Last updated on मार्च 18th, 2023 at 03:51 अपराह्न
प्यारे साथियों, अगर आप भी असर की नमाज़ पढ़ने के तरीके को नहीं जानते हो, तो मायूस होने की जरूरत नहीं है क्यूंकि इस पोस्ट में हमने आपके लिए Asar Ki Namaz Ka Tarika पूरी डिटेल में मौजूद कराया है।
जिसे पढ़कर आप आसानी के साथ Asar Ki Namaz Ke Tarike को सीख सकते हैं।
असर की नमाज़ पढ़ने के तरीके को शुरू करने से पहले हम असर की नमाज़ के बारे में थोड़ा जान लेते हैं।
असर की नमाज़ की रकात | Asar Ki Namaz Ki Rakat
नमाजे असर ( asar ki namaz ) में 8 रकअत नमाज़ होती है। जिनमें से 4 सुन्नत 4 फ़र्ज़ होते हैं।
नमाजे असर | सुन्नत | फ़र्ज |
रकात | 4 | 4 |
अगर आपने जोहर की नमाज़ का तरीका नहीं सीखा तो आप पढ़ सकते हैं: – जोहर की नमाज़ का तरीका हिंदी में
चलिए यहाँ असर की नमाज़ में एक बार फिर से सुन्नत पढ़ने का तरीका सीख लेते हैं।
असर की 4 सुन्नत नमाज़ का तरीका | Asar ki namaz ka tarika
यहाँ भी सिर्फ नमाज़ पढ़ने की नियत बदल जायेगी, मगर 4 रकात सुन्नत नमाज़ ( asar ki namaz ) पढ़ने का तरीका वही रहेगा, जो हमने जोहर की नमाज़ पढ़ने में सीखा था।
पहली सुन्नत रकात
👉 1. सबसे पहले नमाजे असर ( asar ki namaz ) की चार सुन्नत की निय्यत करना है जो इस तरह है: – “नियत करता हूँ में चार रकअत नमाज़ सुन्नत, वास्ते अल्लाह तआला के, वक्त असर, मुँह मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़, अल्लाहु-अकबर।”
👉 2. फिर अल्लाहु-अकबर कहकर हम हाथ बाँध लेंगे और सबसे पहले हम सना पढ़ेंगे।
👉 3. सना को इस तरह पढ़ना है सुबहाना कल्ला हुम्मा व बिहम्दिका व तबारा कस्मुका व त’आला जद्दुका वला इलाहा गैरुका
सना पढ़ने के बाद अउजू बिल्लाहि मिनश शैतान निर्रजिम. बिस्मिल्लाही र्रहमानिर रहीम. पढेंगे।
👉 4. बिस्मिल्लाह पढ़ने के बाद सूरह फातिहा पढ़ेंगे और उसके बाद क़ुरान शरीफ की कोई भी सूरत जो आपको याद हो वो पढ़ेंगे। जब सूरह पूरी हो जाएगी तब अल्लाहु-अकबर की तकबीर कहते हुए रुकू में जायेंगे।
रुकू करने का तरीका
👉 5. उसके बाद रुकू में, अपने हाथों की उँगलियों को अपने दोनों घुटनों पर फैलाकर, घुटनों को मजबूत पकड़ लेंगे और इतना झुकेंगे कि सर और कमर बराबर हो जाये।
👉 6. रुकू की हालत में ही अल्लाह की तस्बीह सुबहान रब्बी अल अज़ीम 3 या 5 या 7 बार इत्मीनान के साथ पढेंगे और ख्याल रखिंगे कि निगाहें पैरो के अंगूंठो पर रहे।
सजदा करने का तरीका
👉 7. तस्बीह पूरी करने के बाद *समीअल्लाहु लिमन हमीदह * कहते हुए रुकू से खड़े हो जायेंगे और इसके बाद “रब्बना व लकल हम्द” कहेंगे फिर अल्लाहु-अकबर कहते हुए सज्दे में जायेंगे। सजदे में जाते वक़्त सबसे पहले हम अपने हाथ घुटनों पर रखेंगे, फिर घुटने जमीन पर टिकाएंगे और उसके बाद फिर हाथ जमीन पर रखेंगे।
उसके बाद नाक जमीन पर टेंकना है, फिर पेशानी जमीन पर जमाना है और चेहरे को दोनों हाथों के दरमियान रखना है। मर्दों को केवल अपने दोनों हाथों की हथेलियों को ही जमाना है और कोहनी वगैरह ऊँची उठी हुई होना चाहिए।
👉 8. सज्दे में फिर अल्लाह की तस्बीह सुबहान रब्बी अल आला 3 या 5 या 7 बार इत्मीनान के साथ पढ़ना है।
👉 9. इसके बाद फिर अल्लाहु-अकबर कहते हुए सजदे से उठकर सीधे बैठ जायेंगे।
