Last updated on मार्च 18th, 2023 at 03:48 अपराह्न
काफी लोगों का सवाल होता है, खासकर बच्चों का जो अभी-अभी नमाज़ पढ़ना सीखें हैं कि Fajar Ki Namaz Ka Tarika Hindi Me क्या है?
दोस्तों, हमें यह लिखते हुए अपसोस है कि हममें से ज्यादातर लोग फजर की नमाज अदा नहीं करते हैं; फजर की नमाज़ अदा ना करने के दीन में और दुनिया में भी बहुत सारे नुकसान है।
दोस्तों, बैसे तो पांचों वक्त की नमाज बड़ी रहमत वाली है।
लेकिन फजर की नमाज बहुत ही रहमत और अज़मत वाली होती है; क्यूँकी फजर की नमाज 5 वक्त की नमाज में सबसे पहले पढ़ी जाती है।
इस वज़ह से इसका औदा बड़ा हुआ है, और इस नमाज को पढ़ने के बाद दिन की शुरूआत होती है।
इसलिए हर मुसलमान शख्स को चाहिए कि वो फजर की नमाज अदा करें।
इसीलिए इस पोस्ट में हमने आपके लिए fajar ki namaz ka tarika in hindi में बताया है।
ताकि आप इस नमाज पढ़ने के तरीके को जान सकें और नमाज के पाबंद हो जाए।
फ़ज्र की नमाज़ की रकात | Fajr ki namaz ki rakat
फजर की नमाज में 4 रकात की होती है। इन 4 रकातों में 2 रकात फर्ज और 2 रकात सुन्नत (मोकीदा) होती हैं, जिसमें पहेली 2 रकात सुन्नत पढ़ी जाती है और फिर फर्ज।
नमाज़े फजर | सुन्नत | फ़र्ज |
रकात | 2 | 2 |
और अधिक जानें: – Fajar Ki Namaz Ki Rakat
फजर की नमाज, सभी नमाज़ों में सबसे छोटी रकातों वाली नमाज है, यानी पांच वक्त की नमाज में सबसे कम रकातें इसी नमाज में होती हैं।
तो चलिए अब जान लेते हैं फ़ज्र की नमाज़ की नियत कैसे करते हैं।
फजर की अज़ान का वक्त | Fajar Ki Azan Ka Time
फजर की अज़ान का वक्त सूरज निकलने के पहले तकरीबन 4-5 बजे होता है और दोस्तों आपको अज़ान के बाद की दुआ भी जरूर पढ़नी चाहिए।
हमने अज़ान के बाद की दुआ को इस वेबसाइट में मौजूद कराया है।
आप नीचे लिंक पर क्लिक करके इसे पढ़ सकते है, इसको पढ़ने के भी बहुत सी फजीलतें है।
इसे भी पढ़ें: – अज़ान के बाद की दुआ हिंदी में
फजर की नमाज़ की नियत | Fajr ki namaz ki niyat
दोस्तों, अगर आप नहीं जानते तो हम आपको बता दें कि सभी नमाज़ों को शुरू करने का एक तरीका होता है, जिसे हम नमाज़ की नियत कहते हैं।
अगर हमने नमाज़ की नियत नहीं की तो हमारी नमाज नहीं होगी।
हालांकि ऐसी बहुत सी चीजें हैं जिनको बिना किये हमारी नमाज शुरू नहीं होती है, जिसे हम नमाज की शर्ते और फराइज़ कहते हैं।
लेकिन इस पोस्ट में हम फजर की नमाज की नियत और इसके तरीके के बारे में जानेंगे।
वैसे तो जब हम नमाज पढ़ने खड़े होते हैं तब नमाज की नियत बोलना जरूरी नहीं होता है।
लेकिन आपको यह पता होना जरूरी है कि जो आप नमाज़ पढ़ रहे हैं उसमें कितनी रकातें हैं और उस नमाज़ का समय क्या है….
