Azan in Hindi with Meaning: – प्यारे दीनी साथियों, जैसा कि हम दिन में पांच वक़्त की नमाज़ों को पढ़ने के लिए मस्जिद से अज़ान की आवाज़ को सुनते तो हैं लेकिन हम इसको याद नहीं करते हैं।
इस पोस्ट में हमने अज़ान को हिंदी (Azan in Hindi) में बताया है और साथ ही साथ अज़ान का हिंदी मतलब (Azan Meaning in Hindi) भी बताया है। अगर आप भी चाहते हैं कि मस्जिद जाकर अज़ान को पढ़ें, आपको हमने अज़ान देने का पूरा तरीका अच्छे से इस पोस्ट में बताया है।
आपसे गुज़ारिश है कि इस पोस्ट को पूरा पढ़ें, इंशा अल्लाह आप अज़ान को अच्छे से सीख जायेंगे।
🔊 अज़ान हिंदी में सुनें
अज़ान के अल्फाज़ | अज़ान का मतलब | कितनी मर्तबा पढ़ना है |
---|---|---|
अल्लाहु अकबर | अल्लाह सब से बड़ा है, | 4 |
अशहदु अन् ला इलाहा इल्लल्लाह, | मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के सिवा कोई इबादत के काबिल (बराबर) नहीं, | 2 |
अश-हदू अन्ना मुहम्मदर रसूलुल्लाह | मैं गवाही देता हूं कि मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम (ﷺ) अल्लाह के (पक्के-सच्चे) रसूल हैं, | 2 |
ह़य्या ‘अलस्सलाह | आओ इबादत की तरफ, | 2 |
ह़य्य ‘अलल्फलाह | आओ कामयाबी (सफलता) की तरफ़, | 2 |
अस्सलातु खैरूं मिनन नउम’ (सिर्फ फज़र की नमाज़ में) | नमाज़ नींद से बेहतर है, | 2 |
अल्लाहु अकबर | अल्लाह सब से बड़ा है, | 2 |
ला-इलाहा इल्लल्लाह | अल्लाह के सिवा कोई इबादत (पूजने) के काबिल नहीं। | 1 |
अज़ान हिंदी में | Azan in Hindi Text
अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर
अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर
अशहदु अन् ला इलाह इल्लल्लाह, अशहदु अन् ला इलाह इल्लल्लाह
अश-हदू अन्ना मुहम्मदर रसूलुल्लाह, अश-हदू अन्ना मुहम्मदर रसूलुल्लाह
ह़य्या‘अलस्सलाह, ह़य्या‘अलस्सलाह
ह़य्या‘अलल्फलाह, ह़य्या‘अलल्फलाह
अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर
ला-इलाहा इल्लल्लाह
Azan in Arabic Text
ٱللَّٰهُ أَكْبَرُ، ٱللَّٰهُ أَكْبَرُ
ٱللَّٰهُ أَكْبَرُ، ٱللَّٰهُ أَكْبَرُ
أَشْهَدُ أَنْ لَا إِلَٰهَ إِلَّا ٱللَّٰهُ
أَشْهَدُ أَنْ لَا إِلَٰهَ إِلَّا ٱللَّٰهُ
أَشْهَدُ أَنَّ مُحَمَّدًا رَسُولُ ٱللَّٰهِ
أَشْهَدُ أَنَّ مُحَمَّدًا رَسُولُ ٱللَّٰهِ
حَيَّ عَلَىٰ ٱلصَّلَاةِ
حَيَّ عَلَىٰ ٱلصَّلَاةِ
حَيَّ عَلَىٰ ٱلْفَلَاحِ
حَيَّ عَلَىٰ ٱلْفَلَاحِ
ٱللَّٰهُ أَكْبَرُ، ٱللَّٰهُ أَكْبَرُ
لَا إِلَٰهَ إِلَّا ٱللَّٰهُ
अज़ान का हिंदी मतलब | Azan Meaning In Hindi
- अल्लाहु अकबर (4 बार), “अल्लाह सबसे बड़ा है”
- अशहदु अन् ला इलाह इल्लल्लाह (2 बार), “मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के काबिल नहीं”
- अश-हदू अन्ना मुहम्मदर रसूलुल्लाह (2 बार), “मैं गवाही देता हूं कि मुहम्मद (ﷺ) अल्लाह के रसूल हैं”
- ह़य्य ‘अलस्सलाह (2 बार), “आओ इबादत की ओर”
- ह़य्य ‘अलल्फलाह (2 बार), “आओ सफलता की ओर”
- अल्लाहु अकबर (2 बार), “अल्लाह सब से महान है”
- ला-इलाहा इल्लल्लाह “अल्लाह के सिवा कोई इबादत के काबिल नहीं।”
