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4 Qul in Hindi Pdf | Four Qul Hindi Mein | चारों कुल हिंदी में तर्जुमा संग

Category: 4 qul in hindi, Surah in Hindi | सभी सूरह हिंदी में

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3 min read

Last updated on अगस्त 24th, 2022 at 06:47 अपराह्न

दोस्तों आपका तहे दिल से इस्तकबाल है हमारे इस पोस्ट कुरआन के चारों कुल हिंदी में (4 Qul in Hindi) पर।

दोस्तों चारों कुल का मतलब है, चार सूरतों को मिलाकर पढ़ना, इसमें 4 सूरतें होती हैं। हर मुस्लमान को चाहिए कि वे इन चारों कुल को रोजाना पढ़ा करें, हमारे प्यारे नबी (मोहम्मद सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम) भी इसे पढ़ा करते थे; और Charon kul padhne ke fayde भी बहुत हैं।

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इसलिए आज हम आपके दरमियान में 4 qul hindi mein और charon kul padhne ke fayde लेकर आयें हैं। उम्मीद करते हैं आप इस पोस्ट को पूरा पढ़ेंगे और अल्लाह की रहमत हासिल करेंगे।

चारों कुलसूरह का नामसूरह का नंबर कुरान मेकुल आयत
कुल 1सूरह काफिरून109वीं6
कुल 2सूरह अल-इख़लास112वीं4
कुल 3सूरह अल-फलक़113वीं5
कुल 4सूरह अन-नास114वीं6

कुल नंबर 1- सूरह अल-काफिरून (Surah al kafirun)

सूरह काफिरून हिन्दी मे कुल 1 में आती है और यह कुरआन के 30वें पारा में मौजूद 109वीं सूरह है, जिसमें 6 आयतें है।

सुरह अल काफ़िरून में खासकर उन लोगों का ज़िक्र है, जो अल्लाह को नहीं मानते या जो इस्लाम के मुखालीफ़ हैं।

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम

1. कुल या अय्यूहल काफिरून

2. ला आ- बुदू मा ता’बुदून

3. वला अंतुम आ बि दूना मा आबुद

4. वला अना आबिदुम मा आ बद्दतुम

5. वला अंतुम आ बि दूना मा आबुद

6. लकुम दीनुकुम वलिया दीन

और ये थी हमारी Surah kafirun, इसे qul ya ayyuhal kafirun भी कहा जाता है; तो चलिए अब हम कुल या अय्युहल काफिरून का हिंदी तर्जुमा भी देख लेते हैं।

सूरह काफिरून हिंदी तर्जुमा (Surah kafirun tarjuma hindi)

• आप कह दो, “ऐ काफिरों

• मैं उसकी इबादत नहीं करता जिसकी तुम इबादत किया करते हो।

• ना ही तुम इबादत करते हो उसे जिसकी मैं इबादत करता हूं।

• और ना मैं इबादत करूंगा उसकी जिसकी तुम इबादत करते हो।

• और ना तुम उसकी इबादत करने वाले हो जिसकी मैं इबादत कर रहा हूं।

• तुम्हारे लिए तुम्हारा दीन है,और मेरे लिए मेरा दीन है।

कुल नंबर 2- सूरह अल-इखलास (Surah al ikhlas in hindi)

सूरह अल-इख़लास हिन्दी मे कुल 2 में आता है और यह कुरआन के 30वें पारा में मौजूद 112वीं सूरह है, जिसमें 4 आयतें है।

इस सूरह का मतलब वफादारी या इखलास से है, इसे अक्सर मताकित , एकता, अल्लाह की एकता, ईमानदार धर्म; [अल्लाह की] तकमील का ऐलान की तरह में जाना जाता है।

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम

1. कुल हुवल लाहू अहद

2. अल्लाहुस समद

3. लम यलिद वलम यूलद

4. वलम यकूल लहू कुफुवन अहद

इसे kul hoval lahu ahad से भी कहा जाता है, तो चलिए अब हम सूरह इखलास का हिंदी तर्जुमा भी देख लेते हैं।

सूरह इखलास हिंदी तर्जुमा (Surah al ikhlas tarjuma hindi mein)

• आप कह दीजिये कि अल्लाह एक है

• अल्लाह बेनियाज़ है

• वो न किसी का बाप है न किसी का बेटा

• और न कोई उसके बराबर है

कुल नंबर 3- सूरह अल-फलक (Surah al falaq in hindi)

दोस्तों सूरह अल-फलक़ हिन्दी मे कुल-3 में आती है और यह कुरआन के 30वें पारा में मौजूद 113वीं सूरह है, जिसमें 5 आयतें है।