अगर आपके जहन में नमाज़ की नियत नहीं है, तो आप की नमाज शुरू नहीं होगी।
हर नमाज की नियत अलग-अलग होती है; जिसमें आप नमाज़ का वक्त और रकात को शामिल करते हैं।
फ़ज्र की दो रकात सुन्नत नमाज़ की नियत करने का तरीका
‘‘ नियत करता हूं मैं दो रकात नमाज़ फजर की सुन्नत वास्ते अल्लाह ताआला के मूंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर ”
फ़ज्र की दो रकात फ़र्ज नमाज़ की नियत करने का तरीका
Fajar Ki Namaz Ka Tarika जानने से पहले हमें चाहिए कि फजर की नमाज की नियत करने का तरीका समझ लेते हैं…
” नियत करता हूं मैं दो रकात नमाज़ फजर की फर्ज वास्ते अल्लाह ताआला के मूंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर ”
📌 नोट: - अगर आप Fajar Ki Namaz अकेले पढ़ें या नमाज़ घर पर पढ़ें, तो इमाम के पीछे ना कहें। अगर आप फ़र्ज नमाज़ इमाम के पीछे पढ़ रहे हैं तो आप वास्ते अल्लाह ताआला के बाद "पीछे इस इमाम के" लगायें।
फज़र की सुन्नत नमाज़ का तरीका हिंदी में | Fajar Ki Namaz Ka Tarika
Step-1 वजू करना
जब आप नमाज अदा करने जा रहे हैं तो उससे पहले आपको वजू करना होता है, और वज़ु अच्छे तरीके से करें।
अगर आपको नहीं मालूम कि अच्छे से और सही तरीके से वजु करने का क्या तरीका है, तो आप नीचे दिए हुए पोस्ट को जरूर पढ़ें।
यहाँ से जाने: – Wazu Karne Ka Tarika Kya Hai?
Step-2 चटाई या मुसल्ला बिछाना
वजू करने के बाद आप नमाज के लिए चटाई या मुसल्ले (जा नमाज़) पर खड़े होंगे।
Step-3 नमाज़ की नियत करना
अब आपको नियत करना है और नियत कैसे करनी है, हमने आपको नियत करने का तरीका ऊपर बता दिया है, नियत करने के बाद आप अपने हाथ बांध लेंगे।
जब आप नियत कर लेंगे उसके बाद आप सना पढेंगें और सना इस तरह पढेंगे।
सना पढ़ने का तरीका
Step-4 सना पढ़ना
सना – “सुब्हा न कल्ला हुम्मा व बिहमदिका व त बा र कस्मुका व तआला जददुका वला इलाहा गैरुक”
इसके बाद अउजू बिल्लाहि मिनश शैतान निर्रजिम बिस्मिल्लाही र्रहमानिर रहीम पढ़ें।
Step-5 सूरह फातिहा पढ़ना
सना पढ़ने के बाद आप सूरह-अल-फातिहा पढ़ेंगे।
अगर आपको सूरह फातिहा याद नहीं तो पढ़ें: – Surah Fatiha Hindi Mein
📌 नोट: - अगर आप इमाम के पीछे फ़र्ज नमाज़ पढ़ रहे हैं तो आपको केवल ख़ामोशी के साथ सना पढ़ना है और उसके बाद कुछ नहीं पढ़ना है।
Step-6 कुरआन की छोटी या बड़ी सूरह पढ़ना
सूरह फातिहा पढ़ने के बाद आप कुरान मजीद की कोई भी छोटी या बड़ी आयत या सूरह को पढ़ेंगे।
अगर आपको कोई भी सूरत याद नहीं तो आप हमारी वेबसाइट में मौजूद All Surah in Hindi पर जाकर इन्हें पढ़ सकते हैं।
सूरह फातिहा पढ़ने के बाद अल्लाहु-अकबर (Takbeer) कहते हुए रुकू में जाए।
Step-7 रुकू करना
रूकु कैसे करना है?
