिर्फ मन ही मन में सना पढ़नी है और फिर बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़कर ख़ामोशी के साथ खड़े रहना है और निगाहें सजदे की जगह रखनी हैं।

🍁 3. अब इमाम साहब सूरह फातिहा पढेंगे और जब इमाम साहब वलज़्ज़ुअलीन कहेंगे उसके बाद हम लोगों को आहिस्ता से आमीन कहना है। उसके बाद इमाम साहब कोई भी क़ुरान शरीफ की सूरत पढ़ेंगे।

🍁 4. हमें सिर्फ चुपचाप खड़े रहना और जैसे ही इमाम साहब अल्लाहुअकबर कहके रुकू में जायेंगे, तब हम भी रुकू में चले जाएंगे।

फिर इमाम साहब “समीअल्लाहु लिमन हमीदह” कहते हुए रुकू से खड़े हो जाएंगे, तब हमें भी “रब्बना व लकल हम्द ( मन में )” कहते हुए खड़े हो जाना है।

🍁 5. उसके बाद इमाम साहब अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे में जाएंगे, तो उनके पीछे-पीछे हमें भी सजदे में जाना है।

और हम सजदे की तस्बीह पढेंगे और फिर अल्लाहुअकबर कहकर इमाम साहब सजदे से उठकर बैठेंगे, तो हमें भी बेठ जाना है।

🍁 7. दूसरी बार फिर इमाम साहब अल्लाहुअकबर कहते हुए सजदे में जाएंगे, तो उनके पीछे-पीछे हमें भी सजदे में जाना है और सजदे की तस्बीह पढ़ना है।

🍁 8. फिर इमाम साहब अल्लाहुअकबर कहते हुए खड़े हो जाएंगे, तब हमें भी खड़े हो जाना है।

इस तरह एक रकआत पूरी हो जायेगी और इसी तरह हमें दूसरी रकअत भी पूरी करना है।

क्या आपको वजू का तरीका मालूम है अगर नहीं तो जानें: – Wazu Karne Ka Tarika Hindi Me


दूसरी रकात फ़र्ज़

🍁 9. दूसरी रकात के आखिर में इमाम शाहब तशहुद में बैठेंगे तो हमें भी तशहुद में बैठ जाना है और ख़ामोशी से अत्तहियात पढ़ना है।


तीसरी रकात फ़र्ज़

🍁 10. फिर इमाम साहब अल्लाहुअकबर कहकर तीसरी रक’अत पढ़ने के लिए उठ कर खड़े हो जाएंगे।

तो हमें भी खड़े हो जाना है और जैसे-जैसे इमाम साहब बाकी की रकात पढ़ेंगे, ठीक वैसे ही उनके पीछे हमें नमाज़ पढ़नी है।


चौथी रकात फ़र्ज़

🍁 11. रुकू के बाद दो सज्दे करके चौथी रक’आत के लिए खड़े हो जायेंगे।

चौथी रकात बाकी की रकात की तरह पढ़ेंगे, लेकिन चौथी रक’अत पढेंने के बाद इमाम शाहब तशहुद में बैठेंगे, तो आप भी तशहुद में बैठ जायिंगे।

🍁 12. तशहुद उसी तरह पढ़ना है जैसा ऊपर सिखाया गया है।

और अत्ताहियात, दरूद और दुआ ए मसुरा पढ़ने के बाद इमाम साहब सलाम फेरेंगे तो हमें भी उनके बाद सलाम फेरना है।

इस तरह ईशा की चार फ़र्ज़ नमाज़ मुकम्मल हो गई।


Isha Ki Char farz Namaz Padhane Ka Tarika

नोट 1: – अगर आप ईशा की नमाज़ इमाम साहब के पीछे पढ़ रहे हैं तो आपको नमाज़ बैसे ही पढ़ना है जैसे आप ज़ुहर और असर की फ़र्ज नमाज़ पढ़ते हैं।

फर्क सिर्फ इतना रहेगा की ईशा की चार फ़र्ज़ नमाज़ में शुरू की दो रकआत में इमाम साहब ऊँची आवाज़ में सूरह फातिहा और क़ुरान शरीफ की सूरत पढ़ेंगे,

फिर तीसरी और चौथी रकआत में इमाम साहब मन ही मन में सिर्फ सूरह फातिहा पढ़ेंगे।

इमाम के पीछे नमाज़ पढ़ने वाले ( मुक्तदी ) सिर्फ खामोश खड़े रहेंगे।

नोट 2: – याद रहे इमाम साहब के पीछे नमाज़ पढ़ते वक़्त नमाज़ का कोई भी अरकान इमाम साहब से पहले अदा ना करे।

नोट 3: – अगर अकेले नमाज़ पढ़ रहे हो तो पहली दो रकअत में सूरह फातिहा के बाद कोई भी सूरह पढ़ेंगे जो भी याद हो, और बाद की दो रकाअत में सिर्फ सूरह फातिहा पढ़ेंगे।


ईशा की 2 सुन्नत नमाज़ | Isha Ki 2 Sunnat Namaz Ka Tarika

ईशा ( isha ki namaz ) की दो सुन्नत नमाज़ की निय्यत: –

“नियत की मैंने दो रकअत नमाज़ सुन्नत, वास्ते अल्लाह तआला के, वक्त ईशा, मुँह मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़, अल्लाहु-अकबर।”

