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Inshallah Meaning in Hindi | इंशाअल्लाह का मतलब क्या है?

Category: Meaning in Hindi | हिंदी में मतलब

Post Updated On:

2 min read

Last updated on फ़रवरी 13th, 2023 at 06:51 अपराह्न

Inshallah Meaning in Hindi: – अस्सलामो अलैकुम प्यारे दीनी साथियों, अक्सर हम लोगों से सुनते हैं कि लोग अक्सर 📿 इंशा अल्लाह बोलते हैं।

लेकिन हमें समझ नहीं आता कि इंशाअल्लाह कब बोला जाता है या इंशाअल्लाह का मतलब (Inshallah Meaning in Hindi) क्या होता है?

न ही हम यह जानते हैं कि इंशाअल्लाह कब और किस बात के लिए बोला जाता है?

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तो इस पोस्ट में हम इंशाअल्लाह को हिंदी मतलब के साथ पढेंगे और इसके बारे में भी जानेंगे।

▶️ यह भी जरूर पढ़ें: – Mashallah Meaning in Hindi


इंशाअल्लाह का मतलब | Inshallah Meaning in Hindi

आपको यह जान लेना जरूरी है कि Inshallah शब्द अरबी भाषा का शब्द है।

इंशाअल्लाह का हिंदी मतलब “अगर ﷲ अल्लाह ने चाहा” होता है।


Inshallah Meaning In Hindi Image

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इंशाअल्लाह कब इस्तेमाल किया जाता है?

इससे पहले कि हम इंशाअल्लाह की फ़ज़ीलत को जाने हमें यह जान लेना बेहद जरूरी है कि आखिर इंशा अल्लाह बोला कब जाता है?

तो जब भी आप किसी नेक और हलाल काम को अपने आईंदा आने बाले दिनों में करोगे,

तो उसे किसी भी शख्स को बताने से पहले इंशा अल्लाह कहकर ही बताये या कहें।

जैसे कि

अगर आपके पास कोई किसी दीनी काम के लिए आया हो और आपसे बोल रहा हो कि चलो उस दिन एक दीनी प्रोग्राम है, क्या आप चलोगे।

तब इसके जवाब में आपको अपने साथी से कहना है: – इंशा अल्लाह, मेरा चलने का इरादा है।

या अगर आपने कोई काम किया हो और अब आप उससे फायदा होने का सोच रहे हो,

और ये बात किसी को बोल रहे हो,

तो आप उसको बताओगे कि मैंने एक काम किया था अब पूरा हो गया है। इंशा अल्लाह, अब मुझे उससे फायदा होगा।

यानी कि अगर अल्लाह ने चाहा तो मेरा काम हो जायेगा, अगर अल्लाह ने चाहा तो मैं बहाँ चलूँगा।

▶️ यह भी जरूर पढ़ें: – इस्लाम में तारीफ करना कैसा है?


इंशाअल्लाह की फ़ज़ीलत | Inshallah Ki Fazilat

अल्लाह ने फ़रमाया है कि “इन्ना वलौनाहुम कमा वलौना अशहाबल जन्नाह इज़ अक्शमू ला यशरिमुन्नहा मुश्बिहीन।”

जिसका हिंदी मतलब होता है कि “हमने इन लोगों ऐसे आजमाया है जैसे हमने बाग़ वालों को आजमाया था।”

यहाँ पर अल्लाह ने एक बाग़ का वाक़या बयान किया है कि पिछली उम्मतों में एक कौम थी।

जिसमें कुछ लोग थे।

क्यूंकि उस वक़्त के लोगों के पास सिर्फ जमीन होती थी और उन लोगों का काम धंधा का जरिया भेंड़ बकरियाँ या बाग़ ही हुआ करते थे।

तो अल्लाह फरमाते हैं कि उन लोगों ने बाग़ पर मेहनत की और जब बाग़ पक कर तैयार हो गए तो वे लोग इतराने लगे।

कहने लगे कि हम कल जरूर-जरूर इस फसल को काटेंगे और इससे फायदा हासिल करेंगे।

अल्लाह फरमाते हैं कि उन लोगों ने “इंशाअल्लाह” नहीं कहा।

यानी उन लोगों ने अल्लाह को अपने दरमियाँन से हटा दिया।

और साथ ही साथ उन्होंने ये भी कहा कि ख्याल रहे कि इन बाग के पास कोई मिस्कीन भी न आये।