आपको चाहिए कि रुकु में सही तरीके से जाएं। रुकु में जाने का सबसे सही तरीका यह है कि आपका शरीर आधा झुका हो और पीठ सीधी झुकी होनी चाहिए।
रुकू में अपने घुटनों को हाथ की उंगलियों से मजबूती से पकड़ लें और घुटनों पर उंगलियों को फैला कर रखें,
और इतना झुके की सर और कमर बराबर हो जाये।
Step-8 रुकू की दुआ पढ़ना
रुकू में जाने के बाद आप रुकु में अल्लाह की ये तस्बीह “सुबहाना रब्बी यल अज़ीम” 3, 5 या 7 मर्तबा इत्मीनान के साथ पढेंगे।
रुकू में अपनी निगाह पैरों के अंगूंठों पर रखें।
Step-9 रुकू से सीधे खड़े होने की दुआ पढ़ना
सुबहाना रब्बी यल अज़ीम पढ़कर आप “समीअल्लाहु लिमन हमीदाह” कहते हुए रुकू से सीधे खड़े हो जाएंगे।
इसके बाद ‘रब्बना व लकल हम्द कहेंगे और फिर अल्लाहु-अकबर कहते हुवे सज्दे में जायेंगे।
सजदे में जाते वक़्त सबसे पहले अपने हाथ घुटनों पर रखेंगे, फिर घुटने जमीन पर टिकाएंगे, फिर हाथ जमींन पर रखेंगे।
Step-10 सजदा करना
सजदा करने का सही तरीका यह है कि सबसे पहले आपके दोनों घुटने जमीन पर लगे।
फिर आपके दोनों हाथ जमीन पर जाए और उसके बाद आपकी नाक और फिर आपका माथा (पेशानी) जमीन पर लगे।
और यह ख्याल रहे आपका चेहरा दोनों हाथों के दरमियान रहे।
मर्दों को केवल अपने दोनों हाथों की हथेलियाँ ही जमानी हैं और कोहनी वगैरह को ऊँची उठी रखनी चाहिए।
पेट को जांघों नहीं चिपकाना है यानी अपनी रानो से पेट को दूर रखें, और दोनों पांव की उँगलियां ज़मीन पर जमे हुए, और पाँव के पेट क़िब्ला रुख रहे।
इसके बाद सजदे में आप 3, 5 या 7 मर्तबा इत्मीनान के साथ “सुबहाना रब्बी यल आला” पढेंगे।
📌 नोट: - दोस्तों आप सजदे में अल्लाह से दुआ भी मांग सकते है क्यूकि सजदे के वक्त आप अल्लाह से सबसे ज्यादा करीब होते हैं।
फिर आप अल्लाहु-अकबर कहते हुए सजदे से उठकर सीधे बैठ जायेंगे।
जब आप सजदे से उठकर सीठे बैठेंगे उस वक़्त आपके पैर की उँगलियाँ हिलनी नहीं चाहिए।
मतलब ये कि उनका रुख क़िबला की जानिब मुदा हुआ हो, और उलटे पैर को सीधे पैर की जानिब मोड़ के बैठेंगे।
फिर दोबारा से अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जायेंगे। यहाँ फिर से उलटे पैर की ऊँगलीया क़िब्ला रुख करेंगे।
सज्दे में फिर से अल्लाह की वही तस्बीह “सुबहान रब्बी अल आला” 3 या 5 या 7 बार पढेंगे।