📌 Note: - फ़जर की अज़ान में ह़य्या‘अलल्फलाह के बाद दो अतिरिक्त शब्द जोड़ दिए जाते हैं। वह शब्द हैं: ‘अस्सलातु खैरूं मिनन नउम, अस्सलातु खैरूं मिनन नउम’, मतलब “नमाज़ नींद से बेहतर है।”
Azan के बारे में | Details About Azan in Hindi
जैसा कि हम सभी को मालूम है कि अज़ान ही एक ऐसी आवाज़ है जो पूरी दुनिया में 24 घंटे पढ़ी जाती है।
मस्जिदों की मीनारों से अज़ान (नमाज़ के लिए पुकार) को पढ़ने का मकसद लोगों को नमाज़ों के लिए एकत्रित करना होता है।
कुछ गैर मुस्लिम भाई-बहन ऐसे होते हैं कि वो अज़ान को ही नमाज़ समझ बैठते हैं।
लेकिन उनको यह मालूम नहीं होता कि अज़ान का मकसद लोगों को नमाज़ की ओर बुलाना होता है।
▶️ इसे पढ़ें: – पांच वक़्त की नमाज़ का तरीका
अजान में अकबर का नाम क्यों लिया जाता है?
कुछ लोग जब अज़ान को सुनते हैं तो सोचते हैं कि आखिर मुसलमान अज़ान में सम्राट अकबर को क्यूँ पुकारते हैं, आइये जानते है –
ऐसा इसलिए होता है क्यूंकि अज़ान अरबी भाषा में पढ़ी जाती है, और अरबी में शब्द ‘अकबर‘ का मतलब होता है ‘महान’ या ‘बहुत बड़ा’।
तो यहाँ हमें यह समझ लेना जरूरी है कि अज़ान में जब हम ‘अल्लाहु अकबर’ कहते है तो वहां इसका मतलब होता है: “अल्लाह सबसे महान है।
यानी यहाँ अल्लाह को महान बताया जा रहा है ना कि अकबर को संबोधित किया जा रहा है। (Allāhu akbar, meaning “God is greater” or “God is the greatest”)
Azan की शुरुआत कैसे और कब हुई?
आजकल मुसलमान अज़ान को माइक्रोफोन और लाउडस्पीकर के जरिये तेज़ आवाज़ में पढ़ते हैं।
जबकि नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के वक़्त में नमाज़ को किसी ऊँची जगह चढ़ कर तेज आवाज़ में पढ़ा जाता था।
इस्लाम के आखरी पैग़म्बर (सल्ल0) ने अज़ान के शब्दों को निर्धारित कर दिया है।
जब मदीना ममुनव्वरा में नमाज़ के लिए मस्जिद बनाई गई तो उस वक़्त यह जरूरत महसूस हुई कि लोगों को नमाज़ पढ़ने के लिए किस तरह इकठ्ठा किया जाये, जिससे कि सभी एक साथ नमाज़ पढ़ने के लिए सही वक़्त पर मौजूद हो जाएँ।
रसूलुल्लाह (सल्ल0) ने जब इस बारे में अपने सहाबा से मस्बरा किया तो इस बारे में चार प्रस्ताव सामने आए:
- कहा गया कि नमाज़ के समय किसी झंडे का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- या किसी ऊँची जगह पर आग जला दी जाए।
- या यहूदियों की तरह बिगुल बना लिया जाए।
- या फिर ईसाइयों की तरह घंटियाँ बजाई जाएं।
तभी हज़रत उमर रज़ियल्लाहु अन्हु ने फ़रमाया, क्यूँ न किसी को भेज दिया जाये जो नमाज़ के लिए पुकार दिया करे।
आप हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को ये राय पसंद आई और आपने बिलाल रज़ियल्लाहु अन्हु को हुक्म दिया कि “उठो और नमाज़ पढ़ो।”
इसलिए उसी दिन से अज़ान का यह सिलसिला चालू हुआ और और ता-क़यामत तक इस तरह अज़ान का पढ़ना जारी रहेगा।
इस्लाम में हज़रत बिलाल रज़ियल्लाहु अन्हु इस्लाम के पहले अज़ान देने वाले के व्यक्ति हुए।
आईये इसकी हदीस पढ़ लेते हैं: –
अज़ान को कैसे पढ़ें? | How to do Azan in Hindi?