तो अल्लाह का ऐसा कहर आया कि उनकी सारी की सारी फसल बर्बाद हो गई।

अल्लाह फरमाते हैं कि जब वो अपने बागों को देखने आये तो उन्होंने देखा कि उनके बाग़ एक चटियल साफ़ मैदान में तब्दील हो गए।

वो लोग एक दुसरे पर तोहमत लगाने लगे और आखिर में कहने लगे कि

असल में हम सब ही मुजरिम हैं और अब हम रब्बे ईमान भी लाते हैं कि अल्लाह चाहेगा तो फल देगा और नहीं चाहेगा तो नहीं देगा।

अल्लाह फरमाते हैं इस तरह भी अजाब मैं अपने बन्दों को बाज दफा दिखा देता हूँ।

तो यहाँ से मालूम होता है कि एक इंशा अल्लाह पढ़ने की कितनी बड़ी फ़ज़ीलत होती है।


आजकल इंशाअल्लाह न बोलने पर ऐसा क्यूँ नहीं होता?

यहाँ आपके मन में एक बात ये आई होगी कि

अल्लाह एक इंशा अल्लाह के छोड़ने पर इतनी बड़ी सजा देगा कि उस कौम को तबाह कर दिया।

तो आजकल हम लोग तो दिन में कितनी दफा इंशा अल्लाह कहना भूल जाते हैं, तो हम लोगों के साथ अल्लाह कोई अजाब क्यूँ नाजिल नहीं करता?

तो अगर अल्लाह आज के दौर में इस तरह के अजाब नाजिल करने लगे तो कोई भी आसानी के साथ अल्लाह पर ईमान लाने को तैयार हो जायेगा।

अल्लाह पर बिना देखे यकीन करना ही तो ईमान लाना है और ये दुनिया भी तो इम्तिहान का मैदान है।

तो यहाँ आपको यह जान लेना बेहद जरूरी है कि असल में जो इंशा अल्लाह हम आजकल सुबह-शाम पढ़ते हैं ये वो इंशाअल्लाह नहीं है।

क्यूंकि ये बिलकुल ऐसे है जैसे हम पहला कलमा ला इलाहा इल्लल्लाह सुबह शाम पढ़ते रहते हैं।

बल्कि ये इंशा अल्लाह ठीक बैसा है जैसे अबू जहल के मूँह से कलमा एक दफा भी नहीं निकला।

आपके चाचा अबू तालिब की जुबान से आखिरी वक़्त तक नहीं निकला।

हांलांकि उन्होंने सारी जिंदगी उन्होंने आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को सपोर्ट किया।

और वो इसका मतलब अच्छे से जानते और समझते थे।

▶️ यह भी जरूर पढ़ें: – दूध पीने की दुआ हिंदी में

आजकल तो हम लोग इंशा अल्लाह, माशा अल्लाह कहते रहते हैं और कलमा भी पढ़ते रहते हैं और हमारी पेशानी पर जरा भी बल नहीं पड़ता।

जबकि अबू जहल से जब कलमा पढ़ने को कहा जाता था तो उसके चेहरे पर पसीना आ जाता।

तो आजकल हमारे अन्दर अल्लाह का डर नहीं रहा है। हम लोग बस जुबान से अल्लाह का इकरार करने वाले हैं दिल में अल्लाह का जरा भी डर बाकी नहीं है।

अल्लाह से दुआ करें कि अल्लाह हमें सही समझ और ईमान की सही दौलत नसीब करे।


आखिरी शब्द

जैसा कि हमने अपनी इस पोस्ट में इंशाअल्लाह का हिंदी मतलब (Inshallah Meaning in Hindi) पूरी डिटेल में पढ़ लिया।

इंशा अल्लाह आप कोशिश करेंगे कि अब आप इंशा अल्लाह को अपनी जिन्दगी में इस्तेमाल किया करेंगे।

दोस्तों, अगर हमसे लिखनें में कोई गलती हुई हो तो आप हमें कमेंट में जरूर बताएं।

गुज़ारिश है कि आप हमारी इस पोस्ट को अपने साथियों के साथ जरूर शेयर करेंगे।

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