अस्सालमो अलैकुम दोस्तों, क्या आप भी Dua e Masura नहीं जानते? क्या आप भी दुआ मासुरा हिंदी में पढ़ना चाहते हैं?
तो इस पोस्ट में हमने दुआ ए मासुरा (Dua e Masura) को हिंदी में पूरी डिटेल्स के साथ बताया है।
आपको मालूम होना चाहिये कि इस दुआ ए मासूरा (Dua e Masoora) के बिना नमाज़ मुकम्मल नहीं हो सकती है और इस मासुरा दुआ को सीखना हर मुसलमान पर फर्ज है।
तो दोस्तों, इस पोस्ट में हमने आपकी सहूलियत के लिए दुआ ए मासुरा की इमेज को हिंदी उर्दू और इंग्लिश में मौजूद किया है।
और साथ ही साथ हमने इस दुआ मासुरा की पीडीऍफ़ भी मौजूद करायी है, जिसे आप आसानी के साथ डाउनलोड कर सकते हैं।
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दुआ ए मासुरा क्या है? | Dua e Masura kya hai?
Dua e Masura एक दुआ है, जो नमाज पुरी होने से ठीक अत्तहियात के वक़्त पढ़ी जाती है।
यानी कि जब हम अत्तहियात के बाद दरूद शरीफ पढ़ते हैं तो उसके बाद दुआ ए मासुरा पढ़ते हैं। फिर उसके बाद सलाम फेरते है।
होना तो ये चाहिए कि यह दुआ हर मुसलमान शख्स को याद हो, लेकिन अगर किसी वजह से याद नहीं हो, तो इसकी जगह आप कोई दूसरी दुआ भी पढ़ सकते हैं।
मगर अगर आपको मालूम है फिर भी याद नहीं की, तो आपकी नमाज़ मुकम्मल नहीं होगी।
दुआ मासुरा कब पढ़ी जाती है | kab padhi jati hai Dua Masura
“जब आप 2 या 4 रकात सुन्नत, फ़र्ज, वित्र या नफ्ल नमाज़ की आखिरी रकात में जब अत्तहियात की हालत में बैठते हैं और फिर अत्तहियात पढ़ने के बाद दरूद शरीफ पढ़ते हैं, तब उसके बाद दुआ ए मासुरा पढ़ी जाती है।”
अगर आपको नमाज पढ़ने का कम वक्त मिला हो जिससे की नमाज़ का वक़्त ख़त्म हो रहा हो या कोई और जल्दी हो, तो उस वक़्त आप दुआ ए मसुरा को अगर नहीं पढ़ते, तो भी आपकी नमाज हो जाएगी।
Dua e Masura एक बहुत अच्छी दुआ है। आप इस दुआ को नमाज़ पूरी हो जाने के बाद, जब आप अल्लाह से दुआ मांगते हैं तो उस वक्त भी पढ़ सकते है।
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चलिए दुआ मासुरा सीखते हैं……
दुआ मासुरा हिंदी, इंग्लिश और अरबी में तर्जुमा के साथ
नीचे हमने दुआ ए मासुरा को हिंदी, अरबी और इंग्लिश टेक्स्ट के रूप में मौजूद कराया है।
आप अपनी सहूलियत के हिसाब से जिस भी भाषा में चाहे दुआ ए मासूरा को पढ़कर याद कर सकते हैं और अपनी नमाज़ को दुरुस्त कर सकते हैं।
दुआ ए मासुरा हिंदी में | Dua e Masura in Hindi
बिस्मिल्ला हिर्रहमा निर्रहीम
“अल्लाहुम्मा इन्नी ज़लमतू नफ़्सी ज़ुलमन कसीरा, वला यग़फिरुज़-ज़ुनूबा इल्ला अनता, फग़फिरली मग़ फि-र-तम्मिन ‘इनदिका, वर ‘हमनी इन्नका अनतल ग़फ़ूरूर्र रहीम”
हिंदी तर्जुमा | Dua E Masura Hindi Tarjuma
