Last updated on अगस्त 14th, 2023 at 09:22 अपराह्न
क्या आप जानते है दुआए क़ुनूत हिंदी (Dua e Qunoot in Hindi) क्या है, दुआ ए क़ुनूत का तर्जुमा क्या है? और इस dua को क्यों पढ़ा जाता है? इसको पढ़ने का क्या फायदा है?
अस्सलामो अलैकुम मेरे प्यारे-प्यारे भाईओ और बहनो, इस पोस्ट में आप देखेंगे दुआए क़ुनूत हिंदी (Dua e Qunoot in Hindi) में तर्जुमा के साथ और साथ ही आप की सुविधा के हिसाब से हमने दुआए क़ुनूत (Dua e Qunoot Hindi Mein Images) की हिंदी इमेज इस पोस्ट में अपलोड की है।
दुआए क़ुनूत ( Dua e Qunoot ) याद होना क्यों जरुरी है ?
असल में दुआए क़ुनूत बहुत ही अफजल दुआ है और इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते है की दुआ ए क़ुनूत ( Dua e Qunoot in Hindi ) को वित्र की नमाज़ में वाज़िब करार दे दिया।
सूरह | कब पढ़ी जाती है? |
दुआ ए कुनूत | ईशा में वित्र की नमाज़ में |
📌नोट: – दोस्तों हम सबको कोशिश करनी चाहिए की कोई भी दुआ हो अरबी भाषा मे ही पढ़नी चाहिए बैरहाल अगर आप से अरबी नहीं आती तब आप अपनी सहूलियत के हिसाब से हिन्दी, इंग्लिश मे पढ़ सकते है।
📌नोट: – किसी भी दुआ को पढ़ने से पहले अऊज़ुबिल्लाही मिनाश सैतानिर्रजिम बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम पढ़े उसके बाद ही दुआ पढ़े।
दुआ-ए-क़ुनूत हिंदी में | Dua Qunoot Hindi Mein
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” अल्लाहुम्मा इन्ना नस्तईनु क व नस-तग़-फिरू-क व नु’अ मिनु बि-क व न तवक्कलु अलै-क व नुस्नी अलैकल खैर * व नश कुरु-क वला नकफुरु-क व नख्लऊ व नतरुकु मैंय्यफ-जुरूक * अल्लाहुम्मा इय्या का न अ बुदु व ल-क- नुसल्ली व नस्जुदु व इलै-क नस्आ व नह-फिदु व नरजू रह-म-त-क व नख्शा अज़ा-ब-क इन्ना अज़ा-ब-क बिल क़ुफ़्फ़ारि मुलहिक़ * “
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दुआ ए क़ुनूत का हिंदी तर्जुमा | Dua e Qunoot Tarjuma in Hindi
दुआ ए क़ुनूत का हिंदी तर्जुमा भी ज़रूर पढ़ें!
आपको दुआए क़ुनूत पढ़ना आता है तो आपको इसका तर्जुमा अर्थ भी समझ में आना चाहिए।
तभी तो आपको जानकारी होगी की इस दुआ की फ़ज़ीलत बरकत क्या है।
तर्जुमा – ऐ अल्लाह, हम तुझ से मदद चाहते हैं ! और तूझ से माफी मांगते हैं तुझ पर ईमान रखते हैं और तुझ पर भरोसा करते हैं ! और तेरी बहुत अच्छी तारीफ करते हैं और तेरा शुक्र करते हैं।
और तेरी ना सुकरी नहीं करते और अलग करते हैं और छोड़ते हैं, इस शख्स को जो तेरी नाफरमानी करें।
ऐ अल्लाह, हम तेरी ही इबादत करते हैं और तेरे लिए ही नमाज़ पढ़ते हैं और सजदा करते हैं और तेरी तरफ दौड़ते और झपटते हैं।
और तेरी रहमत के उम्मीदवार हैं और तेरे आजाब़ से डरते हैं, बेशक तेरा आजाब़ काफिरों को पहुंचने वाला है।
दुआए क़ुनूत हिंदी इमेज | Dua e Qunoot Hindi Mein Image
दुआए क़ुनूत पीडीऍफ़ | dua e qunoot in hindi pdf download
दोस्तों हमने आपकी सहूलियत के लिए दुआ कुनूत की पीडीऍफ़ ( Dua e Qunoot Pdf in Hindi) मौजूद करायी है।
आप इसको आसानी के साथ यहाँ से डाउनलोड कर सकते है और जब आपका मन हो तब आप आसानी के साथ Dua e Qunoot Hindi Pdf को पढ़ सकते हैं।
क्या हैं Dua E Qunoot?
