Chautha Kalma in Hindi: – अस्सलामु अलैकुम, दोस्तों जैसा की हमने अपनी 📖 पिछली पोस्ट में तीन कलमों को हिंदी में अच्छे से पढ़ ही लिया है।
अगर आपने हमारी कलमें वाली पोस्ट नहीं पढ़ीं तो अभी पढ़ें।
▶️ यहाँ से पढ़ें: – 1. पहला कलमा हिंदी में | 2. दूसरा कलमा हिंदी में | 3. तीसरा कलमा हिंदी में
दोस्तों इस पोस्ट में हम Chautha Kalma in Hindi With Tarjuma पढ़ेंगे।
साथ ही साथ हम चौथे कलमे की फ़ज़ीलत को भी हिंदी में जानेंगे।
कलमा | कलमे का नाम | मायने (मतलब) |
चौथा | तौहीद | एक अल्लाह पर यकीन |
चौथा कलमा हिंदी और अरबी में | 4th Kalma in Hindi Or Arabic
आईये जानते हैं कि चौथा कलमा हिंदी में क्या है और इसका हिंदी तर्जुमा क्या होता है?
📌 Note: - किसी भी कलमा या दुआ को पढ़ने से पहले अऊज़ुबिल्लाही मिनश शैतानिर्रजीम बिस्मिल्लाह हिर्रह् मानिर्रहीम पढ़ें।
➤ चौथा कलमा हिंदी में | Chautha Kalma In Hindi
दोस्तों चौथा कलमा तौहीद हिंदी में कुछ इस तरह है –
ला इलाह इल्लल्लाहु वह्-दहु ला शरीक लहू लहुल मुल्क व लहुल हम्दु युहयी व युमीतु व हु-व हय्युल-ला यमूतु अ-ब-दन अ-ब-दा जुल-जलालि वल इक् रामि वियदि-हिल खैर व हु-व अला कुल्लि शैइन क़दीर।
➤ चौथा कलमा हिंदी तर्जुमा – Chautha Kalma In Hindi Tranlation
“अल्लाह के सिवा कोई माबूद और इबादत के लायक नहीं, वह अकेला है, उसका कोई शरीक नहीं, सब कुछ उसी का है।
और सारी तारीफें उसी अल्लाह के लिए हैं, वही जिलाता है, और वही मारता है, और वो जिंदा है, उसे हरगिज़ कभी मौत नहीं आएगी।
वोह बड़े जलाल और बुजुर्गी वाला है। अल्लाह के हाथ में हर तरह कि भलाई है और वोह हर चीज़ पर कादिर है।“
➤ Chautha Kalma In Arabic | चौथा कलमा अरबी में
दोस्तों चौथा कलमा तौहीद अरबी में इस तरह है –
لَآ اِلٰهَ اِلَّا اللهُ وَحْدَهٗ لَا شَرِيْكَ لَهٗ لَهُ الْمُلْكُ وَ لَهُ الْحَمْدُ يُحْىٖ وَ يُمِيْتُ وَ هُوَحَیٌّ لَّا يَمُوْتُ اَبَدًا اَبَدًاؕ ذُو الْجَلَالِ وَالْاِكْرَامِؕ بِيَدِهِ الْخَيْرُؕ وَهُوَ عَلٰى كُلِّ شیْ ٍٔ قَدِیْرٌؕ
Chautha Kalma In Image In Hindi And Arabic
Kalma Tauheed Mp3 | चौथे कलमा की ऑडियो
दोस्तों यहाँ हमने आपके लिए 4th Kalma Tauheed Ki Mp3 फाइल को मौजूद कराया है।
आप इसे आसानी के साथ सुन सकते हैं।
Chautha Kalma Tauheed पढ़ने की फ़ज़ीलत
चौथे कलमा को तौहीद भी कहा जाता है जिसका मतलब होता है ‘एक ख़ुदा को मानना’।
यह इस्लाम का पहला सुतून है। जो इस्लाम में मरकजी नजरिया है, यह मानता है कि अल्लाह एक (अल-अहद) और वाहिद (अल-वाहिद) है।
कुरान में बताया गया सबसे बदतरीन गुनाह जो आप कर सकते हैं, वो शिर्क है।
जिससे मुराद शरीक ठहराना या अल्लाह के साथ अन्य देवताओं को क़ुबूल करना है।
शिर्क एक संगीन गुनाह है और कुरान के मुताबिक नाकिबिले म’आफी है।
कुरान मजीद में, सूरह इखलास, अल्लाह की बह्दानियत को ब्यान करती है और तौहीद के बारे में सीखने का एक अच्छा तार्रुफ़ है।
चौथे कलमा की हदीस | 4th Kalma Hadees in Hindi
सबसे पहली बात यह है, छह कलमा पूरी तरह से कुरान या हदीस में कहीं भी नहीं पाए जाते हैं।