👉 10. फिर दोबारा अल्लाहु अकबर कहकर सज्दे में जायेंगे।
👉 11. सज्दे में फिर से अल्लाह की वही तस्बीह सुबहान रब्बी अल आला 3 या 5 या 7 बार पढेंगे।
इस तरह आपकी एक (1 ) रकअत पूरी हो जाएगी।
यह भी पढ़ें: – वजू करने का तरीका हिंदी में
दूसरी सुन्नत रकात
👉 12. फिर अल्लाहु अकबर कहकर आप दूसरी रकात के लिए खड़े हो जाएंगे और अपने हाथ बांध लेंगे। फिर से अल्हम्दु शरीफ पढ़ेंगे और उसके बाद कुरआन की कोई भी सूरत पढ़ेंगे।
फिर से अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकू में जाएंगे। फिर *समीअल्लाहु लिमन हमीदह * कहते हुए रुकू से सीधे खड़े हो जायेंगे और इसके बाद रब्बना व लकल हम्द कहकर फिर अल्लाहु-अकबर कहकर सज्दे में जायेंगे।
👉 13. सज्दे में फिर से अल्लाह की तस्बीह सुबहान रब्बी अल आला 3 या 5 या 7 बार पढेंगे।
👉 14. फिर अल्लाहु-अकबर कहते सजदे से उठकर बैठ जायेंगे।
👉 15. फिर दोबारा अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जायें।
👉 16. सज्दे में फिर से अल्लाह की वही तस्बीह सुबहान रब्बी अल आला 3 या 5 या 7 बार पढेंगे।
👉 17. फिर अल्लाहुअक्बर कहते हुए सीधे बैठ जायिंगे। अब बैठी हालत में ही आपको अत्तहिय्यात पढ़ना है।
अत्तहिय्यात-
अत्ताहियातु लिल्लाहि वस्सलवातु वत्तैयिबातू अस्सलामु अलैका अय्युहन नबिय्यु व रहमतुल्लाही व बरकताहू अस्सलामु अलैना व अला इबादिल्लाहिस सालिहीन
अशहदु अल्ला इलाहा इल्ललाहू व अशहदु अन्न मुहम्मदन अब्दुहु व रसुलहू *
📌 नोट: - अशहदु अल्ला {ला} पर सीधे हाथ की शहादत की ऊँगली को इस तरह ऊपर को उठाना है कि अंगूठा और बीच की सबसे बड़ी वाली उंगली के पेट दोनों आपस में मिले रहे और शहादत की ऊँगली ऊपर करना है।
👉 18. अत्तहिय्यात पूरी होने के बाद तीसरी रकअत के लिए खड़े हो जाएंगे।
📌 नोट: - अगर अत्तहिय्यात के बाद दरूद शरीफ या दुआ पढ़ली तो सजदा सहु करना होगा।
तीसरी सुन्नत रकात
👉 19. तीसरी रकात आपको पहली रकात के जैसे ही पढ़नी है।
चौथी सुन्नत रकात
👉 20. चौथी रकात आपको दूसरी रकात के जैसे ही पढ़नी है मगर इस बार अत्तहिय्यात में बैठने के बाद खड़ा नहीं होना है।
इस बार अत्तहियात पढ़ने के बाद शहादत की ऊँगली ऊपर उठाने के बाद आपको दरूद शरीफ और दुआ ए मसुरा पढ़ना है और उसके बाद सलाम फेरेंगे।
👉 21. पहले सीधे हाथ तरफ निगाहें कंधे की तरफ झुकी हुई हो ! फिर बायीं तरफ यानी उलटे हाथ के कंधे की जानिब निगाहें रखकर सलाम फेरेंगे।
सलाम के अल्फ़ाज़ – अस्सलामो अलैकुम व रहमतुल्लाह
इस तरह आपकी असर की 4 सुन्नत नमाज़ का तरीका पूरा हो गया।
यह भी जानें: – Fajar Ki Namaz Ka Tarika Hindi Mein
असर की 4 फ़र्ज़ नमाज़ पढ़ने का तरीका | Asar Ki 4 Farz Namaz Ka Tarika
पहली फ़र्ज रकात
🍁 1. नमाजे असर ( asar ki namaz ) की चार फ़र्ज़ नमाज़ की निय्यत: – “नियत की मैंने चार रकअत नमाज़ फ़र्ज़ की ! वास्ते अल्लाह तआला के, वक्त असर का !पीछे इस इमाम के, मुँह मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़, अल्लाहु-अकबर।”
📌 नोट: - अगर अकेले पढ़े या नमाज़ घर पर पढ़े तो इमाम के पीछे ना कहे और फ़र्ज़ की नियत करके जैसी सुन्नत नमाज़ पढ़ी थी वैसी ही फ़र्ज़ नमाज़ पढ़े। यहाँ हम फ़र्ज़ नमाज़ जमआत के साथ इमाम के पीछे पढ़ने का तरिका बता रहे है।