तो दोस्तों दुआ-ए-क़ुनूत ( Dua e Qunoot in Hindi ) एक दुआ है बाकी दुआ की तरह, इस दुआ को ईशा की वित्र नमाज़ में पढ़ा जाता है और वित्र की तीसरी रकात में सूरह फातिहा पढ़ने के बाद पढ़ा जाता है। यह दुआ वित्र की नमाज़ मे पढ़नी वाजिब है।
अगर यह दुआ आपको याद नहीं है तो हमने निचे बताया है की इसके अलावा दूसरी कौन सी दुआ पढ़ सकते है।
दोस्तों अगर आप सूरह मुज़म्मिल हिंदी में (Surah Muzammil in Hindi), हिन्दी तर्जुमा के साथ पढ़ना चाहते है तो आप यहा से पढ़ सकते है नीचे पोस्ट कि लिंक दी हुई है।
•••सूरह मुज़म्मिल हिंदी में (Surah Muzammil in Hindi)•••
कब पढ़ी जाती है दुआए क़ुनूत?
ईशा के वक़्त जब वित्र वाज़िब नमाज़ पढ़ते है तब दुआए क़ुनूत ( Dua e Qunoot ) पढ़ी जाती है।
तीसरी रकात में सूरह फातिहा और कोई सूरह पढ लेते हैं, तब आपको रुकू में जाने से पहले कानों तक हाथ उठाना होता है, फिर अल्लाहु-अक्बर कहते हुए फिर से हाथ बाँध कर दुआए क़ुनूत ( Dua e Qunoot ) पढ़नी होती है।
दुआए क़ुनूत भूल गए तो क्या नमाज़ होगी ?
अगर आप वित्र की तीसरी रकअत में दुआए क़ुनूत ( Dua e Qunoot ) पढ़ना भूल जाते हैं, तो आपको सजदए सहव करना पड़ेगा।
सजदए सहव करने का तरीका
जब आप वित्र की तीसरी रकअत में दुआए क़ुनूत ( Dua e Qunoot ) पढ़ना भूलभूल गए तब आप पहले बैठकर अत्ताहिय्यात पढ़ेंगे.
और फिर आप एक सलाम फेरेंगे और दूसरा सलाम ना फेरते हुए एक बार फिर से दो सजदे करेंगे (सजदों में सजदों की तस्बीह ही पढ़ना है) और फिर अत्ताहिय्यात दुआए मस्कुरा और दुरूदे इब्राहिम पढ़कर सलाम फेरेंगे।
दुआए क़ुनूत याद नहीं हो तो क्या पढ़े ?