इस तरह आपकी एक (1 ) रकअत पूरी हो जाएगी।
Step-11 दूसरी रकात के लिए खड़े होना
फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए दूसरी रकात के लिए खड़े हो जाएंगे, और अपने हाथ बांध लेंगे।
फिर से अल्हम्दु शरीफ पढ़ेंगे उसके बाद कोई दूसरी सूरह की तिलावत करेंगे जो आपको याद हो,
Step-12 फिर पहली रकात के जैसे दूसरी रकात पढ़ना और आखिर में तशहुद (जलसे की हालत में) बैठना
उसके बाद फिर से वही अल्लाहु अकबर कहते हुए दुसरे रुकू में जाएंगे।
फिर रुकू में जाने के बाद आप रुकु में 3, 5 या 7 मर्तबा “सुबहाना रब्बी यल अज़ीम” पढेंगे।
फिर “समीअल्लाहु लिमन हमीदह” कहते हुवे रुकू से खड़े हो जायेंगे।
इसके बाद, “रब्बना व लकल हम्द” कहेंगे और फिर अल्लाहु-अकबर कहते हुए पहले की तरह 2 बार सजदा करेंगे।
और अबकी बार जब दूसरा सजदा कर लेंगे तो सीधा खड़े नहीं होकर आप तशहुद (जलसे की हालत में) में बैठ जाएंगे।
(सजदे से उठकर बैठने का तरीका पहली रकअत जैसा ही होगा।)
Step-13 तशहुद में कुछ दुआओं को पढ़ना
तशहुद में बैठने के बाद आप नीचे बताई हुई चीजों को पढेंगे।
तशहुद (जलसे की हालत में) यह पढें
तशहुद में बैठकर आप सबसे पहले अत्तहियात पढेंगे।
अत्तहियात हिंदी में | Fajar Ki Namaz Ka Tarika
“अत्ताहियातु लिल्लाहि वस्सलवातु वत्तैयिबातू अस्सलामु अलैका अय्युहन नबिय्यु व रहमतुल्लाही व बरकताहू अस्सलामु अलैना व अला इबादिल्लाहिस सालिहीन”
अत्तहियात में जब ‘अश्हदू अल्लाह इलाहा’ आयेगा तब आप अपनी शहादत की उंगली को उठा कर के छोड़ दें।
📌 नोट: - अशहदु अल्ला {ला} पर सीधे हाथ की शहादत की ऊँगली को आपको इस तरह ऊपर उठाना है कि अंगूठा और बीच की सबसे बड़ी उंगली के पेट दोनों आपस में मिले रहें और शहादत की ऊँगली ऊपर करना है।
अत्तहियात के बाद आप दरूद शरीफ पहेंगे, दरूद शरीफ पढ़ना जरूरी है।
दरूदे इब्राहीम | Fajar ki namaz ka tarika in hindi
*अल्लाहुम्मा सल्ली अला मुहम्मद व आला आली मुहम्मद कमा सल्लैता आला इब्राहिम वा आला आली इब्राहिमा इन्नका हमिदुम मजिद.
अल्लाहुम्मा बारीक़ अला मुहम्मद व आला आली मुहम्मद कमा बारकता आला इब्राहिम वा आला आली इब्राहिमा इन्नका हमिदुम मजिद* सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम *
दरूदे पाक पढ़ने के बाद आप dua e masura पढ़ेंगे.