🍁 2. इमाम साहब जब अल्लाहुअकबर कहके हाथ बांध ले तब हमें भी नियत करके हाथ बाँध लेना है।
🍁 3. हाथ बांध लेने के बाद आपको मन ही मन में सना पढ़नी है फिर बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़कर चुप होकर खड़े रहना है निगाह सजदे की जगह रखनी हैं।
🍁 4. अब इमाम साहब सूरह फातिहा के बाद कोई भी क़ुरान शरीफ की सूरत मन ही मन में पढ़ेंगे।
🍁 5. हमें सिर्फ ख़ामोशी के साथ खड़े रहना फिर जैसे ही इमाम साहब अल्लाहुअकबर कहके रुकू में जाए हम भी रुकू में चले जाएंगे।
फिर इमाम साहब समीअल्लाहु लिमन हमीदह * कहते हुवे रुकू से खड़े हो जाएंग, तो हमें भी ‘रब्बना व लकल हम्द ( मन में ) कहते हुए खड़े हो जाना है।
🍁 6. फिर इमाम साहब अल्लाहुअकबर कहते हुए सजदे में जाएंगे तो उनके पीछे पीछे हमें भी सजदे में जाना है। सजदे की तस्बीह पढ़े फिर अल्लाहुअकबर कहके इमाम साहब बैठेंगे तो हमें भी बेठ जाना है।
🍁 7. एक बार फिर इमाम साहब अल्लाहुअकबर कहते हुए सजदे में जाएंगे तो उनके पीछे पीछे हमें भी सजदे में जाना है और सजदे की तस्बीह पढ़ना है।
🍁 8. फिर इमाम साहब अल्लाहुअकबर कहते हुए खड़े हो जाएंगे तो हमें भी खड़े हो जाना है।
इस तरह एक रक् आत पूरी हो जाएगी और इसी तरह हमें दूसरी रकअत भी पूरी करना है।
दूसरी फ़र्ज रकात | asar ki farj namaz ka tarika
🍁 9. दो रक’आत नमाज़ पढ़ने के बाद तशहुद में सिर्फ अत्तहियात पढेंगे और फिर इमाम साहब अल्लाहुअकबर कहते हुए तीसरे रक’अत पढ़ने के लिए उठ कर खड़े हो जाएंगे, तो हमें भी खड़े हो जाना है।
तीसरी फ़र्ज रकात
🍁 10. इमाम के पीछे तीसरी रकाअत में भी हमें खामोश रहना है, और जैसे-जैसे इमाम साहब पढ़ेंगे, वैसे ही उनके पीछे हमें नमाज़ पढ़नी है।
चौथी फ़र्ज रकात
🍁 11. रुकू के बाद दो सज्दे कर के चौथी रक’आत के लिए खड़े हो जायेगे। चौथी रक’अत भी वैसे ही पढेंगे, जैसे की तीसरी रक’आत पढ़ी गई है। चौथी रक’अत पढ़ने के बाद तशहुद में बैठें।
🍁 12. तशहुद उसी तरह पढेंगे जैसे उपर बताया गया है। और अत्ताहियात, दरूद और दुआ ए मसुरा पढ़ने के बाद इमाम साहब सलाम फेरेंगे तो हमें भी उनके बाद सलाम फेरना है।
इस तरह असर की चार फ़र्ज़ नमाज़ ( asar ki namaz ) मुकम्मल हो गई।
उत्तर: – असर की नमाज़ का वक़्त ज़वाल का साया आने के वक़्त से शुरू होता है। यहाँ पर ज़ुहर के समय का अंत हो जाता है और उस के तुरंत बाद ही अस्र का वक़्त शुरू हो जाता है। असर का वक्त लगभग 4 बजे से शुरू हो जाता है।
उत्तर: -असर की नमाज़ का आखिरी वक़्त सूरज के ढलने (Sunset) से पहले तक रहता है। लेकिन सूरज ढलने से 20 Minutes पहले नमाज़ पढ़ना जाइज़ नहीं है। आपको मगरिब की नमाज़ होने के आधे घंटा पहले असर की नमाज़ पढ़ लेना चाहिए।
उत्तर: -अस्र (असर) की नमाज में 8 रकात होती हैं। जिनमें से 4 रकात सुन्नत और 4 रकात फ़र्ज होती हैं।
आखिरी शब्द
तो आपने जाना असर की नमाज़ का तरीका हिंदी में क्या है। जैसा की हमने असर की नमाज़ का तरीका तो सीख लिए लेकिन अगर आप और बाकी नमाज़ों के तरीके को जानना और सीखना चाहते हैं, तो आप और दूसरी पोस्ट देख और पढ़ सकते हैं।
अगर आपको पोस्ट अच्छी लगी हो तो आप इसे नीचे दिए शेयर बटन से अपने साथियों के साथ शेयर जरूर करें।
Leave a Comment