अगर किसी को दुआए क़ुनूत ( Dua e Qunoot Hindi Mein ) याद नही हो तो जल्द से जल्द याद करने की कोशिश करना चाहिए,
और केवल जब तक याद न हो जाए तब तक दुआए क़ुनूत की जगह ये दुआ पढ़ना चाहिए
लेकिन ये बात गौर करने की है कि अगर आपको दुआ कुनूत याद नहीं है और आपको पता है कि वित्र की नमाज़ में यह दुआ पढ़ी जाती है तो आपको चाहिए की जल्द-से-जल्द आप इस दुआ कुनूत याद कर लें।
क्यूंकि सुनन नसई हदीस 2/235 में है कि हमारे प्यारे नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम वित्र की नमाज़ में दुआ-ए-क़ुनूत पढ़ा करते थे।
हिन्दी में : – रब्बना आतिना फिद दुनिया हसनतव वफिल आखिरति हसनतव वकिना अज़ाबन नार
तर्जुमा- ऐ हमारे रब्ब हमें दुनिया में नेकी और आख़िरत में भी नेकी दे और हमें दोज़ख ले अज़ाब से बचा।
दुआए क़ुनूत रमज़ान में | Dua e Qunoot in Hindi
1. रमज़ान ( Ramzan) में वित्र की नमाज़ ( vitra ki namaz ) जमात से पढ़ने की इजाज़त दी गयी है। बाक़ी दिनों में इसकी इजाज़त नहीं है।
2. वित्र की नमाज़ अगर रात में न पढ़ सके, तो फ़ज़्र से पहले तहज्जुद के वक़्त पढ़ लेना चाहिए।
3. रमज़ान मुबारक में जब आप ईशा की नमाज़ और तरावीह की नमाज़ ( taraweeh ki namaz ) पढ़ने के लिए मस्जिद में तशरीफ़ ले जाते है।
तब अगर किसी कारण से आप थोड़ा मुक़र्रर वक़्त से देरी से पहुँचते है, और तब तक अगर ईशा की फ़र्ज़ नमाज़ में आप शामिल नहीं हो सके हो तब आप तरावीह की नमाज़ तो जमाअत से पढ़ेंगे।
मगर वित्र की नमाज़ पढ़ते वक़्त जमाअत में शामिल नहीं होंगे और वित्र वाज़िब नमाज़ अलग से पढ़ेंगे !
दुआ ए क़ुनूत पढ़ने के फायदे | Dua e qunoot ke fayde
इस दुआ में अल्लाह का आशीर्वाद पाने के लिए कलमे लिखे गए हैं, जिन्हें पढ़कर खुदा का आशीर्वाद पाया जा सकता है।
पैगम्बर मोहम्मद भी इस दुआ को पढा करते थे, इससे ही इस दुआ की अहमियत का अंदाज़ा लगाया जा सकता है, इसलिए खुदा का आशीर्वाद पाने के लिए Dua Qunoot पढा करें।
1. दुआ ए क़ुनूत को ईशा के समय वित्र की नमाज़ के साथ पढ़ने से इंशाअल्लाह घर मे बरक्कत आती है।
2. दुआ ए क़ुनूत को ईशा के समय वित्र की नमाज़ के साथ पढ़ने से स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है, और बीमारियां दूर हो जाती है।
कई बीमारियां ऐसी होती हैं, जो पीछा छोड़ने का नाम ही नहीं लेती, ऐसी बीमारियां होने पर आपको यह दुआ (Dua Qunut) जरूर पढ़नी चाहिए।
3. दुआ ए कुनूत हिंदी में को ईशा के समय वित्र की नमाज़ के साथ पढ़ने से खुदा पढ़ने वाले को बुरी चीजों से और बुरे लोगों से दूर रखता है।
4. यह दुआ पढ़ने से काम या पढ़ाई में बरक्कत आती है। किताबों में लिखा है, और बहुत से लोगों का कहना है, की दुआ ए क़ुनूत पढ़ने से उनके काम/पढ़ाई में तरक्की आयी है।
इसलिए अगर आप भी अपने काम या पढ़ाई में तरक्की पाना चाहते हैं तो यह दुआ जरूर पढ़ा करें।
बेशक अल्लाह ताला बहुत ही रहीम और करीम है।
दुआ ए कुनूत से जुड़े कुछ सवाल और जवाब
Ans. दुआए क़ुनूत ईशा की वित्र नमाज़ मे पढ़ी जाती है।
Ans. दुआए क़ुनूत ईशा की वित्र नमाज़ मे पढ़ना वाजिब है।
Ans. वित्र कि नमाज़ मे दुआए क़ुनूत ( Dua e Qunoot ) पढना भूल गए हैं तो फिर आपको सजदए सहव करना पड़ेगा।
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