दुआ ए मासुरा | dua e masura in hindi
“अल्लाहुम्मा इन्नी ज़लमतू नफ़्सी ज़ुलमन कसीरा, वला यग़फिरुज़-ज़ुनूबा इल्ला अनता, फग़फिरली मग़ फि-र-तम्मिन ‘इनदिका, वर‘हमनी इन्नका अनतल ग़फ़ूरूर्र रहीम”
Step-14 सलाम फेरना
दुआ ए मसुरा पड़ने के बाद आप सलाम फ़ेर लें।
पहला सलाम फेरेंगे तो आप अपने दाए काँदे (Right Shoulder) पर देखते हुए कहेंगे, अस्सलमो अलैकुम वरहमातुलह।
आप फिर दूसरा सलाम फेरेंगे दूसरा सलाम फेरेंगे तो आप अपने बाए काँदे (Left Shoulder) पर देखते हुए कहेंगे अस्सलमों अलैकम वरहमातुलह।
दाहिनी तरफ के सलाम में दाहिनी तरफ के फ़रिश्तो और नमाज़ियों की नियत करेंगे,
और बायीं तरफ के सलाम में बायीं तरफ के फ़रिश्तो और नमाज़ियों की नियत करेंगे।
नियत करना दिल के इरादे का नाम है जुबान से कुछ न कहें।
तो दोस्तों यह तो था फजर की 2 रकात सुन्नत नमाज का तरीका अब बात कर लेते हैं, फ़र्ज नमाज़ को कैसे पढ़ते हैं
फज़र की फ़र्ज नमाज़ का तरीका हिंदी में | Fajar Ki farj Namaz Ka Tarika
Step-1 नियत करना (Fajar Ki Namaz Ka Tarika)
” नियत करता हूं मैं दो रकात नमाज़ फजर की फर्ज वास्ते अल्लाह ताआला के मूंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर ”
📌 नोट: - अगर आप Fajar Ki Namaz अकेले पढ़ें या नमाज़ घर पर पढ़ें, तो इमाम के पीछे ना कहें। अगर आप फ़र्ज नमाज़ इमाम के पीछे पढ़ रहे हैं तो आप वास्ते अल्लाह ताआला के बाद "पीछे इस इमाम के" लगायें।
इमाम साहब जब अल्लाहु अकबर कहकर हाथ बांध लें, तब आपको भी नियत करके हाथ बाँध लेना है।
Step-2 सना पढ़ना
जब आप हाथ बांध लेंगे उसके बाद आपको मन ही मन में सना पढ़नी है।
फिर बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़कर चुप हो जाना है और इमाम साहब जो भी तिलावत करेंगे, उसे दिल लगाकर सुन्ना है।
इमाम साहब सूरह फातिहा की तिलावत करेंगे और उसके बाद कोई भी क़ुरान शरीफ की सूरत पढ़ेंगे।
Step-3 रुकू पढ़ना
फिर जैसे ही इमाम साहब अल्लाहु अकबर कहकर रुकू में जायेंगे तो उसके बाद हम भी रुकू में चले जाएंगे।
फिर इमाम साहब “समीअल्लाहु लिमन हमीदह” कहकर रुकू से खड़े हो जाएंगे, तो हमें भी ‘रब्बना व लकल हम्द’ ( मन में ) कहते हुए रुकू से खड़े हो जाना है।
Step-4 सजदा करना
रुकू करने के बाद इमाम साहब अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे में जाएंगे, तो उनके पीछे-पीछे हमें भी सजदे में जाना है।
हम आहिस्ता से सजदे की तस्बीह पढेंगे, फिर इमाम साहब अल्लाहु अकबर कहकर बैठेंगे, तब हमें भी बैठ जाना है।
दूसरी बार फिर इमाम साहब अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे में जाएंगे, तो उनके पीछे-पीछे हमें भी सजदे में जाना है।
और सजदे की तस्बीह पढ़ना है। फिर इमाम साहब अल्लाहु अकबर कहते हुए खड़े हो जाएंगे, तब हमें भी खड़े हो जाना है।
इस तरह फ़र्ज नमाज़ की एक रकात पूरी हो जायेगी, और इसी तरह हमें दूसरी रकअत भी पूरी करना है।