अल्लाहु-अकबर कहकर हमें हाथ बाँध लेना है। फिर सबसे पहले हम सना पढ़ेंगे।

इसके बाद अउजू बिल्लाहि मिनश शैतान निर्रजिम. बिस्मिल्लाही र्रहमानिर रहीम. पढ़ेगे।

इतना पढ़ने के बाद दोनों रकअतों में सूरह फातिहा पढ़ने के बाद क़ुरान शरीफ की कोई भी सूरत जो आपको याद हो वो पढ़ेगे।

फिर जब दो रकअत पूरी हो जाएंगी तब अत्तहिय्यात, दरूद शरीफ और दुआ ए मसुरा पढेंगे और सलाम फेरे लेंगे।


ईशा की 2 नफ़्ल नमाज़ पढ़ने का तरीका

ईशा ( isha ki namaz ) की दो नफ़्ल नमाज़ की नियत-

“नियत की मैंने दो रकअत नमाज़ निफ़्ल, वास्ते अल्लाह तआला के, वक्त ईशा, मुँह मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़, अल्लाहु-अकबर।”

अल्लाहु-अकबर कहकर हमें हाथ बाँध लेना है। फिर जिस तरह दो सुन्नत पढ़ी थी वैसे ही दो रकअत नफ़्ल पूरी करेंगे।


ईशा की 3 वित्र वाजिब नमाज़ पढ़ने का तरीका

नमाजे ईशा की तीन वित्र नमाज़ की निय्यत: –

“नियत की मैंने तीन रकअत नमाज़ वित्र वाजिब, वास्ते अल्लाह तआला के, वक्त ईशा, मुँह मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़, अल्लाहु-अकबर।”

अल्लाहु-अकबर कहकर हम हाथ बाँध लेंगे और फिर सबसे पहले हम सना पढ़ेंगे।

और जिस तरह हमने दो सुन्नत और दो नफ़्ल नमाज़ पढ़ी थी, वैसे ही दो रकअत पूरी करेंगे।

और तशह्हुद में अत्ताहियात पढ़ने के बाद अल्लाहु-अकबर कहते हुए खड़े हो जायेंगे।

खड़े होने के बाद सूरह फातिहा के बाद क़ुरआन की कोई भी सूरह पढ़ेंगे।

उसके बाद अल्लाहु-अकबर कहते हुए दोनों हाथों को कान तक सीधे ले जाएंगे, और जैसे नमाज़ शुरू करने से पहले नमाज़ की नियत के बाद हाथ बाधें थे, ठीक बैसे ही हाँथ बांधेंगे।

याद रहे हाथ के अंगूठे कानो की निचली जगह को छूना चाहिए।

हाथ बाँध लेने के बाद दुआ ए क़ुनूत पढ़ेंगे।

अगर आपको दुआ ए कुनूत याद नहीं तो पढें: – दुआ ए कुनूत हिंदी में

दुआ कुनूत पढ़ने के बाद अल्लाहु-अकबर कहकर रुकू करेंग।

फिर सजदा और तशह्हुद दुसरी नमाज़ो की तरह ही करेंगे।

अत्ताहियात,दरूद शरीफ और दुआ ए मसूरा और फिर सलाम फेर लेंगे।

इस तरह वित्र की नमाज़ पढ़ी जायेगी।


ईशा की 2 नफ़्ल नमाज़ पढ़ने का तरीका

ईशा ( isha ki namaz ) की दो आखिरी नफ़्ल नमाज़ की नियत: – “नियत की मैंने दो रकअत नमाज़ निफ़्ल, वास्ते अल्लाह तआला के, वक्त ईशा, मुँह मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़, अल्लाहु-अकबर।”

अल्लाहु-अकबर कहकर हमें हाथ बाँध लेना है।

फिर सबसे पहले हम सना पढ़ेंगे और जिस तरह पहले की दो नफ़्ल पढ़ी थी,वैसे ही दो रकअत नफ़्ल पूरी करेंगे।

और इस तरह ईशा की 17 रकआत नमाज़ मुकम्मल होगी।


आखिरी शब्द

तो दोस्तों, हमने इस पोस्ट में जाना कि ईशा की नमाज़ किस तरह पढ़ी जाती है और ईशा की नमाज़ में कितनी रकत होती है।

दोस्तों, अगर इस Isha Ki Namaz Ka Tarika पोस्ट को लिखने में हमसे कोई गलती हुई हो, तो आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं, जिससे की हम उस गलती को जल्द से जल्द ठीक कर सकें।

अगर आपको पोस्ट पसंद आई हो तो आप इसे नीचे शेयर बटन पर क्लिक करके आगे भी शेयर करें।

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Comments

4 प्रतिक्रियाएं

  1. mohammad Murtaja Ansari अवतार
    mohammad Murtaja Ansari

    koi galti nhi huyi bas iman sahab ke piche pdte wqt jb imam sahab surah fatiha pde aor last me walddualin kahe to piche tamam log ahista se ameen kahe.. Jazak Allah

  2. Waseem अवतार

    Mohammad Murtaja Ansari आपका बताने के लिए शुक्रिया। हमने इस गलती को ठीक कर दिया है।

  3. Amin subhaniya अवतार
    Amin subhaniya

    Bhai Jaa kaya aorat bhi padha sakti he esi tarah kayuki mard aorat namaz me ek hi surah or ek hi ruku sajde karte he fark etana he ke bas ruku sajde bethana uthana thoda alag hota he

  4. Waseem अवतार

    Haan Bhaijaan, aurate bhi isi tarh isha ki namaz ko padhengi, baaki aap humaree doosri post aurton ki namaz ka tarika ko padh sakte hain.

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