इस सुरह का मतलब भोर से है, ये मक्का की सूरह है।

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम

1. कुल आ ऊजू बिरब्बिल फलक

2. मिन शर्री मा खलक़

3. वा मिन शर्री गासिकिन इजा वकब

4. वा मिन शर्रीन नाफ्फासाती फिल उकद

5. वा मिन शर्री हसिदिन इज़ा हसद

और ये थी हमारी Surah falaq in hindi इसे qul auzu rabbin falak के नाम से भी कहा जाता है; तो चलिए अब हम सूरह फलक का हिंदी तर्जुमा भी देख लेते हैं।

सूरह फलक का हिंदी तर्जुमा (Surah falaq tarjuma hindi mein)

• कह दो ऐ बंदों की मैं सुबह को पैदा करने वाले परवरदिगार (रब) की कसम खता हूँ।

• तमाम किस्म के मखलूखों के शर से।

• और अंधेरे की बुराई से जब वह सुलझ जाए।

• और गांठों में धौंकनी की बुराई से।

• और जलने वाले की बुराई से जब वह जलन करे।

कुल नंबर 4- सूरह नास (Surah naas in hindi)

दोस्तों सूरह अल-फलक़ हिन्दी मे कुल-4 में आती है और यह कुरआन के 30वें पारा में मौजूद 114वीं सूरह है, जिसमें 6 आयतें है।

ये सूरह भी मक्का में नाज़िल हुई थी, इस सूरह का मतलब इंसानियत है।

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम

1. कुल आउज़ू बी रब्बिन्नास

2. मलिकिन- नास

3. इलाहिन- नास

4. मिन शर्रिल वास्वसिल खन्नास

5. अल- लजी युवास्विसू फी सुदुरिन्नास

6. मीनल जिन्नती वन्नास

और ये थी हमारी सुरह इसे qul auzu bi rabbin nas के नाम से भी जाना जाता है; तो चलिए अब हम सूरह नास का हिंदी तर्जुमा भी देख लेते हैं।

सूरह नास का हिंदी तर्जुमा (Surah nas tarjuma hindi mein)

• आप कह दीजिए की मैं लोगों के पालनहार की पनाह में आता हूं

• लोगों के मालिक की (और)

• लोगों के माबूद की (पनाह में)

• वसबसा डालने वाले और पीछे हट जाने वाले के शर से

• जो लोगों के दिलो में वस्वसा डालता है

• चाहे वो इंसानों में से हो या जिन्नातों में से

4 कुल हिंदी इमेज (Four Qul Hindi Image)

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चारों कुल की पीडीऍफ़ हिंदी में (Four Qul Pdf in Hindi)

हमारे प्यारे दोस्तों हमने आपके लिए नीचे चारों कुल को पीडीऍफ़ में डाउनलोड करने का लिंक दिया है आप बहन से आसानी के साथ इनकी पीडीऍफ़ डाउनलोड कर सकते हैं।

download

चारों कुल पढ़ने के फायदे (benefits four qul in hindi)

इन चारों कुलों को पढ़ने के बहुत से फायदे फजीलतें हैं, हमें रोज़ाना इन charo qul को पढ़ना चाहिए। तो नीचे हमने आपके लिए अलग-अलग इन चारों कुलों की फ़ज़ीलतें बयाँ की हैं, जिनको आप बड़ी आसानी के साथ पढ़ सकते हैं।

तो चलिए शुरू करते हैं।

पहली सूरह, सूरह काफ़िरून।

🤲सोने से पहले सूरह अल काफ़िरून को पढ़ना चाहिए, क्यूंकि सूरह काफ़िरून हमे शिर्क करने से बचाती है।
🤲अगर आप रोजाना सोने से पहले सौराह अल काफ़िरून को पढ़ेंगे, तो आप इंशा अल्लाह, पूरी रात महफूज़ रहेंगे।
🤲सूरह काफिरुन पूरे कुरान ए-मजीद के एक चौथाई के बराबर है।

दूसरी सूरह, सूरह इखलास।

🤲अगर कोई इंसान 10 मरतबा सूरह इखलास पढ़ेगा, तो अल्लाह सुब्हना व ताला जन्नत में उस के लिए घर बनाएगा।
🤲कुछ लोगों के मुताबिक, अगर आप सूरह इखलास 3 मरतबा पढ़ते हैं तो इसका सवाब आपको पुरे 1 क़ुरान का मिलेगा।