दूसरी रकात (Fajar Ki Namaz Ka Tarika)
इमाम साहब फिर से सुरह फातिहा पढ़ेंगे और सुरह फातिहा के बाद कोई भी क़ुरान शरीफ की सूरत पढ़ेंगे, जिसे हमें गौर से सुन्ना है ।
फिर जैसे ही इमाम साहब अल्लाहुअकबर कहके रुकू में जायेंगे, हम भी रुकू में चले जाएंगे।
फिर इमाम साहब ‘समीअल्लाहु लिमन हमीदह’ कहते हुए रुकू से खड़े हो जाएंगे, तब हमें भी ‘रब्बना व लकल हम्द ( मन में ) कहते हुए खड़े हो जाना है।
फिर इमाम साहब अल्लाहुअकबर कहते हुए सजदे में जाएंगे तो उनके पीछे-पीछे हमें भी सजदे में जाना है।
हम आहिस्ता से सजदे की तस्बीह पढेंगे, फिर अल्लाहुअकबर कहके इमाम साहब बैठेंगे, तो हमें भी बैठ जाना है।
दूसरी बार फिर इमाम साहब अल्लाहुअकबर कहते हुए सजदे में जाएंगे तो उनके पीछे पीछे हमें भी सजदे में जाना है।
और सजदे की तस्बीह पढ़ना है। उसके बाद इमाम साहब अल्लाहुअकबर कहते हुए अत्तहिय्यात में बैठ जाएंगे, तो हमें भी अत्तहिय्यात में बैठ जाना है।
फिर हम मन में अत्तहिय्यात पढेंगे, उसके बाद दरूदे इब्राहीम पढेंगे और दुआ ए मसुरा पढेंगे।
उसके बाद जब इमाम साहब सलाम फेरेंगे, तब हमें भी सलाम फेर लेना है।
इस तरह आपकी फ़ज़्र की, दो रक्आत फ़र्ज नमाज़, इमाम साहब के पीछे पूरी मुकम्मल हो जाएँगी।
📌 नोट: - हमें यह याद रहे कि जब हम इमाम साहब के पीछे नमाज़ पढ़ रहे हों तो कोई भी नमाज़ का अरकान इमाम साहब से पहले अदा ना करें। इमाम के पीछे का मतलब ही यही होता है इमाम साहब अदा कर ले उसके बाद ही हमें अदा करना है।
Step-5 तस्बीह पढ़ना
इसके बाद आप
33 बार सुब्हानलाह (पाक है अल्लाह)।
33 बार अल्हम्दुलिल्लाह (तमाम तरीफ़े अल्लाह के लिए है)।
34 बार अल्लाहु अकबर (अल्लाह सबसे बढ़ा है)।
1 बार ला ईला-ह इल्लल्ला (अल्लाह के सिवा कोई मआबूद नहीं है)
तो दोस्तों आपकी फजर की नमाज नमाज़ मुक्कमल हो गई इसके बाद अब आप अल्लाह से तमाम उम्मते मोहम्मदिया के लिए दुआ मांगे।
जो इस तरह है –
Step-6 दुआ करना
अल्लाहुम्म अंतस्सलामु
व मिनकस्सलामु
व इलैक यरजिउस्सलामु
हाय्यीन रब्बना बिस्सलामि
व अदखिल ना दारस्सलामि
तबा-रकत रब्बना
व तआलय्-त या जल जलालि वाल इकरामo
इसके बाद आप आयतुल कुर्सी पढ़ेंगे इस पर हमने अलग से पोस्ट बनाया है आप उसे पढ़ सकते है।
उसमें आपको आयतल कुर्सी का तर्जुमा और इसकी फजीलत के बारे में बताया गया है।
फजर की नमाज की फजीलत | Fajar Ki Namaz Ki Fazilat
दोस्तों इस नमाज़ की बहुत सी फजीलत है और इसके कई फायदे है जिनमें से चंद फज़िलातें और फायदे आपको नीचे बताये गए हैं।
1. दोस्तों फजर की नमाज बड़ी रहमत वाली होती है, यह वक्त बहुत खुबसूरत और शांत होता है; जिस वजह से हम हमारे अल्लाह की रजा के लिए अच्छे से इबादत कर सकते हैं।
2. हमारे नबी (सल्लल्लाहु अलैहि बसल्लम) ने फरमाया फजर के नमाज के लिए मस्जिद पैदल जाओ।
इससे ये होगा कि आप बहुत सी खतरनाक बिमारीयों से महफूज रहेंगें।