बहुत सी मुख्तलिफ अहदीस हैं जिनमें चौथे कलिमा के कुछ हिस्सों और उनकी अहमियत का जिक्र है।
✅ 1. कलमा तौहीद की पहली हदीस
सुनन अन-नसाई (दारुस्सलाम) की सहीह हदीस 1340 में, अबू ज़ुबैर र. अ. से मरवी है कि
“अब्दुल्ला बिन ज़ुबैर र. अ. हर नमाज़ के बाद तहलील पढ़ते थे, और कहते थे: –
ला इलाहा इल्लल्लाह वहदहु ला शरिका लाह, लहुल-मुल्क व लाहुल-हम्द
व हुवा ‘अला कुल्ली शयिन कदीर, ला हव्ला वला कुव्वता इल्ला बिलाहिल-अज़ीम;
ला इलाहा इल्लल्लाहु व ला नब्बेदिल्ला इय्याह, अहलन्-नी’मती वल-फदली वत्ततहनाइल हसन;
ला इलाहा इल्लल्लाह, मुख्लिसीना लहुद्दीना व लौ करिहल काफिरून।
(अल्लाह सुब्हाना व ताला के अलावा कोई इबादत के लायिक नहीं है, उसका ना कोई साथी है न ही कोई सहयोगी है।
बादशाही उसी के लिए है, उसी के लिए तमाम तारीफें हैं, और वह हर चीज़ पद कादिर है।
अल्लाह के अलावा कोई ताकत या शक्ति नहीं है। अल्लाह के अलावा कोई भी इबादत के लायक नहीं है, और हम उसके अलावा किसी की इबादत नहीं करते हैं,
जो रहमतों और बरकतों का सरचश्मा है और जो तमाम तारीफों के योग्य है। अल्लाह के अलावा कोई भी इबादत के लायक नहीं है,
और हम उसके प्रति ईमान और अकीदत में मुखलिस हैं, अगरचे काफिर उससे नफरत करते हैं।)
फिर इब्न अज़-जुबैर र. अ. कहते हैं कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हर नमाज़ के बाद इस तरह तहलील पढ़ा करते थे।
✅ 2. कलमा तौहीद की दूसरी हदीस
सहीह मुस्लिम 2691 में, अबू हुरैरा से रिवायत है कि अल्लाह के रसूल (ﷺ) ने फ़रमाया: –
जिसने ये कलमात हर दिन 100 मर्तबा कहे, “नहीं कोई माबूद सिवाय अल्लाह के, जो अकेला है, जिसका कोई साथी नहीं है।
बादशाही उसी की है और तमाम तारीफें उसी के लिए हैं। और वो हर चीज़ पर कादिर है।”
↳ उसके लिए 10 गुलामों को आज़ाद करने के बराबर का सवाब है।
↳ और उसके लिए 100 नेकियाँ लिखी जाती हैं।
↳ और उसके हिस्से की 100 बुराईयाँ मिटा दी जाती हैं।
↳ और ये उसके लिए उस दिन शाम तक शैतान से हिफाज़त है।
सिवाय उसके जिसने इससे ज्यादा किया हो। (जो ये कलमात सौ मर्तबा से ज्यादा कहे और उससे ज्यादा नेक अमाल करे।)
↬ और जिसने दिन में 100 मर्तबा ये कहा: – “अल्लाह पाक है और तमाम तारीफें अल्लाह के लिए हैं।”
तो उस दिन उसके गुनाह मिटा दिए जाते हैं, चाहें वो समंदर के झाग बराबर ही क्यूँ न हों।
इस हदीस के अनुसार, जो लोग एक दिन में 100 मर्तबा ला इलाहा इल्लल्लाहु, वाहदहु ला शरिका लहू, लहुल-मुल्कु वला हुल-हम्दू, वा हुवा अला कुल्ली शैइन कदीर, की तिलावत करते हैं,
उन्हें इस 10 गुलामों को आजाद करने के बराबर सवाब मिलता है, 100 नेकियाँ हिस्से में लिखी जाएँगी और 100 गुनाह माफ़ किये जाएंगे।
आखिरी शब्द
तो जैसा कि हमने इस पोस्ट में Chautha Kalma Hindi Me पढ़ने के साथ-साथ इस चौथे कलमे की फ़ज़ीलत, फायदे और हदीस को भी पढ़ा।
अगर हमसे लिखने में कोई गलती हुई है तो आप हमें कमेंट में जरूर बताएं।
आपसे गुज़ारिश है कि आप इस पोस्ट को अपने साथियों के साथ भी शेयर करें।
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