अज़ान नमाज़ से पहले नमाज़ के बुलावे के लिए बोला जाने वाला एक विशेष इस्लामी संदेश है।
मुअज़्ज़िन नमाज़ पढ़ने के वक़्त से पहले मस्जिद के मीनार से अज़ान की सदा लगाता है।
जब इस्लाम में कोई बच्चा पैदा होता है तो उसके कानों में सबसे पहले बोले जाने बाले शब्द अज़ान ही हैं।
आईये अब Azan Ko Padhne का सही तरीका जान लेते हैं।
🟢 नंबर 1: – सबसे पहले अज़ान देने के लिए खुद को तैयार करना
🔵 1. अज़ान देने के लिए सबसे पहले हम लोगों को वुज़ू करके नमाज़ के लिए दिमागी और जिस्मानी रूप से तैयार करना होता है:
- खुद को पाक करने के लिए सबसे पहले वुज़ू करें। वुज़ू करने के लिए सबसे पहले पहले हाथ धोएं।
- तीन बार ग़रारे के साथ कुल्ला करें, ताकि आपके मुंह में मौजूद बेकार चीज़े बाहर निकल जाएं।
- अब नाक में पानी डालकर नाक को अच्छे से साफ करें।
- अपने हाथों की मदद से चेहरे को सीधे कान की लौ से लेकर उल्टे कान की लौ तक और पेशानी से लेकर ठोड़ी तक अच्छे से धोएं।
- इसके बाद दोनों हाथों को कोहियों समेत धोएं।
- इसके बाद चौथाई सिर का मसह करें।
- फिर आप अपने दोनों पैरों को टखनों समेत धोएं।
कुछ बातों का आपको ख्याल रखना चाहिए जिनसे वुज़ू टूट जाता है।
इसको जानने के लिए आप हमारी नीचे दी गयी पोस्ट को पढ़ सकते हैं।
▶️ इसे पढ़ें: – वुज़ू का सही तरीका और टूटने की वजाहत
🔵 2. जब आप अच्छे से वुज़ू कर लेते हैं तब आपको क़िबले की तरफ मुंह करके खड़े होंना होता है।
आजकल अज़ान देने के लिए माइक का इस्तेमाल किया जाता है।
अगर माइक मौजूद न हो तो आपको अज़ान के लिए किसी ऊंची जगह, जैसे टावर, छत पर खड़े हो जाएं।
🔵 3. क़िबला रुख खड़े होकर आपको अज़ान देने की नियत करना है: खामोशी से सोचें कि आप क्या और क्यों करने जा रहे हैं।
🔵 4. अज़ान देने की शुरुआत करने के लिए सबसे पहले अपने कानों को दोनों हाथों की शहादत वाली उंगली से ढकें।
ऐसा करने से बाहर की आवाज़ों पर आपका ध्यान नहीं जाता और पूरा ध्यान अज़ान की ओर केंद्रित करने में भी बहुत मदद मिलती है।
🟢 नंबर 2 अज़ान देना शुरू करें
🔵 अब आपको अज़ान के शब्द पढ़ना शुरू करना है।
आपको चाहिए कि अगर आपको यह मालूम नहीं कि अज़ान किस तरह दी जाए, तो आप ऊपर बताई अज़ान को याद करके किसी अज़ान देने वाले व्यक्ति को सुना सकते हैं,
और अपनी अज़ान ठीक कर सकते हैं कि किस जगह रुकना है और कैसे पढ़ना है।