तर्जुमा: – ए अल्लाह हमने अपनी जान पर बहुत जुल्म किया है और गुनाहों को तेरे सिवा कोई माफ नहीं कर सकता हमारी मगफिरत फरमा ऐसे मग फिरत जो तेरे पास से हो और हम पर रहम कर बेशक तू बड़ा मग फिरत करने वाला और रहम करने वाला है।
दुआ ए मासुरा अरबी में | Dua e masura in Arbic
بِسْمِ ٱللَّٰهِ ٱلرَّحْمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ
اَللّٰھُمَّ أِنِّیْ ظَلَمْتُ نَفْسِیْ ظُلْمًا کَثِیْرًا وَّلَا یَغْفِرُ الذُّنُوْبَ اِلَّا أَنْتَ فَاغْفِرْلِیْ مَغْفِرَةً مِّنْ عِنْدِكَ
وَارْحَمْنِیْ أِنَّكَ أَنْتَ الْغَفُوْرُ الرَّحِیْمَ
उर्दू तर्जुमा | Dua e masura in hindi
اے اللّٰه! بیشک میں نے اپنے نفس یعنی اپنی جان پر بہت زیادہ ظلم کیا اور تیرے سوا کوئی بھی گناہوں و نہیں بخش سکتا بس مجھ کو بخش دے اپنی خاص بخشش سے
اور مجھ پر رحم فرما بیشک تُو ہی بخشنے والا، بے حد رحم والا ہے
Dua e Masura in English
Bismilla hirrama nirrahim
Allahumma Inni Zalamtu Nafsi, Zulman Kaseeraan, Wala Yaghfiruz-Zunooba Illa Anta Faghfirlee Maghfiratan-mMin ‘Indika War Hamnee Innakaa Antal Ghafoorur Raheemu
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अगर आपको दुआ मासुरा याद नहीं है तो आप चाहे तो नमाज़ में नीचे दी गयी दुआ भी पढ़ सकते हैं, लेकिन आपको जल्द से जल्द दुआ मसुरा याद कर लेना चाहिए।
जब तक मासुरा दुआ याद नहीं हो जाती तब तक ये दुआ पढ़ें…
رَبَّنَا آتِنَا فِي الدُّنْيَا حَسَنَةً وَفِي الآخِرَةِ حَسَنَةً وَقِنَا عَذَابَ النَّارِ
रब्बना आतिना फ़िद्दुनिया हसनतउ व फिल आख़िरति हसनतउ वक़ीना अजाबन्नार
तर्जुमा: – ऐ हमारे रब्ब हमें दुनिया में नेकी और आख़िरत में भी नेकी दे और हमें दोज़ख ले अज़ाब से बचा।
Rabbana atina fid-dunya hasanatan wa fil ‘akhirati hasanatan waqina ‘adhaban-nar
दुआ ए मासुरा की हदीस | Dua Masoora Ki Hadees
अब्दुल्लाह बिन अमर से रिवायत है की एक बार हजरत अबू बकर रजिअल्लाहो अन्हु, आप सल्लल्लाहु अलैहि वस्सल्लम की खिदमत में हाजिर हुए और पूछा या रसूलअल्लाह, मुझे ऐसी दुआ सिखा दीजिये जो मै नमाज़ में पढ़ा करूँ।
तो आप नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वस्सल्लम ने उन्हें दुआ ए मासुरा सिखाई। (Source Sahih Al Bhukhari)
दुआ मासुरा से जुड़े कुछ सवाल और जवाब
उत्तर: – 2 या 4 रकअत नमाज़ पढ़ने के बाद जब आप अच्छे से अत्तहियात में बैठ जाते हैं, तो सलाम फेरने से पहले अत्तहियात और दुरूद ऐ इब्राहिम पढ़ने के फ़ौरन बाद दुआ ए मसूरा ( dua e masura ) पढ़ी जाती है।
उत्तर: – सलाम फेरने से पहले दुआ ए मासुरा पढ़ी जाती है।
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