तीसरी सूरह सूरह, अल फलक।

🤲सूरह अल फलक को पढ़ने से अल्लाह हमे काला जादू और बुरी नज़रों से बचाता है।

चौथी सूरह, सूरह अन नास।

🤲सूरह नास को पढ़ने से हमारे जेहन से ख़राब सोच होती है जो शैतान के बस्बसे ने डाली होती है।
🤲वो हर शख्स जो रात को अपने घर में सूरह नास पढ़ता है, तो पूरी रात वो शख्स जिन्नों की बुराई से महफूज़ रहता है।

तो ये थे Charon kul padhne ke fayde।

चारों कुल क़ुरान मजीद की सबसे छोटी सूरह में से हैं, जैसा की यह छोटी सूरतें हैं; तो इन्हें याद करना और जहेन में रखना आसान है।

तो हर एक मुसलमान शख्स को चारों कुल की सूरतें रोज़ाना पढ़नी चाहिए।

चारों कुल पढ़ने का समय (4 qul padhne ka samay)

वैसे तो 4 qul in hindi पढ़ने का कोई एक समय नहीं है, हाँ मगर बड़े-बड़े सख्शियत का मानना है; की कुछ समय ऐसे होते हैं, जिस समय 4 qul in hindi पढ़ने का ज्यादा असर होता है।

मगर हाँ अल्लाह सारा वक़्त एक जैसा बनाया है; तो आप जब चाहें चारों कुल को पढ़ सकते हैं; अल्लाह को याद करने और उसकी इबादत करने का कोई एक समय नहीं है।

तो चलिए हम कुछ खास समय का ज़िक्र कर लेते हैं –

👉 फ़र्ज़ नमाज़ पढ़ने के बाद।
👉 आप चाहे तो आप किसी भी नमाज़ के बाद इसे पढ़ सकते है; बराबर का सवाब है।
👉 कोई भी काम शुरू करने से पहले।
👉 घर से बहार निकलते वक़्त।
👉 घबराहट होने पर।
👉 तरावीह पढ़ने के बाद।
👉 सोते वक़्त।
👉 बुरा ख्वाब आने पर।
👉 या फिर किसी भी वक़्त; किसी भी सूरत-ए-हाल।

Charo qul in hindi की एक हदीस

हज़रत आयशा फरमाती है – जब भी पैगंबर सलल्लाहो अलैहि वसल्लम (ﷺ) हर रात बिस्तर पर जाते थे, तो वह अपने हाथों को एक साथ जोड़ते थे और सूरह अल-इखलास, सूरह अल-फलक और सूरह अन-नास को पढ़ते और अपने जिस्म पर फूँक मारते थे, और फिर अपने हाथों को वो जिस्म मे जहाँ तक ले जा सकते वहाँ तक के हिस्से को रगड़ते थे।

वो अपने सिर, चेहरे और अपने शरीर के सामने के हिस्से को रगढ़ते थे ऐसा वो तीन बार करते थे। Reference: Sahih al-Bukhari 5017 In-book reference: Book 66, Hadith 39

मुबारक हो दोस्तों यहाँ हमारी 4 qul in hindi मुकम्मल होती है, हमने charo qul in hindi को पूरा जान लिया है।

हमने आपको चारों कुल से जुड़ी सारी बातें बताई हैं, अगर आप चाहते हैं; और भी सुरह को पढ़ना तो search icon पर अपनी सुरह को search कर पढ़ सकते हैं।

अल्लाह हाफ़िज़ !!!!!!

सवाल: – चारों कुल कौन कौन से हैं?

जवाब:- दोस्तों चारों कुल (Charo qul in hindi) ये है – (1) सूरह काफिरून (2) सूरह अल-इख़लास (3) सूरह अल-फलक़ (4) सूरह अन-नास।

सवाल 2: – चारो कुल पढ़ने से क्या होता है?

जवाब: – दोस्तों चारों कुल (Charo qul in hindi) पढ़ने से अल्लाह आपके ऊपर रहमत नाजिल फरमाते है आपके गुनाहों को माफ फरमाते है और आपको बुरी चीजों से बचाते है, आपको जादू-टोना से महफूज रखते है, आपके कारोबार मे बरकत अता फरमाते है। दोस्तों चारों कुल को पढ़ने के कई हदीस मालूम पड़ती है, हमे इसे रोजाना पढ़ना चाहिए।

सवाल 3: – चारों कुल कब पढ़ें?

जवाब: – दोस्तों आपको बता दें कि भी पैगंबर सलल्लाहो अलैहि वसल्लम (ﷺ) हर रात बिस्तर पर जाते थे, तो वह अपने हाथों को एक साथ जोड़ते थे और सूरह अल-इखलास, सूरह अल-फलक और सूरह अन-नास को पढ़ते।

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