इसके लिए आप अज़ान की यूट्यूब पर वीडियो या रिकॉर्डिंग सुन सकते हैं।
- अज़ान देने के लिए सबसे पहले अल्लाहु-अकबर (الله أكبر) चार बार कहना है। (एक साथ दो बार कहकर थोड़ा सा रुकना है और फिर अल्लाहु-अकबर दो बार कहना है।)
- इसके बाद दो बार अशहदु अल्ला इलाहा इल्लल्लाह (أشهد أن لا إله إلا الله) कहें।
- इसके बाद दो बार अश हदु अन्ना मुहम्मदर्र रसूल उल्लाह (أشهد أن محمد رسول الله) कहें।
- इसके बाद दो बार हय्या अलस सलाह (حي على الصلاة) कहें।
- इसके बाद दो बार हय्या अलल फ़लाह (حي على الفلاح) कहें।
- अगर फ़जर की अज़ान दे रहे हैं तो हय्या अलल फ़लाह बाद, अस्सलातु खैरूं मिनन नउम को दो बार कहना है। फज़र की अज़ान के अलावा बाकी की चार वक़्त की अजानों में यह नहीं बोलना है।
- अब दो बार “अल्लाहु अकबर” (الله أكبر) कहें।
- इसके बाद “ला इलाहा इल्लल्लाह” (لا إله إلا الله) कहकर अज़ान पूरी करें।
🟢 नंबर 3: – अज़ान के बाद की दुआ का पढ़ना
🔵 1. अज़ान पूरी हो जाने के बाद आपको अज़ान के बाद की दुआ को पढ़ना होता है।
अगर आप नहीं जाते कि अज़ान के बाद की दुआ कौन सी है और इसे कैसे पढ़ें तो आप हमारी अज़ान के बाद की दुआ हिंदी में पढ़ सकते हैं।
▶️ अज़ान के बाद की दुआ हिंदी में पढ़ें।
अज़ान से जुड़े कुछ सवाल और उनके ज़वाब
जवाब: – जब सभी लोग इमाम के साथ नमाज़ पढ़ने के लिए खड़े होते हैं तो नमाज़ शुरू करने से पहले एक आदमी अज़ान के शब्दों को दोहराता है। इसे इक़ामत और तक्बीर कहते हैं। तक्बीर में “हय्य ‘अलल्फलाह” के बाद “कद-कामतिस्सलाह” दो बार कहे जाते हैं।
जवाब: – जो आदमी अज़ान कहता है उसे मुअज्जिन कहते हैं और जो तक्बीर कहता है उसे मुकब्बिर कहते हैं।
जवाब: – बहुत से लोग जो मिलकर नमाज पढ़ते हैं उसे “जमाअत” कहते हैं, और नमाज पढ़ाने वाले को “इमाम” और उसके पीछे नमाज़ पढ़ने वालों को “मुक़्तदी” कहते हैं।
जवाब: – अकेले नमाज पढ़ने वाले को “मुनफ़रिद” कहते हैं।
आखिरी शब्द
तो जैसा कि हमने ऊपर पढ़ा कि अज़ान हिंदी में (Azaan In Hindi) किस तरह पढ़ी जाती है और अज़ान का हिंदी मतलब (Meaning of Azan in Hindi) भी जाना।
तो हमें चाहिए कि हम अज़ान को अच्छे से सीखें और पढ़ें।
दोस्तों अगर हमसे लिखने में कोई गलती हुई हो तो आप हमें कमेंट में जरूर बताएं।
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