डॉक्टर हमेशा कहते हैं, कि कोई भी बीमारी हो तो आप सुबह टहला करें।
अक्सर doctor की बात हम मान लेते हैं, लेकिन अपने दीन में बताई हुई बातें नहीं मानते।
3. इस वक्त आपका दिमाग तेज काम करता है, जिसकी वजह से आप अपना काम और अच्छे से करते हैं।
4. फजर के वक्त नमाज़ पढने से आपके घर में अल्लाह की रहमत और बरकत की बारीश होती है।
5. फजर की नमाज हमलोग को शैतान से बचाती है, और हुज़ूर सलल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया,
“जो इंसान फजर की नमाज पढ़ता है वो अल्लाह की पनाह में आ जाता है। (इब्न माजा)
6. फजर की नमाज़ पढ़ने से हमारे दिलों में सुकून आता है और अल्लाह हमें महफूज रखता है और हमें सही राह दिखाता है।
7. अगर आप अपने दिन की शुरुआत फजर की नाम से करते हैं तो बेशक आपका दिन बहुत अच्छा गुजरेगा और आपके काम मे बरकत होगी।
8. जो इंसान फजर की नमाज़ सूरज उगने से पहले पढ़ता है वो इंसान जहन्नम से महफूज रहेगा।
9. फजर की नमाज़ की दो सुन्नत नमाज़, इस दुनिया के तमाम चीजों से बेहतर है। (Tirmidhi)
फजर की नमाज़ से जुड़े कुछ सवाल और जवाब
Ans. दोस्तों आपको बता दें कि फजर की नमाज पढ़ने का बहुत ज्यादा सवाब मिलता है और ये बहुत ही अजमत और रहमत वाली नमाज़ है क्यूकि आपके दिन की शुरुआत इस नमाज़ से होती है,
दोस्तों फजर की नमाज़ में कुल 4 रकात होती है,
जिसमें 2 रकात सुन्नत होती हैं जिसे आप पहले पढ़ते हैं और फिर इसके बाद 2 रकात फर्ज पढ़ी जाती है।
Ans. फजर की नमाज़ मे कुल 4 रकात होती हैं, जिसमें 2 रकात सुन्नत होती हैं, जिसे आप पहले पढ़ते हैं और फिर इसके बाद 2 रकात फर्ज पढ़ी जाती है।
Ans. नमाज़ मे सूरह फातिहा और कुरान की कुछ सूरह और रुकु की तसबीह, सजदे कि तसबीह और इसके अलावा अत्तहियात और दरूद शरीफ और आखिर में दुआ-ए-मसूरा पढ़ी जाती है।
Ans. सबसे पहले वज़ू करें इसके बाद नियत करे फिर नियत बांध कर सूरह फातिहा और कोई सूरह पढ़ें। फिर रुकु और सजदा करें, इसके बाद अगर 2 रकात कि नमाज़ है तो दूसरी रकात मे अत्तहियात, दरूद शरीफ, दुआ-ए-मसूरा पढ़ें। फिर सलाम फेरें।
आखिरी शब्द
तो दोस्तों ये थी हमारी पोस्ट जिसमें हमने आपको fajr ki namaz ka tarika in hindi में बताया है।
दोस्तों पर अफसोस की बात तो ये है कि आज हम अल्लाह की इन नेयमतों से बहुत दूर हो चुके हैं क्यूकि आज हम अपने नींद को ज्यादा तवज्जोह देते हैं।
हमें इस बात की फ़िक्र करनी चाहिए कि फजर की नमाज़ क़ज़ा न हो क्यूकि कल आखिरत में अल्लाह हमसे इसका हिसाब लेंगे तब हम पकड़े जाएंगे।
अल्लाह से दुआ करतें हैं हम सबको नमाज और कुरान पढ़ने की तौफीक अता फरमाए। आमीन सुम्मा आमीन।
उम्मीद करते हैं, आप लोगों यह पोस्ट पसंद आई होगी। अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो, तो आप इस पोस्ट को तमाम मुसलमानों को शेयर करें।
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अल्लाह हाफिज !!!
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